5 Dariya News

डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू में जल शक्ति और आपदा प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत‘ पर सम्मेलन का उद्घाटन किया

उपराज्यपाल ने जल संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों की स्थिरता पर बल दिया

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जम्मू 30-Nov-2019

केंद्रीय राज्य मंत्री (पीपी), डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश के अन्य हिस्सों में लागू होने वाले सभी केंद्रीय कानून अब नए बनाए गए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और लद्दाख पर लागू होंगे। उन्होंने कहा कि लगभग 854 ऐसे कानून हैं जो नागरिक-अनुकूल हैं और इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के आम आदमी को लाभ होगा, जो पहले इससे वंचित थे। मंत्री ने कहा कि अब हर किसी को यह समझना चाहिए कि अनुच्छेद 370 हमेशा के लिए चला गया और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का दृढ़ संकल्प है। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेशों के लोगों से अपील की कि वे आम जनता को कल्याण प्रदान करने में सरकार का सहयोग करें।उन्होंने यह बात 30 नवंबर-1 दिसंबर, 2019 को जम्मू में आज ‘जल शक्ति ’और आपदा प्रबंधन’ पर ध्यान केंद्रित ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पर दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर संबोधित करते हुए कही। सम्मेलन का आयोजन प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की सरकारों के सहयोग से किया जा रहा है।सम्मेलन के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह ने केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में शासन में सफल नवाचारों पर आधारित ई-पत्रिका, ‘न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन’ का विशेषांक भी जारी किया। नवाचारों में - बैक टू विलेजः एक लोक कार्यक्रम, पंचायत चुनावः जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989 में पंचायत चुनाव संशोधन के लिए आईईसी, केआरईडीए कारगिल, लद्दाख परियोजनाः त्संगडा लेह परियोजनाः एक कचरा प्रबंधन कार्यक्रमय, सभी को बिजलीः जम्मू और कश्मीर राज्य में कुल घरेलू विद्युतीकरण, जलशक्ति परियोजनाः रियासी, निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि प्रबंधन सूचना प्रणाली, बडगाम, सौभाग्य प्लस परियोजना, गांदरबल, बालिका शिक्षा को सक्षम बनाना, बांदीपोरा, खोए हुए तालाबों का कायाकल्प, कठुआ और स्कूलों में नामांकन अभियान और सीमावर्ती क्षेत्रों, बारामूला में सामुदायिक समर्थन के साथ बुनियादी ढांचे में सुधार षामिल हैं। उन्होंने भारत सरकार के सीपीजीआरएएमएस लोक शिकायत पोर्टल और जम्मू-कश्मीर के आवाज-ए-आवाम पोर्टल के एकीकरण का भी शुभारंभ किया।आपदा प्रबंधन के बारे में बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि पहले आपदाओं की प्रतिक्रिया प्रतिक्रियात्मक हुआ करती थी, लेकिन प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, यह अब सक्रिय हो गया है। उन्होंने कहा कि अब निवारक उपायों पर ध्यान केंद्रित किया गया है और नुकसान को कम किया जा रहा है।जम्मू व कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मु ने कहा कि सम्मेलन देश भर से सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने का एक शानदार अवसर है। 

जल संरक्षण के महत्व और प्राकृतिक संसाधनों की स्थिरता पर बल दंते हुए, उपराज्यपाल ने पानी को बचाने के लिए तत्काल उपाय करने और पानी की कमी के संकट को कम करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों को मानसून और अन्य जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप फसल पैटर्न का अध्ययन करना चाहिए। यह केवल पानी की उपलब्धता के बारे में नहीं है, बल्कि पानी की गुणवत्ता के बारे में भी है जिस पर हमें ध्यान देने की आवश्यकता है।उपराज्यपाल ने कहा कि यदि हम लोगों को सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करने में सक्षम हैं तो हम कई जल जनित बीमारियों को रोक सकते हैं। हम अक्सर हवा और पानी को एक मुफ्त वस्तु के रूप में लेते हैं, लेकिन हम शायद ही कभी बदलते परिदृश्य के बारे में सोचते हैं जहां इन दोनों अपरिहार्य वस्तुओं की गुणवत्ता बिगड़ रही है।उपराज्यपाल ने आगे कहा कि स्वच्छ भारत अभियान ने साबित कर दिया है कि स्वच्छता कैसे लोगों के जीवन को बेहतर बना सकती है। प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के दौरान नागरिकों की भूमिका के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा के लिए पहले उत्तरदाता नागरिक होते हैं और उनका सशक्तिकरण परम आवश्यकता है। उन्होंने नागरिकों के बीच प्रारंभिक चेतावनी और एसएमएस सेवा के माध्यम से जागरूकता फैलाने पर जोर दिया।जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बी.वी. आर. सुब्रह्मण्यम ने इस सम्मेलन के आयोजन के लिए डीएआरपीजी की सराहना की। उन्होंने कहा कि सम्मेलन के विषय जम्मू-कश्मीर के लिए उपयुक्त हैं। उन्होंने कहा कि देश का कोई भी क्षेत्र जम्मू-कश्मीर जैसी प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त नहीं उन्होंने आगे कहा कि आपदा प्रबंधन में रोकथाम के साथ-साथ शमन भी शामिल है। हमें तमिलनाडु राज्य से क्षमता का निर्माण करना सीखना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पानी को हर दरवाजे तक ले जाया जाए और जून 2021 तक पूरे राज्य में पाइप से पानी की आपूर्ति हो। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु पानी के सबसे अच्छे उपयोगकर्ताओं में से एक है और पानी के दबाव वाले राज्य होने के बावजूद अपने जल संसाधनों का प्रबंधन बहुत अच्छी तरह से करता है। उन्होंने उधमपुर में देविका परियोजना के बारे में भी बताया, जिसमें जम्मू-कश्मीर में एक पर्यटन स्थल बनने की क्षमता है।इससे पहले, अपना स्वागत भाषण देते हुए, डीएआरपीजी के अतिरिक्त सचिव वी. श्रीनिवास ने कहा कि डीएआरपीजी ने सितंबर कई पहल की हैं, जिसके बाद जम्मू-कष्मीर सरकार के साथ सहयोग को गति मिली है। उन्होंने कहा कि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत‘ ने तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को एक साथ लाया है। उन्होंने आगे कहा कि ‘सहयोग संकल्प‘ को मान्य सत्र में अपनाया जाएगा तथा कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य राष्ट्रीय एकीकरण है।सम्मेलन में राज्य सरकार के लगभग 350 प्रतिनिधियों - जिला कलेक्टरों/जिला एसपी और सिविल सोसाइटी, के प्रतिनिधियों, इंजीनियरिंग विभागों, खाद्य, सीए और नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा भाग लिया जा रहा है।