5 Dariya News

पंजाब सरकार के सहयोग से चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं में स्थापित की गई गुरु नानक चेयर

गुरु नानक देवजी के दर्शन और संयुक्त राष्ट्र एजेंडा फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में आयोजित इंटरनेशनल सेमिनार

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घड़ूआं 23-Nov-2020

श्री गुरु नानक देव जी आध्यात्मिक मानवतावाद और विश्व शांति के लिए एक आदर्श रहे हैं। गुरु नानक देव जी के ५५१वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में उनके दर्शन व शिक्षाओं को युवा पीढ़ी तक पहुँचाने और अधिक शोध अध्ययनों के लिए पंजाब सरकार के सहयोग से चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं को यूनिवर्सल एडवांसमेंट में स्टडीज के लिए गुरु नानक चेयर की स्थापना की गई है। पंजाब सरकार के तकनीकी शैक्षिक और औद्योगिक प्रशिक्षण, पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री श्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में ‘गुरु नानक चेयर’ का उद्घाटन किया, जिस दौरान उनके साथ विश्व प्र2यात आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर, पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर आर.एस. बावा उपस्थित रहे। है। इसके अतिरिक्त चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा आसपास के गांवों में १३ गुरु नानक बगीची स्थापित की जाएँगी, जिनके लिए पेड़-पौधे चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मुहैया करवाएगी और यूनिवर्सिटी के वॉलंटियर तथा एनसीसी समूह इन बगीचियों के संरक्षण करेगी। इस अवसर पर, ‘गुरु नानक जी के दर्शन और संयुक्त राष्ट्र एजेंडा फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ पर एक इंटरनेशनल सेमिनार के दौरान बड़ी सं2या में उपस्थित बुद्धिजीवियों, विशेषज्ञों और देश-विदेश के विचारकों ने अपने विचार साझा किए।उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए, कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि पंजाब सरकार और पर्यटन विभाग के सहयोग से, गुरु नानक जी की ५५०वीं जयंती के लिए समर्पित राज्य भर में बड़ी सं2या में धार्मिक समारोह आयोजित किए गए थे। साहिब जी की शिक्षाओं और विचारधारा को संघ के ध्यान में लाया गया और पंजाब सरकार ३० नवंबर को डेरा बाबा नानक में एक समापन समारोह आयोजित करने जा रही है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं और विचारधाराएं आज भी सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक स्तर पर सार्थक साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि बाबा नानक ने अपनी बानी में हमेशा महिलाओं, जल और पर्यावरण के प्रति स6मान की बात कही है और गुरु साहिब की बानी आज भी एक मार्गदर्शक के रूप में हमारे पास है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी न केवल सिख धर्म के बारे में बोलते हैं, बल्कि उनकी बानी में सभी धर्मों का स6मान किया जाता है और उनकी बानी और शिक्षाएं हम सभी को दी जाती हैं।इसके अतिरिक्त इस मौके पर संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में ‘गुरु नानक बगीची’ का उद्घाटन किया। गौरतलब है कि इस विशिष्ट उद्यान में विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए गए हैं, जो पर्यावरण के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य को भी सुनिश्चित करते हैं। नानक बगीची में तुलसी, बेहरा, गूलर, नीम, अश्वगंधा, देशी आम जैसे कई किस्मों के पौधे पक्षियों के आवास और उनके प्राकृतिक भोजन को सुनिश्चित करते हुए पर्यावरण की शुद्धता बनाए रखने के लिए लगाए गए हैं। 

