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हरियाणा में किसानों के खिलाफ बनें कानून, बढते अपराध तथा महिलाओं के साथ हो रेप व उत्याचार के विरोध में आप ने किया जोरदार प्रदर्शन

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करनाल 11-Oct-2020

राज्य सभा सांसद एवं आम आदमी पार्टी हरियाणा के सहप्रभारी डॉ सुशील गुप्ता के नेतत्व में किसान विरोधी काले कानून के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया गया। यह विरोध हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटृर के करनाल स्थित निवास पर किया गया। मनोहर लाल खटृर को प्रदर्शनकारियों ने हाथों में काले झंडे और विरोध में नारे लगाए।खटृर के निवास पर धरना व प्रदर्शन करने के लिए पूरे हरियाणा से किसान और आम आदमी पार्टी के करीबन 3 हजार से अधिक प्रदर्शनकारी आए हुए थे। जिनका खटृर सरकार के खिलाफ विरोध देखते ही बनता था। प्रदर्शन के दौरान मौजूद हर व्यक्ति अपनी विरोध आवाज खटृर के कानों तक पहुंचाना चाहता थे।

डा सुशील गुप्ता ने प्रदर्शनकारियों का बढाया उत्साह

डा सुशील ने प्रदर्शन के दौरान मौजूद हजारों की संख्या में पहुंच किसानों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने जो काला कानून किसानो के लिए बनाया है, हम उसका पूरे विरोध में है। यह काला कानून किसानों आढ़तियों तथा मजदूरों के लिए सीधे सीधे मौत का फरमान है। इसके सबंधित तीनों काले कानूनों को वापिस लेने और विरोध करने पर सरकार पीपली में किसानों पर लाठी चार्ज, सिरसा में आंसू गैस के गोले दागती है। यहीं नहीं खटृर सरकार विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों पर मुददमे दायर करती है, उनको जेलों में बंद कर मारती पीटती है, इसके बावजूद किसान उनके विरोध में सड़क में उतर रहा है। 

हरियाणा की खटृर सरकार किसानों से धान बाजरा गेंहू तथा मक्का की फसल को न तो खरीद रही है ना ही न्यूनतम समर्थन दे रही है।

डा सुशील गुप्ता ने कहा कि कई हफ्तों से हरियाणा की मंडियों में किसान धान बाजरा  तथा दूसरी फसलें लेकर पहुँच रहे हैं लेकिन खरीद नहीं हो रही है। फसल की आवक के मुकाबले खरीद न के बराबर हो रही है। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने और गेट पास के नाम पर किसानों को परेशान किया जा रहा है, अधिकतर किसान अनपढ़ है। ऐसे में पोर्टल पर रजिस्टृेशन करने में किसानों को परेशानी का सामना करना पड रहा है। यहीं नहीं खटटर सरकार नमी का बहना बना कर फसल खरीदने से इंकार कर रही है। जितनी भी खरीद हो रही है उसमें भी किसानों को एमएसपी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में मजबूर किसान औने पौने दामों पर अपनी फसल प्राइवेट एजेंसियां को बेच रहे हैं। वहीं विरोध में  अपनी फसलों को सडक पर फैंक रहे है।

सरकार किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाना चाहती है।

सांसद सुशील गुप्ता ने कहा केन्द्र व राज्य सरकार मण्डी व्यवस्था को खत्म करके तथा खेती में ठेका प्रणाली लागू करके किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाना चाहती है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के न्यूनतम समर्थन मूल्य के जारी रहने के ब्यान को झूठा व गुमराह करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गठित शान्ताकुमार आयोग की रिपोर्ट में न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म करने की संस्तुति की गई थी। और उसी संस्तुति के आधार पर तीनों बिलों को तैयार किया गया था। जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की कोई गारंटी नहीं है।डा गुप्ता ने कहा कि यह निजी एजेंसियां किसानों की मजबूरी का फायदा उठा कर उन्हें लूट रही है। जिनके बारे में सरकार दावा का रही थी कि तीन नए कानून लागू होने के बाद फसल को एमएसपी से भी ऊंचे दामों खरीदेंगी। इससे सरकार की पोल खुल गई है तथा किसानों की वह आशंका सही सिद्ध हो गई है कि ये सारी कवायद अडानी और अम्बानी के लिए की गई है।

