5 Dariya News

मैं सिंघु बार्डर पर जाकर आधा-पौना घंटा किसानों के साथ बैठ कर वापस आना चाहता था, लेकिन मुझे जाने नहीं दिया गया- सीएम अरविंद केजरीवाल

केंद्र सरकार ने दिल्ली के 9 स्टेडियम को जेल बनाने की अनुमति मांगी थी और दबाव भी बनाया था, लेकिन मैने अनुमति नहीं दी- सीएम अरविंद केजरीवाल

5 Dariya News

नई दिल्ली 08-Dec-2020

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री बन कर नहीं, बल्कि एक आम आदमी बन कर सिंघु बार्डर पर जाकर आधा-पौना घंटा किसानों के साथ बैठ कर वापस आना चाहता था, लेकिन मुझे जाने नहीं दिया गया। केंद्र सरकार ने दिल्ली के 9 स्टेडियम को जेल बनाने की अनुमति मांगी थी और दबाव भी बनाया था, लेकिन मैने इन्कार कर दिया था। हमें पता था कि अगर हमने स्टेडियम को जेल बनाने की अनुमति दे दी, तो वे किसानों को जेल में डाल देंगे और किसानों का आंदोलन कमजोर हो जाएगा। स्टेडियम को जेल बनाने की अनुमति नहीं देने से किसानों के आंदोलन को काफी मदद मिली है और तभी से केंद्र सरकार बहुत ज्यादा नाराज है। वे नहीं चाहते थे कि मैं किसी भी तरह से बाहर जाउं और किसानों के बीच जाकर उनका समर्थन करूं। मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द किसानों की सारी मांगे मानेगी और एमएसपी पर कानून बनाएगी, ताकि हमारे किसानों को कड़ाके की ठंड में और ज्यादा नहीं बैठना पड़े। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को राजनीति से उपर उठ कर किसानों की मदद करनी है और बिल्कुल सेवा भाव से जब तक किसान बैठे हैं, तब तक उनकी सेवा करनी है।आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूरे दिन की मशक्कत के बाद देर शाम पार्टी के नेता मिले। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के नेताओं और वालेंटियर्स को संबोधित किया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि सारा देश एक साथ किसानों की इन मांगों के समर्थन में एकजुट हो गया है। एक तरफ से एकता आ गई है। आज मेरा भी मन था और मैंने भी योजना बना रखी थी कि आज मैं थोड़ी देर के लिए मुख्यमंत्री बन कर नहीं, बल्कि एक आम आदमी बनकर के बॉर्डर पर जाऊंगा और आधा-पौना घंटा अपना उनको समर्थन देने के लिए और एकजुटता जाहिर करने के लिए एक आम आदमी की तरह उनके साथ बैठूंगा और वापस आ जाऊंगा। मुझे लगता है कि उनको शायद मेरी योजना पता चल गई थी। इसलिए आज उन्होंने मुझे जाने तो नहीं दिया, लेकिन कोई बात नहीं, मैं अपने घर पर बैठ कर ही भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि यह आंदोलन देश का आंदोलन है और यह सफल हो।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ दिन पहले हमारे पास केंद्र सरकार का प्रस्ताव आया था। जब देश भर से किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे थे, तो पहले इन्होंने हरियाणा के एक-एक शहर में किसानों को रोकने की कोशिश की। इसके लिए बैरिकेट आदि लगाए, पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन हमारे किसान भाई सारी अड़चनोंको पार करके दिल्ली पहुंच गए। इन्होंने फिर योजना बनाई कि किसानों को दिल्ली में आने देंगे और इन्होंने दिल्ली में 9 स्टेडियमों को जेल में परिवर्तित करने की अनुमति मांगी।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उस दौरान मुझे अन्ना आंदोलन याद आ गया। हमें याद है कि उस समय भी इन लोगों ने बड़े-बड़े स्टेडियमों को जेल बनाया था। हम उसी जेल में रुके हुए थे। जेल में डाल देते थे और आंदोलन को कमजोर कर देते थे। एक-दो दिन में आदमी चला जाता था। मुझे पता था कि अगर आज हमने केंद्र सरकार को स्टेडियमों को जेल बनाने की इजाजत दे दी और अगर इन्होंने सारे किसानों को स्टेडियमों की जेल में बंद कर दिया, तो हमारे किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा। हमारे ऊपर खूब तरह-तरह का दबाव आए, कई फोन आए, लेकिन हमने ठान ली थी कि हम किसानों के साथ हैं। हमने इनको अनुमति नहीं दी। मैं समझता हूं कि उससे आंदोलन को काफी मदद मिली है। तभी से केंद्र सरकार बहुत ज्यादा नाराज है कि इन्होंने स्टेडियमों को जेल बनाने की अनुमति क्यों नहीं दी? उसके बाद से सिंघु बॉर्डर पर हमारे किसान बैठे हैं।