5 Dariya News

उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर यूटी में माल मवेशी चारे हेतु प्रसंस्करण इकाइयों, चारा विकास स्थापित हेतु व्यापक नीति और दिशानिर्देशों का वर्णन किया

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श्रीनगर 24-Jul-2020

उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने यूटी जम्मू-कश्मीर में कैटल फीड प्रोसेसिंग यूनिट्स और चारा विकास की स्थापना के लिए एक व्यापक नीति और दिशानिर्देशों का वर्णन किया जिससे विषेशकर मवेशी चारा प्रसंस्करण इकाइयों और चारा विकास को स्थापित करने में इंसेटिव एवं सब्सीडी उपलब्ध होंगे। इस अवसर पर उपराज्यपाल ने पशु एवं भेड पालन विभाग की विस्तृत नीति को अपनाने के लिए प्रंषसा करते हुए कहा कि जींवत मवेषी प्रसंस्करण इकाई एवं विकास उद्योग की आवश्यकता दर्षाता है जिससे डेयरी उत्पाद एवं बुनियादी आवष्यकता बन जाती है। उपराज्यपाल ने कहा कि यह योजना उपलब्ध प्रोत्साहन और सब्सिडी का मजबूत पैकेज कई उद्यमियों को जम्मू कष्मीर यूटी में पशु चारा प्रसंस्करण इकाइयों को स्थापित करने हेतु सहायक सिद्ध होगी। इस अवसर पर पशु और भेड़पालन विभाग के प्रमुख सचिव नवीन के. चौधरी ने जानकारी देते हुए कहा कि वाणिज्यिक मवेशी चारा संयंत्र, नैनो-लघु मवेशी चारा संयंत्र, सिलेज मेकिंग यूनिट, चारा ब्लॉक बनाने की इकाई, फीड की स्थापना के लिए सहायक एवं सब्सिडी उपलब्ध करवाई जायेगी। अतिरिक्त  ब्लॉक मेकिंग यूनिट, डेयरी किसानों को मिनी ट्रैक्टर, चारा हार्वेस्टर्स, चौफ कटर और यूनिट्स के लिए बोर वेल्स भी उपलब्ध करवाये जायेंगे।सभी योग्य घटकों में, 50 प्रतिषत सब्सिडी विभिन्न प्रमुखों के तहत प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह, डेयरी फार्मर्स, मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट होल्डर्स, मिल्क फेडरेशन, स्वयं सहायता समूह, डेयरी सहकारी समितियां और किसान उत्पादक संगठन योजना का लाभ उठा सकते हैं। चूंकि इस योजना के तहत न्यूनतम 20 प्रतिषत एससीटी एसटी और 10 प्रतिषत महिला लाभार्थियों को शामिल करने का प्रयास किया जाएगा।लाभार्थी न्यूनतम मानक सरकार द्वारा अनुमोदित विनिर्देशों के अनुसार जम्मू और कश्मीर के भीतर या बाहर किसी भी पंजीकृत कंपनी या अधिकृत डीलर या निर्माता से अपनी मर्जी से उपकरण खरीद सकते है। अतिरिक्त सब्सिडी केवल डीबीटी के माध्यम से जारी होंगी।इस अवसर पर चौधरी ने उपराज्यपाल द्वारा कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के आधार पर एक मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर अत्याधिक महत्व दिये जाने हेतु जानकारी दी।

भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण पर मिशन मोड प्रोजेक्ट

उपराज्यपाल जीसी मुर्मू की अध्यक्षता में भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण हेतु प्रशासनिक परिषद आयोजित की गई जिसमें पंजीकरण की प्रक्रिया 31 अक्टूबर, 2020 तक पूरी होने की जानकारी दी गई।मिशन मोड प्रोजेक्ट वेब पोर्टल मोबाइल ऐप, कॉल सेंटर, टोल फ्री हेल्पलाइन नंबरों और हेल्प डेस्क के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग करके पंजीकरण और नवीनीकरण के लिए श्रमिकों की भौतिक उपस्थिति के साथ पंजीकरण प्रक्रिया ओर भी सुविधाजनक होती है।पंजीकरण नवीनीकरण के फलस्वरूप, भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम, 1996 के तहत लाभ को वर्धित रूप से उपकर निधि के उपयोग द्वारा सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं के रूप में श्रमिकों तक पहुंचाया जायेगा।एमएमपी द्वारा उन सभी श्रमिकों की प्रोफाइलिंग शामिल होगी जो स्थानीय नौकरियों के माध्यम से अपने लाभकारी रोजगार सुनिश्चित करने के लिए कौशल मानचित्रण के लिए जम्मू कश्मीर में वापिस आये है।एमएमपी के तहत पंजीकरण सहायक श्रम आयुक्तों द्वारा संबंधित जिलों के जिला विकास आयुक्तों की देखरेख में किया जाएगा।

सह आयुक्त ने उज्ज एवं शाहपुर कंडी  प्रोजेक्टों की पदोन्नति की समीक्षा की

उपराज्यपाल जी. सी. मुर्मू की अध्यक्षता में आयोजित प्रशासनिक परिषद में उज्ज और शाहपुर कंडी बांध की प्रगति का जायजा लिया गया।इस अवसर पर 9167.00 बहुउद्देषीय परियोजना की समीक्षा करते हुए यह उल्लेख किया गया था कि विभिन्न एजेंसियों से कई अनिवार्य मंजूरी प्राप्त की गई हैं जिनमें पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, लोक निर्माण विभाग, बिजली विकास विभाग, सिंचाई और बाढ़ विभाग, भूविज्ञान और खनन विभाग, जल शक्ति विभाग, पर्यटन विभाग और मत्स्य विभाग षामिल है। इसके अलावा, केंद्रीय वन्यजीव बोर्ड ने भी परियोजना को मंजूरी दी ।इस अवसर पर  प्रशासनिक परिषद द्वारा जल शक्ति विभाग को 31 अगस्त, 2020 तक लंबित मंजूरियों, वन मंजूरी, पर्यावरण प्रभाव आकलन, रक्षा मंजूरी और जनजातीय मामलों के मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त करने का निर्देश दिया गया।शाहपुर कंडी बांध परियोजना की प्रगति के बारे में परिशद द्वारा निर्देश दिया गया कि विभाग 31 अगस्त, 2020 तक वन मंजूरी प्राप्त करने के अलावा भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को पूरा करेगा। अतिरिक्त यह भी निर्णय लिया गया कि सभी हितधारकों के बीच समन्वय के मुद्दों को आपसी तालमेल से समयानुसार बैठकों के माध्यम से पूरा करें।