5 Dariya News

‘उम्मीद करता हूँ कि हरियाणा के मुख्यमंत्री एस.वाई.एल. पर पंजाब का दृष्टिकोण देखेंगे जब हम जल्द ही मिलेंगे’ : कैप्टन अमरिन्दर सिंह

‘कैप्टन को सवाल’ के दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्र के कृषि आर्डीनैंसों को किसान विरोधी बताते हुये मुकम्मल तौर पर न मंज़ूर किया

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चंडीगढ़ 21-Aug-2020

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शुक्रवार को यह उम्मीद अभिव्यक्त की कि हरियाणा के मुख्यमंत्री पंजाब में भूजल की नाजुक स्थिति को देखते हुए सतलुज यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) पर पंजाब का दृष्टिकोण ज़रूर देखेंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा पहले ही शारदा-यमुना लिंक नहर प्रोजैकट के द्वारा पंजाब की अपेक्षा 1 एम.ए.एफ. अधिक पानी ले रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस मुद्दे को वास्तविक नज़रिए से देखेंगे जब वह इस पर विचार-चर्चा करने के लिए जल्द ही मिलेंगे।अपने फेसबुक लाइव प्रोग्राम ‘कैप्टन को सवाल’ के दौरान पटियाला निवासी की तरफ से पूछे सवाल के जवाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पानियों के विभाजन संबंधी अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों को समझने और उनकी पालना करने पर ज़ोर दिया जिसके अनुसार 25 सालों बाद इन अमूल्य स्रोतों संबंधी सभी समझौतों की समीक्षा की जाती है। यही बात उन्होंने केंद्रीय मंत्री और श्री खट्टर को उनके साथ वीडियो कान्फ्ऱेंस मीटिंग के दौरान कही थी जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर इस हफ्ते हुई थी।मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने हरियाणा और केंद्र को कहा है कि इराडी कमीशन 35 साल पुराना है और पंजाब में पानी की उपलब्धता संबंधी अब नये सिरे से मूल्यांकन करने की ज़रूरत है क्योंकि सांसारिक तपिश के दरियाओं पर पड़े भारी कुप्रभावों के कारण पंजाब के 109 ब्लाक डार्क जोन में चले गए।उन्होंने कहा कि पंजाब देश का पेट भरता है और हरियाणा की अपेक्षा अधिक कृषियोग्य ज़मीन पंजाब के पास है, फिर भी हरियाणा के पास मौजूद 12.48 एम.ए.एफ. दरियाई पानी के मुकाबले पंजाब के पास उससे कम 12.42 एम.ए.एफ. दरियाई पानी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के गठन के समय दोनों राज्यों में अन्य सम्पतियों का विभाजन 60:40 अनुपात में हुया था परन्तु यमुना दरिया के पानी का विभाजन दूसरी सम्पतियों की तरह नहीं हुआ था।टांडा के निवासी की तरफ से पूछे यह सवाल कि केंद्र सरकार की तरफ से लाए कृषि आर्डीनैंसों के मामले में पंजाब सरकार क्या कदम उठा रही है, का जवाब देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने इसका ज़बरदस्त विरोध किया है और वह इनको किसी भी कीमत पर मंज़ूर नहीं करेंगे। 

उन्होंने कहा कि शांता कुमार कमेटी की रिपोर्ट पर आधारित इन आर्डीनैंसों का उद्देश्य एफ.सी.आई. को ख़त्म करना और न्यूनतम समर्थन मूल्य को बंद करना है जिससे किसानी बिल्कुल ही मर जायेगी। इन सिफारशों से सरकारी खरीद व्यवस्था का ख़ात्मा हो जायेगा।भारत सरकार ने गेहूँ और धान के बिना अन्य फसलों के समर्थन मूल्य का ऐलान किया हुआ परन्तु उनकी खरीद की कोई गारंटी नहीं। उन्होंने कहा कि अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य ख़त्म हो गया जिससे किसानी भाईचारेो की हितों की रक्षा नहीं हो सकेगी।इसी दौरान मुख्यमंत्री ने स्वच्छता सर्वेक्षण में पंजाब की रैंकिंग पर ख़ुशी ज़ाहिर की जहाँ सफ़ाई के मामले में पंजाब बड़े राज्यों में से पाँचवे नंबर पर आया है। उन्होंने नवांशहर टीम को पिछले तीन सालों से सर्वोच्च शहरों में अपना स्थान बरकरार रखने के लिए बधाई दी। उन्होंने सफ़ाई के मामले में विभिन्न जिलों के बीच मुकाबला करवाने का सुझाव दिया जिससे राज्य को राष्ट्रीय दर्जाबन्दी में और भी सुधार लाने में मदद मिलेगी।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मोहाली जिले को ग्रामीण परिवारों के लिए 100 प्रतिशत पीने वाला पानी मुहैया करवाने का लक्ष्य पूरा करने पर भारत के पहले 9 जिलों में शुमार होने पर भी मुबारकबाद दी। उन्होंने जिले के सभी अधिकारियों ख़ास कर ग्रामीण जल सप्लाई और बी.डी.ओज़ को भी बधाई दी। मुख्यमंत्री ने बुढ्ढलाडा के एस.डी.एम. सागर सेतिया को भी मुबारकबाद दी जिन्होंने पौधे लगाने की मुहिम शुरू की है। उन्होंने आशा अभिव्यक्त की कि बाकी भी उनकी इस पहल को अपनाएँगे।वातावरण प्रेमियों की तरफ से महान सिख गुरूओं के दिवस मनाने के लिए लगाए जा रहे वृक्षों की संभाल को यकीनी बनाने के लिए की गई विनती पर मुख्यमंत्री ने वातावरण की संभाल को सभी की साझी जि़म्मेदारी बताते हुये कहा, ‘हमें सिफऱ् लगाए पौधों की संभाल ही नहीं करनी चाहिए बल्कि इसके साथ जितना हो सके, उतने और पौधे लगाने चाहिएं।’कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर 77 लाख पौधे लगाए गए थे और अब श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के जश्नों के अंतर्गत साल 2021 के अंत तक 56 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है। उनकी सरकार तीन साल के समय के अंदर -अंदर 1.30 करोड़ पौधे लगाना यकीनी बनाऐगी।