5 Dariya News

अर्धसैनिक बलों के समर्थन में आगे आई हरियाणा की बेटी दीपिका देशवाल

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नई दिल्ली 20-Jul-2020

क़ानून अधिकारी सुप्रीम कोर्ट दीपिका देशवाल (रेसलर ,UN स्पीकर) पिछले दो वर्ष से अर्धसैनिक बलों के हक़ की लड़ाई (NFFU,OGAS)सुप्रीम कोर्ट में लड़ रही थी और सुप्रीम कोर्ट ने अर्धसैनिक बलों के हक़ में निर्णय भी दे दिया उसके बावजूद भी सरकार ने अब तक सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को लागू नहीं किया। आदेश को लागू कराने के लिए दीपिका ने मुहिम छेड़ दी है जिसमें हरियाणा के किसान संगठन ,जाट महासभा ,युवा किसान संगठन विभिन्न खिलाड़ी आदि सहयोग में आ चुके हैं।सोशल मीडिया के माध्यम से युवा किसान संगठन के जीतू चौधरी ,जीत भूरा ,विकास चौधरी, अंतरराष्ट्रीय पहलवान अंकित पूनिया , कबड्डी खिलाडी सुरेन्द्र नड्डा आदी युवा वर्ग हर तरीक़े से अर्धसैनिक बलों के हक़ के लिए सदैव तैयार है।दीपिका का कहना है कि सरकार CAPF (सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फ़ोर्स)के अफ़सरों की माँगो को मानने में कोई कोताही न करें।BSF, CRPF,ITBP ,CISF,SSB के अधिकारी लंबे वक़्त से NFFU (नॉन फंक्शनल फ़ाइनेंशियल अपग्रेडेशन)और OGAS (ऑर्गनाइज ग्रुप ए सर्विसेज़)यानी की संघटित सेवा लाभ दिए जाने की माँग कर रहे हैं।केंद्रीय मंत्रिमंडल के ऐलान के बावजूद अधिकारियों को इसका लाभ नहीं दिया गया है ।दिल्ली हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी अधिकारियों के हक़ में फ़ैसला सुनाया है।खुद केंद्र सरकार ने चुनावों से पहले इसे लागू करने का ऐलान किया था लेकिन आज तक यह फ़ैसला लागू नहीं किया गया है।

दीपिका देशवाल ने आग्रह किया है कि केंद्र सरकार अपना वादा निभाए और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना करें । अगर सरकार अधिकारियों को प्रमोशन नहीं दे पा रही है तो उन्हें उनके कैडर के हिसाब से वेतन दिया जाना चाहिए क्योंकि प्रमोशन न मिलने की वजह से अधिकारियों को कई कई साल एक ही पोस्ट पर सेवाएँ देनी पड़ती है।जिस तरह से रेलवे में OGAS दिया जाता है इसी तरह CAPF को भी इसका लाभ मिलना चाहिए।अर्धसैनिक बलों के अंतर्गत क़रीब 11 लाख सैनिक और अधिकारी हैं।ये हर वक़्त देश की सुरक्षा के लिए सीमा से लेकर अंदरूनी मोर्चों पर तैनात रहते हैं ।चाहे कश्मीर में उग्रवाद से निपटना हो या माओवादी विद्रोह से ,भारतीय सीमाओं की सुरक्षा और पवित्रता सुनिश्चित करनी हो ,चाहे चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता ,अर्धसैनिक बल हर ज़िम्मेदारी को बख़ूबी निभाते हैं।इसलिए सैन्य अधिकारियों के मनोबल को बढ़ाना और उन्हें प्रोत्साहन देना सरकार की ज़िम्मेदारी है क्योंकि हमारे अर्धसैनिक बल देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।हर मुसीबत में ये सुरक्षाबल सबसे आगे रहकर मोर्चा संभालते हैं अगर सरकार इनके हक़ में फ़ैसला लेती है तो हमारे सैन्य बलों का हौसला बढ़ेगा।देश की सबसे बड़ी अदालत भी आर्टिकल 14,16 के आधार पर सैन्य अधिकारियों के पक्ष में अपना फ़ैसला सुना चुकी है।पूर्व सैन्य अधिकारियों से लेकर देश के कई गणमान्य लोग इनके समर्थन में लगातार मुहिम चला रहे हैं।पूरे देश की भावनाएँ हमारी सेनाओं के साथ जुड़ी हैं इसी लिए इसलिए सरकार को इन भावनाओं की क़दर करते हुए बिना देरी के अधिकारियों को NFFU और OGAS की लाभ देना चाहिए।समस्त हरियाणा के युवा ही नहीं अपितु पूरा देश फोर्सेस के साथ खड़ा हो चुका है सरकार शीघ्रता से इसे लागू करें।