संत बलबीर सिंह ने कहा कि पर्यावरण से संबंधित विभिन्न मुद्दों के मद्देनजर यह बगीची प्राकृतिक संतुलन में अपना मह8वपूर्ण योगदान देगी। संत सीचेवाल जी ने कहा कि जब हम प्रकृति में आए, पर्यावरण स्वच्छ था, परन्तु अब हम अपनी ही गलतियों का खामियाज़ा भुगत रहे हैं, जो वातावरण की खऱाब होती स्थिति के रूप में हमारे सामने है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में प्रकृति संरक्षण का कार्य किसी कानून को स6मुख रख कर नहीं किया जाता था, बल्कि उस युग में लोगों के मन में प्रकृति के लिए स6मान व सत्कार था। उन्होंने कहा कि आज भी भारत देश ने गुरु नानक जैसे महान दार्शनिकों के उपदेशों का पालन किया होता, तो आज हम दुनिया को फक्र से कह सकते थे कि हमने प्रकृति का संरक्षण किया है। उन्होंने कहा कि हमें गुरु नानक जी की सोच उनके दर्शन को व्यावहारिक तौर पर अपनाने की जरूरत है, तभी हम उस समाज व युग का निर्माण कर पाएंगे जिसका सपना बाबा नानक कभी देखा करते थे।इस अवसर पर आर्ट ऑफ़ लिविंग संस्था के संस्थापक गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर जी ने श्री गुरु नानक देव जी के अमूल्य ज्ञान की प्रासंगिकता के बारे में बात करते हुए कहा कि वर्तमान दौर में गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं व उनके दर्शन की बहुत जरूरत है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक ने सिर्फ एक व्यक्ति या महज पंजाब और देश के हित की बात नहीं की है, बल्कि नानक जी के वचन पूरी दुनिया व इस प्लेनेट के संरक्षण की बात करते हैं। रविशंकर जी ने नानक के इन्हीं तथ्यों को स6मुख रखते हुए कहा कि हमें आधुनिक समय में विकास की परिभाषा को सस्टेनेबल डेवलपमेंट के साथ दीर्घकालिक परिणामों के साथ देखना होगा। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया व प्रत्येक व्यक्ति एक-दूसरे के साथ जुड़ा हुआ है, इसलिए हमें इस पूरे ग्रह के प्रति जि6मेदारियों को समझना होगा और प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण और अच्छाई व भलाई के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करना होगा। उन्होंने कहा कि उन सभी ऋषि-मुनियों और संतों में श्री गुरु नानक देव जी का अनूठा, दार्शनिक व अभिभूत स्थान है, जिन्होंने इस धरती को ज्ञान और दर्शन का आशीर्वाद दिया है। रविशंकर जी ने कहा कि नानक जी ने सभी शास्त्रों के सार को धर्म, जाति आदि से परे सबसे सरल श4दों में व्यक्त किया है, जिसे प्रत्येक व्यक्ति, बच्चों से लेकर बड़ों तक, पढ़े-लिखे से लेकर अनपढ़, तक हर कोई समझ और आत्मसात कर सकता है। 

अंत में उन्होंने कहा कि हमें अपनी आने वाली पीढिय़ों के लिए गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ-साथ एक बेहतर व स्वच्छ पर्यावरण देने के लिए इसके संरक्षण की जि6मेदारी को समझना होगा।इस मौके पर गुरु नानक देव जी के दर्शन और संयुक्त राष्ट्र एजेंडा फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर इंटरनेशनल सेमिनार के दौरान विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्र2यात हस्तियों ने युवाओं को बाबा नानक की शिक्षाओं, दर्शन, विचारधारा और सतत विकास के बारे में जागरूक करते हुए अपने विचार साझा किए, जिसमें सरबत दा भला ट्रस्ट के संस्थापक प्रो. डॉ. एसपी सिंह ओबराय, प्रो. नसीम हमीदुल्ला (केंद्रीय विश्वविद्यालय, कश्मीर); प्रो.एन. मुथु मोहन मधुर्य (कामराज विश्वविद्यालय, तमिलनाडु); डॉ. सुरजीत कौर चहल सावित्रीबाई फुले (पुणे यूनिवर्सिटी); अमनप्रीत सिंह गिल (एसजीटीबी कॉलेज दिल्ली); गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर के प्रोफेसर और डीन (सेवानिवृ8ा) प्रो. बलवंत सिंह ढिल्लों;  डॉ. हिमाद्री बनर्जी (जाधवपुर विश्वविद्यालय, कलक8ाा); अमरजीत सिंह (जीएनडी विश्वविद्यालय, अमृतसर); प्रो. गुरिंदर सिंह मान (यूनिवर्सिटी ऑफ केंट, कैंटरबरी इंग्लैंड); प्रो. मोनिका होरज़मैन (विश्वविद्यालय बॉन, जर्मनी) और प्रो. दविंदरपाल (सिंह सेंटर फॉर अंडरस्टैंडिंग सिखिज्म कनाडा) आदि शामिल रहे।चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर स. सतनाम सिंह संधू ने संदेश देते हुए कहा कि धर्म, दर्शन, शिक्षा, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था जैसे विषय जो आज विश्व मंच पर अधिक प्रासंगिक हो रहे हैं, उन पर श्री गुरु नानक देव जी ने सदियों पहले अपनी शिक्षाओं और उपदेशों के माध्यम से जनसाधारण के सामने लाने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में गुरु नानक चेयर की स्थापना की गई है, जहाँ विद्यार्थी गुरु नानक की शिक्षाओं और दर्शन के बारे में अधिक ज्ञान हासिल करने के साथ-साथ शोध कार्य भी कर सकेंगे। स. संधू ने उ6मीद जताई कि बाबा नानक की शिक्षाओं और विचारधारा को प्रसारित करने के उद्देश्य से कैंपस में स्थापित की गई नानक चेयर श्री गुरु नानक देवजी द्वारा दिए गए सार्वभौमिक ज्ञान, पर्यावरण और सामाजिक-आर्थिक समावेशिता के संदर्भ में सार्थक रूप से प्रस्तुत करते हुए वैश्विक संदेश को आगे बढ़ाने में मदद करेगी। अंत में स. संधू ने श्री गुरु नानक देव जी की ५५१वीं जयंती पर सभी को बधाई देते हुए समारोह में शामिल होने के लिए धन्यवाद व्यक्त किया।