5 Dariya News

विनी महाजन ने पंजाब की पहली महिला मुख्य सचिव के तौर पर पद संभाला

विनी महाजन के शानदार करियर में यह प्रतिष्ठित पद एक और मील का पत्थर

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चंडीगढ़ 26-Jun-2020

विनी महाजन ने शुक्रवार को पंजाब की पहली महिला मुख्य सचिव के तौर पर पद संभाल लिया। यह उनके शानदार करियर में एक और मील का पत्थर है जो उनके द्वारा हासिल की कई बड़ी उपलब्धियों में से एक अहम उपलब्धि है।1987 बैच की आई.ए.एस. अधिकारी विनी महाजन को इस प्रतिष्ठित पद पर करण अवतार सिंह के स्थान पर नियुक्त किया गया है जोकि उनके द्वारा केंद्र और राज्य सरकार में उच्च पदों पर तैनाती के दौरान हासिल किये 33 साल के अनुभव का एक बहुमूल्य सुमेल है। करण अवतार सिंह ने विशेष मुख्य सचिव प्रशासकीय सुधार का पद संभाल लिया।विनी महाजन राज्य में एकमात्र पंजाब कैडर की मौजूदा अधिकारी हैं जिनको भारत सरकार में बतौर सचिव के तौर पर एम्पैनल किया गया। वह अब तक अतिरिक्त मुख्य सचिव निवेश प्रोत्साहन, उद्योग एवं वाणिज्य, सूचना प्रौद्यौगिकी और प्रशासकीय सुधार और लोक शिकायत निवारण करने के तौर पर सेवाएं निभा रही थीं। उन्होंने राज्य में अनिर्धारित कोविड संकट के दौरान बतौर चेयरपर्सन हैल्थ सैक्टर रिस्पांस एंड प्रक्योरमैंट कमेटी के तौर पर अहम भूमिका निभाई।दिल्ली यूनिवर्सिटी के महिला श्री राम कॉलेज से अर्थ शास्त्र में ग्रेजुएशन और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आई.आई.एम.) कलकत्ता से पोस्ट ग्रेजुएशन पास करने के लिए उन्होंने रोल ऑफ ऑनर और नामवर ऐलूमनस अवार्ड हासिल किया। विनी महाजन ने निवेश प्रोत्साहन और उद्योग एवं वाणिज्य के अपने कार्यकाल के दौरान राज्य में हर साल 20,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करवाने में सुचारू भूमिका निभाई।गौरतलब है कि उन्होंने इस विभाग के उच्च पद पर रहते हुए साल 2019 में डावोस में हुए विश्व आर्थिक फोरम में पंजाब की पहली बार सम्मिलन करवाई। इसके अलावा दिसंबर 2019 में एम.एस.एम.ईज पर केंद्रित शानदार उच्च स्तरीय निवेश सम्मेलन करवाया।उनके नेतृत्व में विभाग ने फोकल पुआइंटों के ढांचे में बड़ा सुधार किया और नये मेगा औद्योगिक पार्क अस्तित्व में लाए। नये स्टार्टअप्स को उत्साहित और उनको बढ़ावा देने हेतु सैंटर ऑफ एक्सीलेंस और कई इनक्यूबेटर्ज शुरू किये। हाल ही में उनके बहुमूल्य प्रयासों के चलते प्रशासकीय सुधारों के तौर पर पूर्ण तौर पर नयी सार्वजनिक शिकायत निवारण नीति लागू की गई।

उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव आवास निर्माण एवं शहरी विकास के तौर पर मोहाली हवाई अड्डे के नजदीक 5000 एकड़ की नयी टाउनशिप की शुरुआत की। इसके अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व के तौर पर पंजाब को नेशनल जैनरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन प्रणाली लागू करने के लिए देश का पहला राज्य बनाया।विनी महाजन ने डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान 2005 से 2012 तक प्रधानमंत्री कार्यालय में सेवाएं निभाते हुए वित्त, उद्योग एवं वाणिज्य, टेलीकॉम, सूचना प्रौद्यौगिकी आदि मामलों को निपुणता के साथ पूर किया। वैश्विक मंदी के समय वह भारत की घरेलू प्रतिक्रिया संबंधी केंद्र सरकार की मुख्य टीम का हिस्सा रहीं और जी-20 सम्मेलन में भी सम्मिलन किया।इससे पहले 2004-05 में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के डायरैक्टर के तौर पर उन्होंने भारत के बाहरी सहायता प्रोग्रामों और बुनियादी ढांचे के मामलों में एक अहम भूमिका निभाई।विनी महाजन ने पंजाब में विभिन्न पदों पर सेवाएं निभाईं जिनमें पी.आई.डी.बी. के एम.डी. और पहले डायरैक्टर विनिवेश शामिल हैं। वह 1997 में श्री आनन्दपुर साहिब विकास अथॉरिटी के मुख्य प्रशासक नियुक्त हुए। इसके अलावा श्री आनन्दपुर साहिब फाउंडेशन की सी.ई.ओ. के तौर पर 1999 में खालसा साजना दिवस की तीसरी जन्म शताब्दी के जश्नों को पूरा किया। उन्होंने 2019 में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व समागमों के दौरान जश्नों के लिए बनाई समिति के चेयरपर्सन के तौर पर भी सेवाएं निभाईं।1995 में जब उन्होंने रोपड़ के डिप्टी कमिश्नर के तौर पर पद संभाला तो वह पंजाब में डिप्टी कमिश्नर के तौर पर तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। उस समय उन्होंने साक्षरता मुहिम में प्रभावशाली भूमिका निभाते हुए रोपड़ जिले को देशभर में बेहतर प्रदर्शन के लिए ‘राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार’ दिलाया।विनी महाजन को बहुत से अकादमिक अवॉर्ड मिले जिनमें राष्ट्रीय प्रतिभा खोज स्कॉलरशिप शामिल है। वह 2000-01 में अमरीकन यूनिवर्सिटी, वाशिंगटन डी.सी. की ह्यूब्रट हम्फ्री फैलो रहीं। वह देश की अकेली विद्यार्थी हो सकती हैं जिन्होंने 1982 में आई.आई.टी. और ऐम्ज दिल्ली दोनों में दाखिला लिया था जब उन्होंने मॉडर्न स्कूल नई दिल्ली से बारहवीं पास की थी।उनके पिता श्री बी.बी. महाजन जो पंजाब कैडर के आई.ए.एस. अधिकारी थे, 1957 बैच के टॉपर थे। श्री महाजन एक इमानदार अधिकारी के तौर पर जाने जाते थे जिन्होंने भारत सरकार में सचिव खाद्य के पद से सेवामुक्त होने से पहले पंजाब में वित्त कमिश्नर राजस्व सहित कई अहम पदों पर सेवाएं निभाईं।