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ब्रहमसरोवर पर नजर आए भारत की सांस्कृतिक और शिल्प कला के झरोखे

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव बना सांस्कृतिक और शिल्प कला का केन्द्र, दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है पर्यटकों और श्रृद्घालुओं की भीड़

5 Dariya News (संजीव बंसल)

कुरुक्षेत्र 07-Dec-2019

धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के ब्रहमसरोवर पर भारतवर्ष की सांस्कृतिक और शिल्पकला के झरोखे देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को आनंदित कर रहे है। इस महोत्सव में शिल्पकला और संस्कृति के यादगार लम्हों को अपने जीवन के हसीन क्षण बनाने के लिए हरियाणा ही नहीं भारत वर्ष से लोग कुरुक्षेत्र की तरफ अग्रसर हो रहे है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केवल शनिवार को ही लाखों पर्यटक महोत्सव का आनंद लेने के लिए पहुंचे। अहम पहलू यह है कि सरस मेले में 250 स्टालों से शिल्पकारों अच्छा व्यवसाय कर चुके है।अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2019 के तमाम क्षणों को यादगार बनाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी गई है। इस महोत्सव को अगर देश की संस्कृति और शिल्पकला का केन्द्र बिन्दू कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि इस महोत्सव के शिल्प मेले में उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला की तरफ से विभिन्न राज्यों के शिल्पकार पहुंचे है। इनमें से कई शिल्पकारों को राष्ट्रीय, राज्य, संत कबीर दास सहित अन्य अवार्ड मिल चुके है। इन शिल्पकारों की शिल्पकला को निहारने के लिए रोजाना लाखों पर्यटक पहुंच रहे है। महोत्सव में आए शिल्पकारों से बातचीत कर आंकलन किया गया तो सरस मेले में अच्छा व्यवसाय हो चुका है। इन आंकड़ो से सहजता से आंकलन किया जा सकता है कि यह महोत्सव शिल्पकारों के लिए आर्थिक रुप से भी एक विशेष महोत्सव के रुप में पहचान बना चुका है।शिल्पकला के साथ-साथ पर्यटकों को विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति से भी रुबरु होने का अवसर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला की तरफ से दिया गया है। इस महोत्सव में हिमाचल प्रदेश के गद्दी, नाटी, माहसु नाटी, मालंती, सोलन गद्दी, आसाम का बारदोसोखला व बगुरुम्बा, जम्मू कश्मीर के रुफ, राजस्थान का चकरी चारी, पंजाब का गिद्दा, सम्मी डांस व भांगड़ा, उतराखंड के छपेली, घसेरी गीत नृत्य, थाडिया चौफुला व गसीयारी लोक नृत्य ने पर्यटकों को अपने मोहपास में बांधने का काम किया है। इसके अलावा बाजीगर, बहरुपिए और राजस्थान की कच्ची घोड़ी तथा हरियाणा की बीन बांसुरी और नगाड़ा पार्टी की थाप पर्यटकों को झूमने पर मजबूर कर रही है। इसलिए ब्रहमसरोवर के पावन तट पर भारत की संस्कृति और शिल्पकला का केन्द्र बन चुके है और एक ही तट पर भारत की संस्कृति को देखा जा सकता है।

वैश्विक गीता पाठ, दीपदान और प्रसिद्घ गायक सतिन्द्र सरताज का कार्यक्रम आज

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में 8 दिसम्बर को सुबह 10 बजे ज्योतिसर में गीता यज्ञ, सुबह 10 बजे ही थीम पार्क में 18 हजार बच्चों का श्लौकाच्चारण कार्यक्रम, सुबह 11 बजे पुरुषोतमपुरा बाग में एनजेडसीसी के कलाकारों की सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुती, दोपहर 12 बजे थीम पार्क व ज्योतिसर में वैश्विक गीता पाठ, दोपहर 2 बजे केडीबी कार्यालय के सामने से भव्य शोभा यात्रा, सायं 5 बजे मुख्य पांडाल में वृंदावन फुलों की होली सांस्कृतिक कार्यक्रम व प्रसिद्घ पंजाबी गायक सतिन्दर सरताज की प्रस्तुती, 5 बजकर 30 मिनट पर ब्रहमसरोवर पर वाटर लेजर शो, सायं 6 बजे पुरुषोतमपुरा बाग में विराट महाआरती और दीपदान का कार्यक्रम होगा।