5 Dariya News

पंजाबी भाषा को और अधिक विकसित करने के लिए सूबे के विद्यालय,महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय आगे आए : तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा

जीएनडीयू में पंजाबी भाषा,साहित्य एवं संस्कृति : वर्तमान संभावनाएं और चुनौतियां विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

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अमृतसर 17-Feb-2020

सोमवार पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाबी भाषा को विकसित करने के लिए सूबे के विद्यालयों,महाविद्यालयों एवं  विश्वविद्यालयों को आगे आना चाहिए एवं पंजाबी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए ।। वे अमृतसर स्थित  गुरु नानकदेव विश्वविद्यालय के श्री गुरु ग्रन्थ साहिब भवन सभागार में  पंजाबी भाषा,साहित्य एवं संस्कृति:वर्तमान संभावनाएं और चुनौतियां विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं  सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा वर्तमान समय मे विश्व में करीब 12 करोड़ लोग पंजाबी भाषा बोलते है जिसमें से 3 करोड़ लोग भारत में पंजाबी बोलते है  एवं  इस तरह की संगोष्ठीयों का उद्देश्य पंजाबी भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग पंजाबी बोलने और सीखने के लिए प्रोत्साहित हो।वहीं इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि  पहुँचे जीएनडीयू के पूर्व  उप-कुलपति प्रोफेसर डॉ. एस. पी सिंह  ने कहा भारत के पंजाबियों को अपनी भाषा से प्रेम करना चाहिए एवं राज्य सरकार को भी विद्यालय स्तर पर पंजाबी विषय को अनिवार्य कर देना चाहिए । उन्होंने कहा हमें बच्चों में पुस्तक पढ़ने की संस्कृति को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए एवं हमें पंजाबी भाषा को रोजगार दिलाने वाली भाषा के रूप में विकसित करना होगा ।

संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता पहुँचे डॉ. जसविंदर सिंह ने पंजाबी भाषा के अलग-2 पड़ावो की विस्तार से जानकारी दी । उन्होंने पंजाब के सरकारी दफ्तरों में पंजाबी भाषा के प्रयोग को अनिवार्य करने पर पंजाब सरकार की सरहाना की । उन्होंने कहा भारत एक बहु-भाषाओं एवं संस्कृतियों का देश है ऐसे में किसी एक भाषा का होना कठिन है ।वहीं इस संगोष्ठी में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय पधारे सभी अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन विश्वविद्यालय के उप-कुलपति प्रोफेसर जसपाल सिंह संधू ने किया । इस मौके पर शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रोफेसर एस.एस बहल  ने आए हुए सभी मेहमानों का धन्यवाद किया ।आपको बता दे इस मौके पर पंजाबी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ.करनैल सिंह , डॉ. गुरबख्श सिंह फ्रैंक, डॉ. मनमोहन , डॉ. रावेल सिंह, डॉ. जोगिंदर सिंह कैरों,प्रोफेसर किरपाल कज़क,बलबीर सिंह मधोपुरी,मनमोहन बावा,बचींत कौर,सुरिंदर नीर सहित कुल 11 साहित्यकारों को पंजाबी भाषा के विकास के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव के.एस. कहलोन,डॉ. मनमोहन सिंह ,डॉ.दरिया सिंग सहित अन्य गणमान्य लोग एवं विश्वविद्यालय विद्यार्थी मौजूद रहे ।