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गीता के बजाए फिल्मी गानों तक सिमट कर रह गए गायक अभिजीत भट्टाचार्य

श्रोताओं ने केडीबी के आयोजकों पर उठाए सवाल?

5 Dariya News (संजीव बंसल)

कुरुक्षेत्र 08-Dec-2019

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2019 के मुख्य सांस्कृतिक कार्यक्रम में शनिवार रात्रि गायक अभिजीत भट्टाचार्य ने अपनी गायकी की प्रस्तुति दी। देखने में आया कि इस दौरान अभिजीत भट्टाचार्य ने गीता की बजाए फिल्मी गानों पर जोर दिया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव पर आयोजित इस कार्यक्रम में गीता पर या अन्य किसी धार्मिक विषय पर कोई गायन नही किया। गायक अभिजीत भट्टाचार्य द्वारा गीता को दरकिनार कर फिल्मी गीत गुनगुनाने को लेकर समारोह में उपस्थित अनेक लोग यह चर्चा करते हुए सुने गए कि वाह रे कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के आयोजकों, जब तुम्हे गीता जयंती जैसे अंतरराष्ट्रीय महोत्सव पर इस प्रकार के फिल्मी कलाकारों को फिल्मी गाने गुनगुनाने के लिए भारी भरकम राशि खर्च करके बुलाना था तो ऐसे में गीता जयंती के आयोजन का ही क्या लाभ? हरिभूमि से चर्चा करते हुए वहां मौजूद कुछ श्रोताओं ने इस मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अध्यक्ष हरियाणा के राज्यपाल से भी तुरंत संज्ञान लेने की बात कही। इतना ही नही एक श्रोता ने तो यहां तक कहा कि वे सूचना के अधिकार के तहत गीता जयंती पर इस प्रकार बिना वजह जाया किए गए गीता जयंती के पैसे की जानकारी सूचना के अधिकार के माध्यम से मांगेगे और इस सारे मामले से प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को भी पत्र लिखकर अवगत करवाएंगे। सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव पर भारी-भरकम धनराशि खर्च की जा रही है ताकि गीता का प्रचार-प्रसार हो। इसी उद्देश्य से सांस्कृतिक सांध्य का आयोजन किया गया जिससे की महोत्सव में आने वाले पर्यटक गायकी द्वारा गीता का अनुसरण कर सके। अभिजीत भट्टाचार्य के इस कार्यक्रम में भाजपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, हरियाणा के शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर, खेलमंत्री संदीप सिंह, सांसद नायब सिंह सैनी, सांसद सुनीता भूक्कल, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, पूर्व मंत्री ओपी धनखड़, विधायक सुभाष सुधा, भाजपा के प्रदेश महामंत्री चौधरी वेदपाल भी मौजूद थे। गायक अभिजीत भट्टचार्य ने किशोर के गाने मुसाफिर हूं यारों, ना घर है ना ठिकाना..., वादा रहा सनम जुदा ना होंगे हम, हमारी चाहतों का मिट ना सके फसाना, सुना ना सुनो सुन लो ना... टनटनाटन टन टन तारा चलती है क्या नौ से बारह सहित अन्य गीतों को प्रस्तुत किया। इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव पर आयोजित इस कार्यक्रम में गीता को भूलकर अभिजीत फिल्मी गानों तक ही सीमित रहे।