5 Dariya News

एम. वेंकैया नायडू ने अल्पायु में ही वैज्ञानिक मनोवृत्ति तैयार करने का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति ने 27वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस को संबोधित किया

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तिरुवनन्तपुरम 30-Dec-2019

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज कहा कि अल्पायु में ही बच्चों में वैज्ञानिक मनोवृत्ति और जिज्ञासा पैदा की जानी चाहिए, क्योंकि विज्ञान के पास हमारी हर समस्या का समाधान है और राष्ट्र की प्रौद्योगिकीय विकास में उसका बहुत योगदान है।आज तिरुवनन्तपुरम में 27वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच में जिज्ञासा, तार्किकता और खुली विचारशीलता समाहित होती है। उन्होंने कहा, ‘विज्ञान की शिक्षा बच्चों को बिना किसी पूर्वाग्रह के सत्य को खोजने की प्रेरणा देती है। इसके जरिये किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले बच्चे विश्लेषण, सवाल-जवाब और तार्किकता से काम ले सकते हैं।’श्री नायडू ने कहा कि हम अभूतपूर्व प्रौद्योगिकीय परिवर्तन के युग में रह रहे हैं जहां आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार मुख्य प्रेरक हैं। उन्होंने कहा कि समुचित प्रौद्योगिकीयों के जरिये रहन-सहन की परिस्थितियों में सुधार आएगा तथा आय में इजाफा सुनिश्चित होगा।जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों का उल्लेख करते हुए श्री नायडू ने कहा कि हमें न सिर्फ इसका समाधान खोजना है, बल्कि हमें प्रकृति को सुरक्षित भी करना है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति श्री ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के कथन का हवाला देते हुए कहा कि प्राचीन भारत ज्ञान की भूमि है और प्राचीन भारत के असंख्य महान वैज्ञानिकों ने पूरे विश्व को समृद्ध किया है। उन्होंने बदली जीवनशैली के कारण युवाओं में गैर-संचारी रोगों की बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त की और बच्चों का आह्वान किया कि वे स्वस्थ खानपान तथा शारीरिक फिटनेस पर ध्यान दें।इस आयोजन में केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान, विधायक श्री वी. के. प्रशांत, कार्डिनल बेसलियोस क्लीमिस, प्रोफेसर सुधीर और अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।विज्ञान कांग्रेस में 28 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 658 छात्र वैज्ञानिक तथा मध्य पूर्व में विभिन्न भारतीय स्कूलों के 15 छात्र वैज्ञानिक अपने प्रोटोटाइप, प्रोजेक्ट और अभिनव प्रयोगों को पेश कर रहे हैं।