5 Dariya News

सफलता की कहानी : सौर सिंचाई योजना से रणजीत के खेतों में बरसी हरियाली

कृषि विभाग से मिली 80 प्रतिशत सब्सिडी, अब फव्वारों से तर हो रहे हैं खेत

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कुल्लू 09-Jun-2020

हर खेत तक पानी पहुंचाकर किसानों की आय को दोगुणा करने के केंद्र और प्रदेश सरकार के संकल्प को साकार करने के लिए कुल्लू जिला में भी तेजी से कार्य किया जा रहा है। भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए जिला के किसानों को सूक्ष्म एवं सौर सिंचाई योजनाओं के लिए प्रेरित किया जा रहा है। कृषि विभाग की भू संरक्षण विंग के माध्यम से किसानों को सूक्ष्म एवं सौर सिंचाई योजनाओं तथा टैंक निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर अनुदान मिल रहा है। भू संरक्षण विंग की इन अनुदान योजनाओं को जिला के कई किसान हाथों-हाथ ले रहे हैं। इन्हीं प्रगतिशील किसानों में से एक हैं भुंतर के निकटवर्ती गांव छोटा भुईंन के रणजीत सिंह।पुश्तैनी जमीन पर वर्षों से खेती कर रहे रणजीत सिंह पूरी तरह बारिश पर ही निर्भर रहते थे। कम वर्षा वाला क्षेत्र होने के कारण रणजीत के खेत साल भर सूखे ही रहते थे। गांव के आस-पास पानी का कोई स्थायी स्रोत भी नहीं था और न ही सिंचाई का कोई अन्य साधन। स्वाभाविक रूप से रणजीत के खेतों में बहुत कम पैदावार हो रही थी। लगभग दस बीघे के अच्छे समतल खेत होने के बावजूद उनके लिए खेती घाटे का सौदा बन चुकी थी। उन्होंने कई बार सिंचाई के लिए कई विकल्प खोजने का प्रयास किया, लेकिन हर बार धन की कमी ही आड़े आ रही थी।ऐसी कठिन परिस्थितियों में कृषि विभाग की भू संरक्षण विंग की सौर सिंचाई योजना रणजीत सिंह के जीवन में नई खुशहाली लेकर आई। पिछले वर्ष उन्हें विभाग के अधिकारियों से सौर सिंचाई योजना पर मिलने वाले अनुदान का पता चला। उन्होंने इस योजना का लाभ उठाने के लिए तुरंत मृदा संरक्षण विंग के कार्यालय में आवेदन कर दिया। कुछ जरूरी औपचारिकताएं पूर्ण करते ही रणजीत को अपने खेतों में बोरवैल और सौर सिंचाई योजना के उपकरण स्थापित करने के लिए 80 प्रतिशत अनुदान के तहत लगभग 3 लाख 20 हजार रुपये का बजट मंजूर हो गया।उन्होंने इस धनराशि से अपने खेतों में एक बोरवैल, तीन हार्स पावर की मोटर, सौर पैनल, पाइपलाइन और आधुनिक फव्वारे स्थापित किए। यानि सरकारी अनुदान से उनके खेतों के लिए सिंचाई उपकरणों ही नहीं, बल्कि इन्हें चलाने के लिए सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली का प्रबंध भी हो गया। अब उन्हें अपने खेतों के लिए बारिश या पानी की चिंता करने की आवश्यकता नहीं थी।देखते ही देखते रणजीत सिंह की दस बीघे से अधिक जमीन में हरियाली बरसने लगी। अब वह अपने खेतों में एक साथ कई नकदी फसलें उगा रहे हैं। सेब, अनार, नाशपाती, जापानी फल और किवी के लगभग 400 पेड़ लगाने के साथ-साथ वह अपने खेतों में बेमौसमी सब्जियों का उत्पादन भी कर रहे हैं। इस प्रकार सौर सिंचाई योजना रणजीत सिंह के जीवन में नई खुशहाली लेकर आई है।उधर, उपमंडलीय भू संरक्षण अधिकारी मनोज गौतम ने बताया कि सौर सिंचाई योजना और सूक्ष्म सिंचाई उपकरणों पर किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। जिला के 38 किसान इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। छोटा भुईंन गांव के रणजीत सिंह को भी इसी योजना के तहत लगभग तीन लाख 20 हजार रुपये का अनुदान दिया गया है।