5 Dariya News

गत्तके में स्टंटबाजी का रूझान बुरा : डा.जसपाल सिंह

गत्तका खेल को अकादमिक, अनुसंधान और वैज्ञानिक स्तर पर प्रफुल्लित किया जाएगा

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पटियाला 02-Aug-2014

सिख मार्शल आर्ट देश की प्राचीन खेल है जिसको प्रफुल्लित किए जाने की बहुत आवश्यकता है परंतु इस खेल के मूल स्वरूप को कायम रखते हुए टीवी चैनलों पर गत्तके के नाम आधीन पेश की जा रही स्टंटबाजी और बाजीगिरी करतबों से दूर रहा जाए क्योंकि यह स्टंट कभी भी हमारी गौरवमयी खेल का हिस्सा नहीं रहे।यह विचार आज यहां पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के उप-कुलपति डा.जसपाल सिंह ने विश्वविद्यालय परिसर में गत्तका फैडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित चर्तुथ राष्ट्रीय गत्तका रिफ्रैशर कोर्स को स बोधित करते हुए व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि समाज में प्रचलित मौजूदा स्थिति को देखते हुए नवयुवकों को नशों से दूर र ाने के लिए खेलों की तरफ प्रेरित करना चाहिए और गत्तका इसलिए बढिय़ा खेल है क्योंकि यह खेल अपनाने के कारण लड़के और विशेषकर लड़कियां खेल के साथ-साथ अपनी स्वै रक्षा भी कर सकती हैं।उन्होंने कहा कि कोई भी खेल या संस्कृति तो ही प्रफुल्लित हो सकती है यदि उसको अकादमिक और अनुसंधान क्षेत्र में प्रफुल्लित किया जाए। इस उद्धेश्य की पूर्ति के लिए पंजाबी विश्वविद्यालय और विश्व गत्तका फैडरेशन के बीच गत् वर्ष हुए एम ओ यू तहत विश्वविद्यालय द्वारा गत्तका खेल को शैक्षणिक, अनुसंधान तथा वैज्ञानिक स्तर पर प्रफुल्लित किया जाएगा ताकि यह विरासती खेल सदा कायम रहे।

इस अवसर पर एशियन गत्तका फैडरेशन के प्रधान एस पी सिंह ओबराय ने बताया कि इस नेशनल रिफ्रैशर कोर्स में समस्त खिलाडिय़ों के रहन सहन का प्रबंध जिला गत्तका एसोसिएशन पटियाला द्वारा किया गया है जिसमें पंजाब सहित विभिन्न राज्यों के 250 के लगभग शिक्षित गत्तका खिलाड़ी अपने खेल का हुनर के विकास के लिए भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में अन्य राज्यों में भी ऐसे शिविर गत्तका प्रशिक्षण केप लगाए जाएंगे।इस अवसर पर बोलते हुए गत्तका फैडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि फैडरेशन द्वारा अब तक 48 नि:शुल्क गत्तका प्रशिक्षण शिविर लगाए जा चुके हैं और राष्ट्रीय स्तर का यह चौथा रिफ्रैशर कोर्स आयोजित किया जा रहा है। जिसका समस्त खिलाड़ी बेहतर फायदा लें।इस अवसर पर गत्तका एसोसिएशन पटियाला के चेयरमैन जस्सा सिंह संधू और प्रधान अवतार सिंह ने समागम में पहुंची शि़सयतों और खिलाडिय़ों का हार्दिक स्वागत किया। इस समागम में अन्यों के अतिरिक्त विश्वविद्यालय के खेल निदेशक डा.राज कुमार शर्मा, स्र्पोट्स साईंस विभाग के मुखी डा.परमवीर सिंह एवं अन्य व्यक्ति उपस्थित थे।