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं आप सब लोगों को बधाई देना चाहता हूं। मैं जानता हूं कि आप में से कई लोग एमएलए, मंत्री और कार्यकर्ता हैं। आप लोग और दिल्ली की जनता रोज जाकर किसानों की सेवादार की तरह सेवा कर रहे हैं। हमने सब लोगों को हिदायत दे रखी है कि कोई टोपी, पट्टा पहनकर नहीं जाएगा और कोई वहां आम आदमी पार्टी का नाम नहीं लेगा। सभी लोग देशभक्त, भारतीय बनकर वहां जाएंगे और अपने किसानों की जाकर सेवा करेंगे। हमारे किसान पूरी जिंदगी रात-दिन, 24 घंटे, खून-पसीना बहाकर हमारी सेवा करते हैं। पहली बार आपको इनकी सेवा करने का मौका मिला है। मैं जानता हूं कि आप में से कई लोग फल, खाना लेकर जाते हैं। कुछ लोगों ने वहां पर शौचालय, पानी की जिम्मेदारी ले रखी है और अलग-अलग तरह से सेवा कर रहे हैं।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं भी कल सुबह सेवादार बनकर गया था। मैंने कहा था कि मैं आपका मुख्यमंत्री बनकर नहीं आया हूं। मैं आप का सेवादार बन कर देखने आया हूं कि किसी चीज की कमी तो नहीं है। इससे भी केंद्र सरकार बड़ी नाराज हुई कि एक तो वो स्टेडियमों को जेल बनाने की अनुमति लेने के लिए आए और उनको हमने अनुमति नहीं दी थी। दूसरा, उनकी सहूलियतों का ख्याल रख कर सुविधाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम जितनी भी सहूलियत दे दें, लेकिन रात में इतनी कड़कड़ाती ठंड में सड़क पर आसमान के नीचे सोना कोई छोटा काम नहीं है। उसके लिए किसानों को मैं सलाम करता हूं। फिर भी हमसे जो भी बन पड़ रहा है, हम वो सब कर रहे हैं। इसके कारण भी केंद्र सरकार बहुत नाराज है। अब 2 दिन इन लोगों ने कोशिश की कि किसी भी तरह से मैं बाहर ना निकल पाऊं। क्योंकि अगर आज यह लोग रोकते नहीं, तो शायद थोड़ी देर के लिए मैं वहां जाता। वह नहीं चाहते थे कि मैं उनके बीच में जाऊं और उनके साथ बैठकर समर्थन करूं। लेकिन कोई बात नहीं, मैंने यहां बैठकर ही प्रभू से प्रार्थना की थी कि आंदोलन सफल रहे। आंदोलन बहुत अच्छा रहा हैं। सीएम अरंिवद केजरीवाल ने कहा कि मैंने सुना है कि आज शाम 7 बजे और कल भी बैठक है। मैं उम्मीद करता हूं कि केंद्र सरकार किसानों की जो भी मांगे हैं, उन सारी मांगों को मानेगी। केंद्र सरकार कह रही है कि जो भी कानून पास किया है, वो किसानों के हित में है, लेकिन किसान बता रहे हैं कि बिल उनके हित में नहीं है। अगर किसान कह रहे हैं कि बिल हमारे हित में नहीं है, इसे वापस ले लो। इनके साथ फिर बहस बाजी किस बात की है। मैं उम्मीद करता हूं कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द किसानों की सारी बातें मानेगी। एमएसपी पर कानून बनाएगी, ताकि हमारे किसानों को और ज्यादा दिन कड़कड़ाती ठंड में ना बैठना पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सब लोगों से भी यही निवेदन है कि जब तक किसान बैठे हैं, तब तक उनकी सेवा करें। जिस देश का किसान और जिस देश का जवान दुखी है, वह देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता। जब तक हमारे देश का किसान दुखी है, तब तक हम लोगों को भी चैन से नहीं बैठना है। हमें उनकी राजनीति से ऊपर उठकर पूरी मदद करनी है। हमें कोई राजनीति नहीं करनी है और जब तक किसान बैठे हैं, तब तक सेवाभाव से आप लोगों को उनकी सेवा करनी है। उनके साथ मिलकर उनका साथ देना है।