5 Dariya News

रोहित कंसल पीडीडी के कार्यो की समीक्षा की

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जम्मू 03-Jun-2020

प्रमुख सचिव ऊर्जा विकास विभाग रोहित कंसल ने ऑन लाइन मोड के माध्यम से पीडीडी के विभिन्न लम्बित मुद्दों एवं बिजली विभाग की कार्यान्वयन योजनाओं की स्थिति की समीक्षा हेतु  सभी कार्यों का जायजा लिया।कंसल ने सभी  वितरण कंपनियों जेपीडीसीएल और केपीडीसीएल से निवेदन करते हुए कहा कि विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज का लाभ उठाये जो कि आत्मनिर्भर अभियान के तहत प्रदान किए जा रहे हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान उत्पन्न हुए वित्तीय सकंटों से निपटने के लिए स्कीम द्वारा 90,000 करोड रु डिस्कॉम को  दिये जो कि डिस्कॉम द्वारा पावर जेनरेटिंग कम्पनियों की देनदारियों को निपटाया जाये।इस अवसर पर प्रबंध निदेशक जम्मू विद्युत वितरण निगम, प्रबंध निदेशक, कश्मीर विद्युत वितरण निगम, निदेशक वित्त जेकेपीडीडी, सचिव तकनीकी जेकेपीडीडी एवं मुख्य अभियंता, ट्रेडिंग, जेएंडके पावर कारपोरेषन ने भाग लिया।बैठक में बातचीत के दौरान  जम्मू कष्मीर यूटी में उपभोक्ता द्वारा मीटर के इस्तेमाल में कमी पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि एटीएंडसी नुक्सान का यह एक मुख्य कारण भी है जोकि  राष्ट्रीय औसत 18.6 प्रतिषत के मुकाबले 48 प्रतिषत है। जम्मू कष्मीर यूटी  में लगभग 21 लाख  उपभोक्ता आधारित है, जिसमें से मीटर्ड उपभोक्ता केवल 50 प्रतिषत ही हैं। चूंकि अनुरूप पैमाइश वाले उपभोक्ताओं का प्रतिशत अभी भी कम है। अनमीटर्ड उपभोक्ताओं को निश्चित फ्लैट दर के आधार पर बिल दिया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप बड़े संचित बिजली बिल आए और केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली के वित्त पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ा। हालांकि, एक बार चलनिधि जलसेक और व्यापक पैकेज द्वारा लंबे समय से लंबित वित्तीय समस्याओं को हल करने में मदद करेगा।बैठक में यह भी बताया गया कि पीएमडीपी के तहत जम्मू और श्रीनगर शहरों के लिए कुल 2 लाख स्मार्ट मीटर लगाये जाने का कार्य निर्माणाधीन है जिसमें विभाग द्वारा 1.15 हजार मीटर अभी तक लगाये गये है बाकी के 85000 मीटर फंडस की कमी के कारण अभी लम्बित है। चंूकि  जम्मू एवं श्रीनगर षहरों में  1 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की परियोजना है। इसी से सम्बंधित प्रधान सचिव ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि उपलब्ध मीटरों को श्रीनगर और जम्मू के दो राजधानी शहरों के बीच समान रूप से वितरित किया जाए।  लम्बित मीटरों के लिए भारत सरकार बिजली मंत्रालय को फंड मुहैया हेतु प्रस्ताव लिखा जायेगा ताकि जम्मू एवं कष्मीर षहरों में प्रति 1 लाख मीटर पूरे किये जा सके।