5 Dariya News

‘कोविड-19 लॉकडाउन’ के दौरान अप्रेंटिस को उनका पूरा स्टाइपेंड निरंतर मिलता रहेगा: डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय

सभी प्रतिष्ठान निर्दिष्ट और वैकल्पिक दोनों ही कामकाज में लगाए गए अप्रेंटिस के लिए लागू पूर्ण स्टाइपेंड का भुगतान करेंगे

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नई दिल्ली 31-Mar-2020

नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) को फैलने से रोकने और जनता को पूर्ण सहयोग देने की सरकारी प्रतिबद्धता के तहत कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने आज सभी प्रतिष्ठानों को निर्दिष्ट और वैकल्पिक दोनों ही कामकाज में लगाए गए अप्रेंटिसों के लिए लागू पूर्ण स्टाइपेंड का भुगतान उन्‍हें करने के लिए बाकायदा सूचित कर दिया। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय अप्रेंटिस संवर्धन योजना (एनएपीएस)  से संबंधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, लॉकडाउन अवधि के लिए सरकार द्वारा एनएपीएस के तहत प्रतिष्ठानों को स्टाइपेंड की प्रतिपूर्ति या वापसी कर दी जाएगी।अप्रेंटिस अधिनियम, 1961 और इसके तहत अप्रेंटिस नियमों में यह उल्‍लेख किया गया है कि यदि किसी विशिष्‍ट कामकाज में संलग्‍न अप्रेंटिस उस प्रतिष्ठान में हड़ताल या तालाबंदी अथवा छंटनी के कारण अप्रेंटिस संबंधी प्रशिक्षण की अवधि को पूरा करने में असमर्थ रहता है, जहां वह प्रशिक्षण प्राप्‍त कर रहा है और उसके लिए वह उत्‍तरदायी नहीं है, तो वैसी स्थिति में उसके अप्रेंटिस प्रशिक्षण की अवधि को हड़ताल या तालाबंदी अथवा छंटनी, इनमें से जो भी हो, की अवधि के बराबर बढ़ाया जाएगा और इस तरह की हड़ताल या तालाबंदी अथवा छंटनी की अवधि के बराबर या छह माह की अधिकतम अवधि के लिए, इनमें से जो भी कम हो, उसे स्टाइपेंड दिया जाएगा।केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने अपने विचार व्यक्त किए और यह साझा किया, ‘“यही वह समय है जब हम सभी को आगे आने और एक-दूसरे से पूर्ण सहयोग करने की आवश्यकता है। 

यहां तक कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कारोबारियों से सहानुभूतिपूर्वक कदम उठाने की अपील की है। इसे ध्‍यान में रखते हुए हमने फैसला किया है कि हम देश के कार्यरत युवाओं के मनोबल को कम नहीं होने देंगे और हरसंभव तरीके से उन्‍हें सहयोग देंगे। इसके मद्देनजर हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अप्रेंटिस को कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान उनका स्टाइपेंड निरंतर मिलता रहे। मैं यह भी बताना चाहूंगा कि सभी प्रतिष्ठानों ने इस संबंध में पूरी कटिबद्धता दिखाई है और वे विकट संकट की इस महत्‍वपूर्ण घड़ी में सेवाओं को सुचारू रूप से मुहैया कराने के लिए सरकार के साथ सहयोग कर रहे हैं।युवाओं को स्कूल एवं कॉलेज की पढ़ाई के बाद बड़े ही सुचारू रूप से रोजगार के मार्ग पर अग्रसर कर उन्‍हें सशक्त बनाने और इसके साथ ही उद्योग जगत तथा प्रशिक्षण संस्थानों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने में भी अप्रेंटिसशिप को एक प्रभावकारी तरीका माना गया है। राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप कार्यक्रम भारत के कार्यबल का कौशल बढ़ाने में काफी हद तक अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है और इस तरह से यह विभिन्न पक्षकारों या पक्षों (नियोक्ताओं, व्यक्तियों एवं सरकार) के बीच लागत को साझा करने तथा सरकारों, नियोक्ताओं और कामगारों को साझेदारी में शामिल करने का अनूठा अवसर प्रदान करता है। अप्रेंटिसशिप उद्योग जगत और युवाओं को आपस में जोड़ने की दृष्टि से दोनों के लिए ही फायदेमंद है जिससे भविष्य में ‘कुशल भारत’ के विजन को मूर्त रूप देने या एक वास्तविकता बनाने में मदद मिलेगी।