5 Dariya News

पंजाब सरकार द्वारा स्वच्छ और इलैक्ट्रिक मोबिलिटी पायलट प्रोजैक्ट तैयार करने सम्बन्धी भागीदारी

प्रगतीशील पंजाब निवेशक सम्मेलन में प्रमुख भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ इलैक्ट्रिक मोबिलिटी के विषय पर होगी विशेष चर्चा

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चंडीगढ़ 04-Dec-2019

राज्य में बढ़ रही वातावरण प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने वल्र्ड इक्नॉमिक फोरम (डब्ल्यू.ई.एफ.) के साथ स्वच्छ और इलैक्ट्रिक मोबिलिटी पायलट प्रोजैक्ट तैयार करने सम्बन्धी साझेदारी की गई है।राज्य में विद्युत वाहन (इलैक्ट्रिक व्हीकल) की शुरुआत के मद्देनजऱ राज्य की तरफ से अपनी ई.वी नीति भी बनाई जा रही है। आटो पाटर्स का उत्पादक और साझी ईवी ट्रांजीशन, अच्छा रुतबा रखने, कुशल कामगारों की मौजूदगी और अपेक्षित बिजली की उपलब्धता के कारण डब्ल्यू.ई.एफ. ने पंजाब को इस पायलट प्रोजैक्ट के लिए चुना है।निवेश प्रोमोशन और उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की अतिरिक्त मुख्यसचिव विनी महाजन के अनुसार जनवरी 2020 में दावोस में डब्ल्यू.ई.एफ. की सालाना मीटिंग में की जाने वाली हिस्सेदारी के अनुभव के तौर पर उभारे जा रहे इस प्रोजैक्ट में यह मुआयना किया जायेगा कि सार्वजनिक और निजि क्षेत्र किस तरह सबसे मज़बूत और सफल ई.वी. वातावरण की पेशकश करने के लिए आपस में साझेदारी की जा सकती है।श्रीमती महाजन ने कहा कि इस अध्ययन के द्वारा शहरों और दुनिया भर के मुल्कों में इलैक्ट्रिक व्हीकल चलाए जाने की शुरुआत करने सम्बन्धी रूप रेखा तैयार की जायेगी।यह साझेदारी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार की तरफ से ई -गतिशीलता को उत्साहित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों में से एक है जो पंजाब की ट्रांसपोर्ट प्रणाली को सभ्य और सरल बना देगा। राज्य ने पहले ही 5 जि़लों (लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, मोहाली और फतेहगढ़ साहिब) में डीज़ल / पेट्रोल तिपहिया वाहनों की नयी रजिस्ट्री पर पाबंदी लगा दी है। यह हिस्सेदारी लुधियाना जिले के धनानसू गाँव में 380 एकड़ में बने नये औद्योगिक पार्क में ई.वी. / बैटरी यूनिट के स्थापन को भी उत्साहित कर रही है।पंजाब भारत का पहला आटो श्रेडिंग प्लांट भी प्राप्त करने जा रहा है, जिसमें 8 घंटो की शिफ्ट में सालाना दो लाख कारों से निपटने की क्षमता है। यह प्लांट जर्मन के तकनीकी सहयोग से स्थापित किया जा रहा है।आगामी प्रगतिशील पंजाब निवेशक सम्मेलन (पीपीआईएस) 2019 में ई-गतिशीलता को विचार-विमर्श के एक मुख्य विषय के तौर पर विचारा जायेगा, जिसमें आटोमोबाईल, ई-गतिशीलता और शोध संस्थाओं की प्रमुख हस्तियाँ हिस्सा लेंगी। वोलवो समूह, वर्जिन हाईपरलूप वन, महेन्द्रा इलेक्ट्रिक और हीरो इलेक्ट्रिक, एस.एम.एल इसूजू, हेला इंडिया लाईटिंग लिमिटेड के अन्य प्रमुख डैलीगेटज़ और अन्य माहिर इस सैशन का हिस्सा होंगे जो पंजाब में मौजूद समय दौरान प्रचलित मौकों को ई -यातायात की ग्लोबल वेल्यु चेन में सभ्यक ढंग से कारगर बनाए जाने सम्बन्धी रूप रेखा तैयार करेंगे।

