5 Dariya News

डा.एस.पी. सिंह ओबराय के प्रयासों से सुखमिंदर के मृतक शरीर को भी नसीब हुई वतन की मिट्टी

ट्रस्ट अब तक 184 बदनसीब लोगों के मृतक शरीर पहुंचा चुका है भारत

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अमृतसर 28-Jul-2020

अपने परिवारों को आर्थिक मंदहाली में से निकालने के लिए अपने घर और जमीनें गिरवी रखकर खाड़ी मुल्कों में मजदूरी करने गए लोगों पर उस समय मुसीबतों का पहाड़ टूटता है, जब मुसीबत में फंसे लोगों के लिए रहबर बन सेवा रूपी मदद कर रहे सरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट के सरपरस्त डा.एस.पी. सिंह ओबराय की कोशिशों सदका खाड़ी देशों में से बदनसीब लोगों के बक्सो में बंद होकर आ रहे मृतक शरीर परिजनों को मिलते हैँ। इसी कड़ी के तहत डा.ओबराय बदौलत बीती आधी रात को भी श्री मुक्तसर साहिब से संबंधित 32 वर्षीय सुखमिंदर सिंह नाम के नौजवान की मृत देह दुबई से श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अमृतसर पहुंची।इस संबंधी जानकारी सांझी करते हुए सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डा.एसपी सिंह ओबराय ने बताया कि सुखमिंदर सिंह काफी वर्ष पहले अपने परिवार के बेहद बुरे आर्थिक हालात को सुधारने की कोशिश में दुबई मजदूरी करने के लिए गया था कि बदकिसमती से बीती 23 जून को अचानक दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि जब परिवार ने उनसे संपर्क करके इस बाबत बताया तो उन्होंने तुरंत दुबई में सारी कागज़ी कार्यवाई मुकम्मल करवा कर भारतीय दूतावास के सहयोग से सुखमिंदर का मृतक शरीर लाकर बीती रात अमृतसर हवाई अड्डे पर परिवार को सौंप दिया है। इस दौरान वहां ट्रस्ट की अमृतसर इकाई के प्रधान सुखजिंदर सिंह हेर और वित्त सचिव नवजीत सिंह घई भी मौजूद थे। 

डा. ओबराय ने बताया कि वह अब तक 184 बदनसीब लोगों के मृतक शरीर वतन पहुंचा चुके हैं, जबकि पिछले 10 दिनों में ही 7 नौजवानों के मृतक शरीर वापस लाए गए हैं और आने वाले कुछ दिनों में भी मृतक शरीर लाने के लिए कार्यवाई चल रही है।  एक सवाल का जवाब देते डा. ओबराय ने बताया कि खाड़ी देशों में बड़ी संख्या में हो रही मौतों का मुख्य बड़ा कारण कोरोना महामारी के चलते काम बंद होना है। उन्होंने बताया कि परेशानी के कारण बहुत से नौजवान या तो आत्महत्या कर रहे हैं या छोटी उम्र में ही दिल का दौरा पड़ने कारण उनकी मौत हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि वह विशेष चार्टर जहाज़ों के माध्यम से वहां फंसे मजबूर और बेबस लोगों को लाने के लिए यत्नशील हैं और इसी के अंतर्गत ही उनकी तरफ से अपने खर्च पर चौथा विशेष चार्टर जहाज 30 जुलाई को दुबई में फंसे लोगों को लेकर अमृतसर आ रहा है। इस दौरान मृतक के भाई रमनदीप सिंह, पिता गुरमेल सिंह के अलावा दूसरे पारिवारिक सदस्यों ने सुखमिंदर की मि्तक देह लेकर आने पर डा.एसपी सिंह ओबराय का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हुए बताया कि उनके परिवार की आर्थिक हालत बहुत ही बुरी होने के कारण सुखमिंदर का मृतक शरीर वापस लेकर आना उनके बस की ही बात नहीं थी। उन्होंने कहा कि डा.ओबराय की बदौलत ही उनके लाडले बेटे के मृतक शरीर को अपने वतन की मिट्टी नसीब हो सकी है। जिकयोग्य है कि सुखमिंदर की मृतक देह भारत भेजने में डा. ओबराय के निजी सचिव बलदीप सिंह चाहल और भारतीय दूतावास ने भी विशेष भूमिका निभाई है।