5 Dariya News

‘गांव की ओर’ हमारा सामूहिक प्रयास : रोहित कंसल

इसे सफल बनाने के लिए सभी प्रयास करें

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जम्मू 22-Nov-2019

योजना विकास और निगरानी विभाग के प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने आज सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागों के प्रमुखों से ‘गांव की ओर’(बी2वी) के दूसरे चरण को सफल बनाने के लिए तालमेल से काम करने पर जोर दिया। उन्होंने बी2वी कार्यक्रम के चरण-2 के दौरान की जाने वाली गतिविधियों से अधिकारियों को परिचित कराने के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्य के दौरान यह बात कही।कंसल ने जोर देकर कहा कि इस सरकार की पहल के दौरान हर लाइन विभाग की भूमिका है और प्रत्येक विभाग के फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को लगातार इस पहल में भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को अपनी उपलब्धियों का प्रदर्शन करना चाहिए और उसी के उचित प्रदर्शन के लिए सभी उपायक्तों को संबंधित विवरण भेजना चाहिए।प्रमुख सचिव ने अधिकारियों को यह भी दोहराया कि प्रत्येक क्षेत्र के अंतर्गत सरकार की उपलब्धियों को विधिवत उजागर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के चरण 1 के पूर्ण और अधूरे कार्यों का मौके पर ही आकलन किया जाना चाहिए और यदि कोई है तो पाया जाने वाले अवरोधों को हल किया जाना चाहिए।कंसल ने अधिकारियों से जनता के बीच सभी कल्याणकारी योजनाओं, विशेष रूप से केंद्र प्रायोजित के बारे में जागरूकता पैदा करने की अपील की।उन्होंने कहा कि बी2वी-2 के सभी चार उद्देश्य जिनमें बी2वी-1 का पालन करना, पंचायतों की कार्यक्षमता, व्यक्तिगत लाभार्थी उन्मुख योजनाओं में 100 प्रतिषत नामांकन और किसानों की आय को दोगुना करना शामिल हैं, इस कार्यक्रम के दौरान विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

इससे पहले सचिव ग्रामीण विकास, शीतल नंदा ने बी2वी कार्यक्रम के इस चरण के दौरान होने वाली गतिविधि अनुसूची के बारे में एक पावरपोइंट प्रस्तुति दी। उन्होंने गतिविधियों की एक समयावधि दी और अधिकारियों को ग्रामीणों के बीच इस तरह की सूचना प्रसारित करने के बारे में बताया। अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया गया कि रिपोर्टिंग कार्ड और क्रिटिकल गैप एनालिसिस को प्रत्येक विजिटिंग अधिकारी को तैयार करना होगा।सचिव आरडीडी ने अधिकारियों से कहा कि वे बी2वी-1 कार्यक्रम के दौरान उठाए गए मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के अलावा प्रत्येक दौरा किए गए गाँव की ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) का अनावरण करें।शीतल नंदा ने अधिकारियों को यह भी बताया कि दौरा करने वाले अधिकारी को कम से कम स्थानीय संस्थानों जैसे स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी केंद्र आदि का दौरा करना चाहिए और चालू वित्त वर्ष के दौरान गांव में किए गए कुछ कार्यों का निरीक्षण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों (4-14 वर्ष की आयु) के 100 प्रतिषत से अधिक नामांकन, पीएम-किसान, आयुष्मान भारत और अन्य पेंशन और छात्रवृत्ति योजनाओं की 100 प्रतिषत कवरेज पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए। अधिकारियों को सूचित किया गया कि एक पूर्व-प्रसारित प्रारूप में एक रिपोर्ट को एक गांव के 2 दिन के दौरे के अंत में प्रस्तुत करना होगा।