राज्य सरकार द्वारा तैयार की जा रही ई.वी. पॉलिसी इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग की पूरी वेल्यु चेन को कवर करती है। माँग पैदा करने की ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए पॉलिसी फेम-2 में दिए गए प्रोत्साहनों से अधिक उत्साह देती है। कुछ नये प्रोत्साहनों में विशेष तौर पर सब्सिडी, मोटर वाहन टैक्स की छूट, बीएस-4 के अनुकूल न होने वाले वाहनों को ख़त्म करना शामिल है। जि़क्रयोग्य है कि इन प्रोत्साहनों को 2-पहिया वाहन, 3-पहिया वाहन, 4-पहिया वाहनों और बसों तक बढ़ा दिया गया है।इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक तौर पर अपनाए जाने को और उत्साहित करने के लिए नीति में हरी नंबर प्लेटों और ग्रीन कोरीडोर के रूप में अन्य प्रोत्साहन भी शामिल किये गए हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने सम्बन्धी चिंताओं को शांत करने के लिए नीति सार्वजनिक और प्राईवेट मंचों पर चार्जिंग करने वाले ढांचे को गर्मजोशी के साथ फैलाने पर ज़ोर देती है। ईवी सैक्टर में निरंतर विकसित प्रौद्यौगिकी के संपर्क में रहने के मद्देनजऱ, स्टार्टअप्स और सैंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए एक विशेष प्रबंध किया गया है।श्रीमती विनी महाजन ने बताया कि ई.वी नीति का भविष्य का रुझान बैटरियों के रीसाइक्लिंग या पुन: प्रयोग के लिए प्रफुल्लित करने और सैक्टर में कुशलता के विकास के तौर पर देखा जा सकता है।पंजाब पहले ही एक आटो एंड आटो एनसीलरी का उत्पादक होने, बड़ी औद्योगिक इकाईयों का राज्य होने, बड़े उपभोग मार्कीटों में पहुँच और कला के अच्छे बुनियादी ढांचों के कारण बढिय़ा स्थान रखता है। राज्य में 2 लाख से अधिक एम.एस.एम.ई हैं जो लाईट इंजीनियरिंग, सटीक उत्पादन और हैवी इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में महारत रखते हैं।भारत में सेकेंडरी स्टील उत्पादन के लिए एक प्रमुख केन्द्र होने के कारण बहुत से विश्वव्यापी दिग्गजों ने पिछले महीने इस क्षेत्र में निवेश किया है, इसमें पंजाब की अलग अलग फोर्जिंग इकाईयाँ शामिल हैं। बहुत से अन्य आटो कम्पोनेंट जैसे आटोमोबाईल इंजन पार्ट्स, स्टीयरिंग सिस्टम पाटर््स, ब्रेकिंग कम्पोनेंट्स, गियर लीवर आदि तैयार किये जा रहे हैं और यहाँ तक कि बड़े ओ.ई.एम, जैसे कि बी.एम.डब्ल्यू, फोर्ड, हौंडा, निसान, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्ज़, महेन्द्रा आदि को स्पलाई किया जा रहा है। राज्य ट्रैक्टर और साइकिल के उत्पादन में भी अगुआ है।मशहूर अंतरराष्ट्रीय उद्योगपति जैसे कि क्लास, फ्रईऊडेनबर्ग, विब्रकौस्टिक और वर्बियो समूह (जर्मन कंपनियां) ने पहले ही पंजाब में मज़बूत बिक्री नैटवर्क बनाए हैं जबकि स्पेन के आए सी.एन. इफको एसे विक्रेता बनने की प्रक्रिया में हैं।