5 Dariya News

पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा 60 वर्ष से कम आयु के सेवामुक्त होने वाले डॉक्टरों और माहिरों को तीन महीने के विस्तार का ऐलान

डिप्टी कमीश्नरों के अंतर्गत समितियों को घरेलू एकांतवास वाले गरीब परिवारों को खाने के पैकेट बाँटने के आदेश

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चंडीगढ़ 07-Sep-2020

कोविड के मामलों और इसके कारण होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को 60 वर्ष से कम आयु के सभी सेवामुक्त हो रहे डॉक्टरों और माहिरों को तीन महीने का विस्तार देने का ऐलान किया है। उन्होंने मुख्य सचिव को कोविड के मामलों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए टैक्नीशियनों और लैब असिस्टैंटों की भर्ती की प्रक्रिया तेज करने के लिए भी कहा।मुख्यमंत्री ने बताया कि कैबिनेट के एक फैसले के अनुसार पहले इन डॉक्टरों को 30 सितम्बर तक विस्तार प्रदान किया गया था जिसको कि अब 31 दिसंबर, 2020 तक बढ़ा दिया गया है। उच्च अधिकारियों और मैडीकल/स्वास्थ्य माहिरों के साथ कोविड की स्थिति की वर्चुअल समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहले ही सरकारी मैडीकल कॉलेजों को माहिरों की सेवाएं प्रदान करके इन कॉलेजों की मदद की जा रही है। जबकि अभी चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा भर्ती की प्रक्रिया अभी बाकी है। वित्त विभाग द्वारा विशेष छूट दी गई है ताकि यह कॉलेज अन्य मानव साधनों से सेवाएं ले सकें।मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमीश्नरों के अंतर्गत समितियों के गठन के भी निर्देश दिए जिससे घरेलू एकांतवास /क्वारंटीन वाले गरीब परिवारों को खाने के पैकटों का वितरण किया जा सके और इन परिवारों को जांच करवाने के लिए उत्साहित किया जा सके क्योंकि आम तौर पर यह परिवार अपनी कम आय से भी हाथ धो बैठने के डर के कारण कोविड संबंधी जांच नहीं करवाते।कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा अस्पतालों में और घरों के कोविड मरीजों का तनाव घटाने के लिए कई और कदम उठाने का भी ऐलान किया गया है। यह फैसला किया गया है कि सरकारी अस्पतालों द्वारा अन्य कोविड के गंभीर मरीजों, जिनको विशेष खाने की जरूरत है, को उनकी इच्छा अनुसार घर का खाना मुहैया करवाया जायेगा। अस्पतालों में एकांतवास किये गंभीर मरीजों और उनके पारिवारिक सदस्यों की मानसिक चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार द्वारा इन वार्डों में विशेष उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे जिससे मरीजों और अटैंडैंटों के दरमियान वीडियो कॉल के द्वारा बातचीत यकीनी बनाई जा सके।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने समूह सरकारी लैबों को आर.टी.-पी.सी.आर. का साइकिल थ्रैशहोल्ड (सी.टी.) मूल्य मुहैया करवाना शुरू करने की हिदायतें भी दी हैं क्योंकि इससे कोविड से पीडि़त मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टरों को महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।घरेलू एकांतवास में रह रहे कोविड के मरीजों खासकर जिनकी आयु 40 वर्ष से अधिक है, की नियमित रूप से निगरानी के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को एक ऐसी प्रणाली अमल में लाने के लिए कहा है जिससे ऐसे मरीजों के इलाज पर निगरानी रखी जा सके और अचानक हालत बिगडऩे की स्थिति से बचा जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मरीजों की अपेक्षित संभाल यकीनी बनाने के लिए हर जिले में कोविड पेशेंट ट्रेकिंग ऑफिसर भी नियुक्त किये गए हैं। जांच में हो रही देरी, जोकि मौतों के बढऩे का कारण बन रही है, पर चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने विभागों को लोगों तक पहुँच करके उनको पहले लक्षण दिखाई देने पर ही जांच करवाने और इस संबंधी झूठी बहादुरी का प्रदर्शन करने से परहेज करने हेतु प्रेरित करने के लिए भी कहा।यह निर्देश उस समय दिए गए हैं जब राज्य में 6 सितम्बर तक ऐक्टिव मामलों की संख्या 16,156 है जिसकी कुल मौत दर 2.9 प्रतिशत है और प्रति दस लाख के हिसाब से मौतों की संख्या 62 है। इस मौके पर सचिव स्वास्थ्य विभाग हुस्न लाल ने जानकारी दी कि अगस्त 26 से 3 सितम्बर तक के हफ्ते की औसतन पॉजिटिव दर 9.42 प्रतिशत है और हर संक्रमित व्यक्ति के पीछे संपर्कों का पता लगाने की दर 27 अगस्त से लेकर 3 सितम्बर तक के समय के दौरान बढक़र 4.4 प्रतिशत हो गई है। मुख्य सचिव विनी महाजन ने इस मौके पर कहा कि बीते कुछ दिनों के दौरान मामलों और मौतों दोनों की संख्या में स्थिर वृद्धि देखी गई है और स्तर 3 के मामलों में 89 प्रतिशत मौतें हुई हैं। उन्होंने आगे कहा कि स्थिति की निगरानी प्रति दिन की जा रही है।चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव डी.के. तिवारी ने मीटिंग में अलग-अलग सरकारी मैडीकल कॉलेजों में तीसरे दर्जे के इलाज की स्थिति बारे जानकारी दी और इसके अलावा प्लाज्मा बैंकों और राज्य सरकार के मिशन फतह के अंतर्गत वी.आर.डी.एल. लैब्स में की जा रही जांच बारे भी मीटिंग को अवगत करवाया।