पंजाब सरकार भी भाजपा से मिली हुई है।

राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने कहा जहां तक हरियाणा एवं पंजाब की सरकारों की बात है तो यह दोनों ही एक दूसरे से मिली हुई है। यह दोनों ही कृषि प्रधान प्रदेश बाले जाते है जहां 65 से 70 प्रतिशत से अधिक लोग परोक्ष तथा अपरोक्ष रूप से खेती से जुड़े हैं। लेकिन दोनों ही राज्यों ने किसान विरोधी काले कानून को लागू करने के बात करती है। पंजाब सरकार काले कानूने के विरोध में सड़क पर प्रदर्शन करती है, मगर इससे विराधे में विधानसभा का सत्र नहीं बुलाती। यह दोनों का गठबंधन दिखता है।उन्होंने कहा  कि पूरी दुनिया में किसानों की फसल के पूरे मूल्य की सुरक्षा सरकारें देतीं हैं जबकि निजी कम्पनियां केवल अपने मुनाफे के लिए काम करती हैं। ठेका खेती में किसानों की जमीन को शामिल करने से निजी कम्पनियां नए कानून के अन्तर्गत किसानों को और महंगे दामों पर खाद बीज खरीदने पर मजबूर करेंगी। सरकार आत्मनिर्भर बनाने का नारा देकर किसानों के हितों को बडी कम्पनियों के हवाले कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि खेती में ठेका प्रणाली लागू होने के बाद किसी भी विवाद में किसान कोर्ट में नहीं जा सकता है।किसान की फसल को आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर होने पर कालाबाजारी बढेगी।

भाजपा व जजपा का गठबंधन।

राज्य सभा सांसद डॉ सुशील गुप्ता ने प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि हरियाणा में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है पूरी तरह जंगल राज फैला हुआ है जिसका ताजा ताजा प्रमाण राई सोनीपत में कारोबारी की दिन दहाड़े तावड़तोड़ गोलियां बरसा कर हत्या होती है। जिसकी जितनी भी निंदा की जाए उतनी ही कम है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में प्रतिदिन 4 बलात्कार और 3 हत्याओं के मामले सामने आ रहे हैं। बलात्कारों के मामलों में हरयाणा देश के सातवें स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019  में हरियाणा में कुल 1 लाख 66 हजार 336  अपराध दर्ज हुए जिनमें से 1 लाख 11 हजार 323  मामले (इंडियन पीनल कोड आईपीसी के थे। राज्य में युवा पीढ़ी के विभिन्न प्रकार के नशों की गिरफ्त में आने के कारण राज्य में अपराध बढ़ रहे हैं।उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोगों की जान व माल लूटा को जा रहा है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। प्रदेश में कानून व्यवस्था ठप्प है अफसरसाही हावी है। पूरे प्रदेश में चोरी डकैती हत्या बलात्कार जैसे आपराधिक मामले चरम पर पहुँच चुके हैं।

युवाओं को नौकरी नहीं।

उन्होंने कहा है कि हरियाणा का हर व्यक्ति एवं सभी विभागों के कर्मचारी हताश और परेशान है। सरकारी नौकरियां छीनी जा रही हैं। प्रदेश में व्यापार पूरी तरह ठप्प हो चूका है। प्रदेश सरकार की नीतियों की वजह से आमजन रोजी रोटी के लिए मोहताज है। हरियाणा का मतदाता भाजपा की सरकार बना कर अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। इसलिए इसे अब एक मिनट भी सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं रह गया है। इसलिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तुरंत ही त्याग पत्र दे देना चाहिए।