5 Dariya News

डा.एसपी सिंह ओबराय की वजह से 177 लोगों को लेकर तीसरी चार्टर उड़ान चंडीगढ़ पहुंची

परेशानी में मौत को गले लगा रहे लोगों को बचाने की कोशिश में हूं: डा.ओबराय

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मोहाली/चंडीगढ़ 22-Jul-2020

अरब देशों में से सैंकड़ों माताओं के जिगर के ‌टुकड़ों को मौत के मुंह में से बचाकर हज़ारों घर उजड़ने से बचाने वाले दुबई के बड़े दिल वाले कारोबारी और सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के मुखी डा.एसपी सिंह ओबराय ने एक बार फिर यूएई में फंसे हज़ारों भारतीयों में से 177 लोगों को अपने ख़र्च पर बुक किये तीसरे विशेष चार्टर जहाज़ के जरिये वतन लाकर अपनी सेवा के क्षेत्र की बेमिसाल किताब में फिर एक सुनहरी पन्ना जोड़ दिया है।इस संबंधी यहां जानकारी सांझी करते हुए डा.एसपी सिंह ओबराय ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण अरब देशों में  हज़ारों ही ऐसे भारतीय फंसे हुए हैं जो अपने देश आने के लिए लालायित हैं। उन्होंने बताया कि वहां फंसे लोग चार अलग -अलग वर्गों से संबंधित हैं और वह वर्ग जो सबसे ज्यादा प्रभावित है उनकी संख्या हज़ारों में है, वह ऐसे कामगार हैं जो कोरोना महामारी दौरान कंपनियां बंद होने के कारण सड़कों पर आ चुके हैं। उनकी हालत इतनी ख़राब है कि वह दो वक्त की रोटी को भी तरस रहे हैं। उन्होंने बताया कि दुबई में उनकी निजी रिहायशों में जितनी जगह खाली थी, उनमें तो वह सैंकड़े बेरोज़गार कामगारों को अपने स्तर पर मुफ्त रिहायश और खाना दे रहे हैं, परंतु सबको वहां रखना असंभव है। उन्होंने यह भी कहा कि बेशक दुबई से भारत आने के लिए रजिस्टर्ड हुए लोगों को विशेष जहाजों से वापस लाया जा रहा है, परंतु सीमित उड़ानें होने के कारण बहुत समय लग रहा है, जिस कारण दिन-ब-दिन वहां बेरोज़गार हुए लोगों की हालत ख़राब होती जा रही है। उन्होंने बताया कि पहले पड़ाव के अंतर्गत उन्होंने अपने ख़र्च पर बुक करवाई 4 विशेष उड़ानें में से पहली चार्टर उड़ान जो 7 जुलाई को रास अल खेमा (यूएई) हवाई अड्डे से चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर पहुंची थ। उसमें 177 पंजाबियों को वापस लाया गया था। 

दूसरी विशेष उड़ान भी रास अल खेमा (यूएई) हवाई अड्डे से चलकर 174 फंसे हुए पंजाब और हरियाणा से संबंधित लोगों को लेकर 13 जुलाई को अमृतसर के श्री गुरु रामदास हवाई अड्डे पर पहुंची थी। जबकि बुधवार को फिर वहां फंसे 177 लोगों को लेकर तीसरी उड़ान चंडीगढ़ में पहुंची है, जिसमें 4 जम्मू और कश्मीर,16 हिमाचल प्रदेश व बाकी पंजाब से सबंधित हैं। डा.ओबराय ने बताया कि लौटने वालों में से कुछ ने ख़ुद टिकट के पैसे दिए, कुछ ने 30 से 50 प्रतिशत पैसे दिए हैं, परंतु अधिकतर संख्या उन लोगों की है, जिनकी टिकट का सारा खर्च ट्रस्ट की तरफ से किया गया है। आने वाले सभी लोगों का कोरोना टेस्ट करवाने का खर्च भी सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि उनका मुख्य मंतव्य वहां फंसे बेरोज़गार और बेबस लोगों को मुफ़्त उनके घरों तक पहुंचाना है, जिससे यह नौजवान विदेश में दर-दर की ठोकरें खाकर खुदकुशी न कर लें या फिर मजबूरन अपराध की दुनिया में शामिल न हो जाएं। इस‌लिए ही वह खाड़ी मुल्कों में से लाशें वापस लाने या ब्लड मनी देकर जेलों में से छुडवाने की बजाय यह ख़र्च करके जीते जागते नौजवानों को वापस वतन लेकर आने के लिए यत्नशील हैं। उन्होंने यह भी बताया कि खाड़ी देशों'से  लौटे इन लोगों को स्वै रोजगार के रास्ते खोलने के लिए सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से हर जिले में 'हुनर विकास केंद्र' खोलने के लिए सरकार से बातचीत चल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ज़रूरत पड़ी तो ट्रस्ट की तरफ से अगले महीने भी अपने ख़र्च पर 4 और विशेष उड़ानों का प्रबंध किया जाएगा। ट्रस्ट की तरफ से बुक करवाए गए पूरा (चार्टर) जहाजों में से चौथी उड़ान 30 जुलाई को फिर अमृतसर में पहुंचेगी। जिस के लिए वहाँ फंसे लोग ट्रस्ट के दुबई स्थित दफ़्तर में अपने नाम दर्ज करवा रहे हैं। ज़िक्रयोग्य है कि डा.एसपी सिंह ओबराय की तरफ से बेगाने मुल्क में फंसे लोगों की वतन -वापसी के लिए उठाए गए इस बड़े कदम के कारण जहां सरकारें भी हैरान हैं, वहीं पूरी दुनिया में बैठा हर भारतीय इस बड़े दिल वाले सरदार पर मान महसूस कर रहा है।