5 Dariya News

आंगनवाड़ी बच्चों और तनावग्रस्त माता-पिता को व्यस्तरखने के लिए शुरू होगा ‘डिजिटल पेरैंट मार्गदर्शक प्रोग्राम’- अरुणा चौधरी

सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री अध्यापक दिवस के मौके पर करेंगे प्रोग्राम की राज्य स्तरीय व्यापक शुरूआत

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चंडीगढ़ 04-Sep-2020

आंगनवाडिय़ों के बच्चों को ज्ञान भरपूर सामग्री मुहैया करवाने और कोविड-19 महामारी के मुश्किल समय के दौरान घरों में रह रहे उनके माता-पिता के तनाव को कम करने के मकसद से पंजाब के सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती अरुणा चौधरी 5 सितम्बर को अध्यापक दिवस के मौके पर ‘डिजिटल पेरैंट मार्गदर्शक प्रोग्राम’ की शुरुआत करेंगे।इस सम्बन्धी और जानकारी देते हुये श्रीमती चौधरी ने बताया कि कोरोना ने समाज में विचरने की लय को तोड़ते हुये हमारे नित्य के कामों और जि़ंदगी जीने के ढंग में बड़ी तबदीली लाई है। लोग, विशेषत: माता-पिता और बच्चे तनावपूर्ण और दुखदायी दौर में से गुजऱ रहे हैं। इस कठिन समय ने जहाँ व्यक्तिगत तौर पर निराशा लाई है, वहां दूरवर्ती शिक्षा पर हमारी निर्भरता बढ़ा दी है।कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुये मर्की फाउंडेशन के सहयोग से अध्यापक दिवस के मौके ‘डिजिटल पेरैंट मार्गदर्शक प्रोग्राम’ की शुरुआत की जा रही है। उन्होंने कहा कि दूरवर्ती शिक्षा आज समय की ज़रूरत बन चुकी है।कैबिनेट मंत्री ने कहा कि विशेषत: पंजाबी में तैयार किये संदेश के ऐनीमेटिड वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर आंगनवाड़ी वर्करों, जिनको इस प्रोग्राम के अंतर्गत ‘मार्गदर्शक’ बनाया जायेगा, की तरफ से उनके माता-पिता के साथ साझा किया जायेगा, जिनके बच्चे आंगनवाडिय़ों में पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी वर्करों ने कोरोना योद्धों के तौर पर ‘मिशन फ़तेह’ को सफल बनाया और अब वह माता-पिता के लिए मार्गदर्शक बनेंगी। उन्होंने कहा कि बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए यह मार्गदर्शक अहम भूमिका निभाएंगे।सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री ने कहा कि हमारी योजना इस स्कीम को दो पड़ावों में शुरू करने की है। पहले पड़ाव में 11 जिलों को इस स्कीम के घेरे में लाया जायेगा, जबकि बाकी रहते 11 जि़ले दूसरे पड़ाव में शामिल किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि विभाग ने मर्की फाउंडेशन के साथ मिल कर इस प्रोग्राम के भाईवालों का प्रशिक्षण भी करवाया है। पहले पड़ाव के जिलों के मार्गदर्शकों और वर्करों को 15 दिनों का प्रशिक्षण दिया गया है।श्रीमती चौधरी ने कहा कि आंगनवाड़ी वर्करों ने बच्चों के माता-पिता के साथ मिल कर वटसऐप ग्रुप बनाऐ हैं, जिनमें रोज़मर्रा के आधार पर ज्ञान भरपूर सामग्री डाली जायेगी। यह सामग्री बच्चों के बौद्धिक स्तर को ध्यान में रख कर रोचक तरीके से तैयार करवाई जायेगी।यह सामग्री सामाजिक सुरक्षा विभाग के फेसबुक पेज़ और टविट्टर खाते पर डाली जायेगी और आम लोगों के लिए भी उपलब्ध होगी।कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इस प्रोग्राम का मंतव्य बच्चों को उनके घरेलू माहौल में सकारात्मक और जिज्ञासा बनाये रखना है। इसके लिए विभाग ने मर्की फाउंडेशन के साथ मिल कर यह डिजिटल मुहिम शुरू की है, जिसमें ख़ास ध्यान माता-पिता और बच्चों की मसरूफिय़त को बढ़ाना है। इस तनावपूर्ण समय में माता-पिता और बच्चों की मसरूफिय़त पर ज़ोर देते हुये उन्होंने कहा कि इस दौर में बच्चों के सामथ्र्य में विस्तार करना समय की मुख्य ज़रूरत है।