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डोनाल्ड ट्रम्प ने जेनेरिक दवाओं के आयात का लक्ष्य निर्धारित किया

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न्यूयॉर्क 29-Jul-2020

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए जेनेरिक फार्मास्युटिकल आयात करने का एक लक्ष्य तय कर दिया है, जो भारत के प्रमुख निर्यातकों के लिए एक झटका साबित हो सकता है।मंगलवार को एक कार्यक्रम में ट्रम्प ने घोषणा की कि फोटोग्राफी क्षेत्र की गिरावट झेल रही बड़ी कंपनी कोडक डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट (डीपीए) का उपयोग करते हुए एक दवा कंपनी के रूप में जेनेरिक दवाएं बनाने के क्षेत्र में कदम रख रही है।कोविड-19 महामारी के बाद आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाते हुए अमेरिका ने खुद को अपनी चिकित्सा जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर पाया है। उसे लेकर ट्रम्प ने कहा कि 90 प्रतिशत प्रिस्क्रिप्शन जेनेरिक के लिए हैं, और इनके अमेरिका में विनिर्माण के लिए 10 फीसदी से कम सक्रिय अवयव सामग्री की जरूरत है, लेकिन 50 प्रतिशत से अधिक भारत और चीन में बन रहे हैं।उन्होंने कहा कि उनकी यह पहल "अमेरिका में दवा विनिर्माण में वापसी करने की एक सफलता को दर्शाती है।"यह पहल उनके अमेरिका के उस पहले एजेंडे के अनुरूप है, जिसका एक स्तंभ अमेरिका में विनिर्माण को वापस लाना है।कोडक संयंत्र को डीपीए के तहत 76.5 करोड़ डॉलर का सरकारी ऋण मिलेगा। वह जेनेरिक सक्रिय दवा सामग्री के अलावा कई दवाओं के लिए बिल्डिंग ब्लॉक जैसी महत्वपूर्ण सामग्री बनाएगा।उन्होंने कहा, "एक बार जब यह नया डिवीजन पूरी तरह से चालू हो जाएगा तो अन्य सभी प्लांट जो हमने हाल ही में देश भर में अन्य कंपनियों के साथ खोले हैं, वे जेनेरिक दवाओं को बनाने के लिए आवश्यक सभी सक्रिय अवयवों के 25 प्रतिशत का उत्पादन करेंगे।"हालांकि यह कदम आयात पर अमेरिकी निर्भरता में कटौती करेगा, फिर भी देश को अपनी मौजूदा जरूरतों के लिए थोक आयात पर निर्भर रहना होगा।भारत के लिए अमेरिका दवाइयों के निर्यात का सबसे बड़ा बाजार है, जो हर साल 5.8 अरब डॉलर की दवाएं खरीदता है।