5 Dariya News

73.86 करोड़ रुपये कीं डब्ल्यूएसएस का ई-उद्घाटन किया

गजेंद्र सिंह शेखावत ने मौजूदा परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के लिए कहा

5 Dariya News

जम्मू 22-Jan-2020

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज 73.86 करोड़ रुपये की लागत वालीं 42 जलापूर्ति योजनाओं का ई-उद्घाटन किया।डब्ल्यूएसएस 2.32 लाख लोगों की जरूरतों को पूरा करेगा और जम्मू-कश्मीर के 6 जिलों को 46400 कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) प्रदान करेगा जिसमें बारामूला, कुलगाम, अनंतनाग, पुंछ, कठुआ और जम्मू शामिल हैं।मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यमय, आयुक्त (एसपीआर) जल संसाधन विभाग के. वोहरा, अतिरिक्त सचिव पीएचई, आईएंडएफसी विभाग पंकज मगोत्रा, मुख्य अभियंता पीएचई जम्मू डॉ. संजीव, गणमान्य और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए।मंत्री ने विभाग के समग्र कामकाज की समीक्षा की और जम्मू-कश्मीर में जल जीवन मिशन और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के कार्यान्वयन की रणनीति पर विचार-विमर्श किया।पीएचई, आईएंडएफसी के आयुक्त सचिव अजीत कुमार साहू ने जानकारी दी कि विभाग 2024 के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुसार दिसंबर 2021 तक जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक घर को एफएचटीसी से जोड़ने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। इसके लिए, उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक तीन चरणीय रणनीति तैयार की गई है। इस पहल ने जून 2020 तक चरण-1 पूरा करने का लक्ष्य रखा है।प्रथम चरण के बारे में विस्तार से बताते हुए, साहू ने कहा कि कश्मीर संभाग में श्रीनगर, गांदरबल, शोपियां और पुलवामा नाम के चार जिलों सहित सात जिलों और जम्मू संभाग में तीन अर्थात् रियासी, पुंछ और सांबा के अलावा, अन्य जिलों के 52 अतिरिक्त ब्लॉकों को शत-प्रतिशत लिया जाएगा ताकि जून 2020 तक एफएचटीसी सुनिश्चित किया जा सके।राष्ट्रीय परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए, मंत्री ने परियोजनाओं के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। 

अड़चनों को दूर करने, गुणवत्ता के मूल्यांकन को बनाए रखने और ऐसी परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के बारे में चर्चा की गई।बैठक के दौरान, जम्मू-कश्मीर में जेजेएम के लिए उपयोग की जाने वाली सफल कार्यान्वयन रणनीति के बारे में विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। मंत्री ने व्यक्तिगत स्तर पर जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ग्राम/पंचायत स्तर पर जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ विशेष जागरूकता अभ्यास करने का निर्देश दिया।उन्होंने कहा कि परियोजनाओं का निष्पादन करते समय, अभियंताओं को डब्ल्यूएसएस के विकास, योजना बनाते समय दीर्घकालिक संचालन और प्रबंधन की रणनीति और परियोजना की स्थिरता के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने विभाग से ग्रे वाटर मैनेजमेंट के सफल तरीकों और इसके सफल पुनः उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। उन्होंने आगे कहा कि निपटान तंत्र को भी बनाए रखा जाना चाहिए।उन्होंने विभाग से स्वीकृत परियोजनाओं के कार्य को तेज करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उक्त परियोजनाओं को बिना किसी देरी के जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने विभाग से समुदायों के क्षमता निर्माण उपायों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा ताकि लोग अपने समुदाय के कल्याण और विकास के लिए सोच सकें।उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि मौजूदा परियोजनाओं को तुरंत पूरा किया जाना चाहिए ताकि आम व्यक्ति को ऐसी परियोजनाओं से लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि निर्धारित लक्ष्य से पहले जेजेएम के कार्यान्वयन के लिए जम्मू-कश्मीर हर एक के लिए एक उदाहरण होगा।इससे पहले, मंत्री ने बरनोटी और हीरानगर ब्लॉकों में इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से सीमा विस्थापितों के लिए सीएफसी, पुनर्निर्मित तालाब, पीएमजीएसवाई सड़कों, चारदीवारों, क्लास रूम, ग्राउंड और शेल्टर शेड का उद्घाटन किया।