5 Dariya News

डिप्टी कमिशनर ने पानी को लेकर बनी फिल्म ‘पानी की कहानी ’ फिल्म का पोस्टर और प्रोमो किया रिलीज

पूरी मानवता को पानी की किल्लत से बचाने का संदेश देगी फिल्मः डिप्टी कमिशनर

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फाजिलका 04-Dec-2019

पानी जिंदगी का अहम अंग है। धरती और मानवीय शरीर में पानी की मात्रा एक जैसी है। जहाँ धरती पर पानी की मात्रा दो तिहाई हिस्से पर मौजूद है। वही मानवीय शरीर में भी पानी का अस्तित्व उतनी ही मानी जाती है। इस लिए कुदरत की इस अमुल्य रहमत को बचाना हमारा सब का फर्ज होना चाहिए, इन शब्दों का प्रगटावा डिप्टी कमिशनर मनप्रीत सिंह छत्तवाल ने सांसारिक स्तर पर पेश आ रही पानी की समस्या से पूरी मानवता को जागरूक करवाने और इस के प्रभावी हल बताने के लिए लघु फिल्म ‘पानी की कहानी ’ का पोस्टर और प्रोमो रिलीज करने मौके किया। उन्होंने कहा कि पानी की बूँद-बूँद कीमती होने का संदेश देते फिल्म के दृश्य पानी की कहानी की सारथिकता को दिखाते हैं।यहाँ बताने योग्य है कि केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की तरफ से पूरे भारत में पानी को ले कर किये सर्वेक्षण के बाद पानी की किल्लत के दूर आगामी निष्कर्षों से बचाने के लिए केंद्र और पंजाब सरकार के सांझे प्रयासों के द्वारा शुरु की गई मुहिम जल शक्ति अभ्यान के अंतर्गत जल शक्ति मंत्रालय केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों और जिला प्रशासन का नेतृत्व में लघु फिल्म ‘पानी की कहानी ’ तैयार की गई है। इस सम्बन्धित जानकारी देते स. छत्तवाल ने कहा पानी की अहमीयत और सही करने के तरीकों के बारे में यह फिल्म कारगर भूमिका अदा करेगी। उन्होंने चिंता जाहिर करते कहा कि पानी के प्रयोग को लेकर हम पूरी तरह जागरूक नहीं हैं। धरती के नीचे से रोज पानी निकाले जाने के कारण जिला फाजिल्का भी देश के लगभग 255 जिलों की तरह ही डार्क जोन में आ चुका है, इस लिए यह फिल्म हर मानव को पानी की किल्लत से जागरूक ही नहीं करवाएगी बल्कि उसकी सही इस्तेमाल करने के उपायोग के बारे भी जानकारी देगी। 

फिल्म में अहम भूमिका निभाने वाले वधीक डिप्टी कमिशनर जनरल डा. रुपिन्दरपाल सिंह ने बताया कि इस फिल्म में पानी का प्रयोग को ले कर फिल्माए गए संक्षिप्त संदेश, गीत और कविता दर्शकों का जहाँ मनोरंजन करेंगे, वही यह फिल्म दर्शकों को पानी की भयानक होती स्थिति को दिमाग से नहीं बल्कि दिल से सोचने के लिए अपनी भूमिका अदा करेगी।फिल्म के डायरैक्टर परमजीत सिंह पंमी ने फिल्म के विषय वस्तु बारे जानकारी देते बताया कि पानी के हर तरह के स्त्रोतों जोहड़, कुओं,तालाबों से शुरू हुई पानी की कहानी ने हमें आज मच्छी मोटर से लेकर बंद बोतलों पर लाकर खडा किया है, परन्तु कुदरत ने तो धरती के हर जीव के लिए खुलदिली के साथ हवा, पानी और वनस्पती उपहार के रूप में बखशीश की गई थी। परन्तु आज मानव की संकुचित सोच और अज्ञानता कारण जीवन की लाईफ लाईन मानी जाने वाले पानी का अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। जिस करके यह फिल्म लोगों को कुदरत के हर तरह के स्त्रोतों को संभालने और उन का सही प्रयोग करने के लिए प्रेरनादायक साबित होगी। यह फिल्म भूगौलिक, राजनैतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खान-पान, रहन-सहन, रीति-रिवाज, लोगों का पेशा, शैक्षिक क्षेत्र, औद्योगिक पक्षों को उजागर करती है, जिस करके यह फिल्म फाजिल्का आने वाले हर टूरिसट और जानकारी की जिज्ञासा रखने वाले हर व्यक्ति या कह लें विद्यार्थियों के लिए प्रश्न उत्तर ज्ञान द्वारा भी सहायक सिद्ध होगी।फिल्म में प्रोग्राम सहायक का रोल अदा करने वाले बलराज पन्नीवाला ने बताया कि फाजिल्का जिला अंतरराजी और अंतरदेशी सरहदों के साथ जुड़ा होने के कारण अपने में कुदरत के बेशकीमती खजाने समोयी बैठा है। जहाँ कादर की कुदरत तहकती-चहकती कुल आलम के साथ एकजुटता का प्रगटावा करती प्रतीत होती है। उन्होंने बताया कि फिल्म में दिखाऐ गए दृश्य इस बात की गवाही हैं कि जहाँ इस जिले के निवासी वातावरण प्रेमी हैं, वही इन लोगों में कुदरत के वरसाए पशु-परिंदों और वृक्षों के साथ भी प्यार की एक अलग इच्छा और सांझ इस फिल्म के सहारे देखने को मिलेगी।फिल्म की अडीटिंग और संगीत समशेर सिंह की तरफ से तैयार किया गया है और सुरिन्दर कम्बोज, मान डब्बवालिया, सोनम कम्बोज, नूर कथूरिया, टहल सिंह, हरकिरजनजीत सिंह ने अपनी खूबसूरत आवाज के साथ सजाया है। मनजीत सिंह और राजेश ने कैमरामैन की सेवाएं दीं। प्रोजैक्ट कोआरडीनेटर की गुरछिन्दरपाल सिंह और विजय पाल ने भूमिका निभाई। विपन कुमार, नवदीप, जसविन्दर चावला, रोहित सेतिया, इंद्रजीत, रणबीर कौर और प्रिंस ने मैनेजमेंट टीम का रोल अदा किया।डिप्टी कमिशनर फाजिल्का की तरफ से इस फिल्म को बनाने में सहायक हुए हर विभाग, लोगों और समूह टीम सदस्यों को धन्यवाद किया और हरेक व्यक्ति को इस फिल्म को देखने की अपील की।