5 Dariya News

डेरा बाबा नानक उत्सव के अवसर पर गुरू नानक देव जी के प्रकाश पर्व सम्बन्धी फिल्में बनाने वाले निर्देशकों का करीब 05 लाख रुपए के साथ सम्मान

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चंडीगढ़/डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर) 10-Nov-2019

किरत करने, नाम जपने और बाँट कर छकने के सिद्धांत से दूर जाने के कारण ही समाज में गिरावट आई है और स्वस्थ समाज की सृजना करने के लिए लाजि़मी है कि गुरू साहिब की वाणी का अधिक से अधिक प्रचार करने के साथ साथ गुरूवाणी पर अमल किया जाना यकीनी बनाया जाये। इसी पक्ष को ध्यान में रखते हुये श्री करतारपुर साहिब गलियारा खुलने और गुरू नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व सम्बन्धी डेरा बाबा नानक उत्सव करवाया जा रहा है। इन विचारों का प्रगटावा सहकारिता और जेल मंत्री सुखजिन्दर सिंह ने रंधावा ने डेरा बाबा नानक उत्सव के अंतर्गत बलिहारी कुदरत वसिया’ पंडाल में करवाए गये सैमीनार में बतौर मुख्य मेहमान शिरकत करते हुये किया। इस मौके पर उन्होंने डेरा बाबा नानक उत्सव के अंतर्गत करवाए गये फि़ल्म फेस्टिवल के दौरान दिखाईं गई पाँच लघु फिल्मों के निर्देशकों का करीब 05 लाख रुपए, शॉल और पुस्तकों के सैट के साथ सम्मान किया।

जि़क्रयोग्य है कि इस फि़ल्म फेस्टिवल के अंतर्गत लघु फिल्मों के मुकाबले करवाए गए। इन मुकाबलों में 28 फिल्में आईं थी, जिनमें से पाँच फिल्मों का चयन किया गया और फि़ल्म फेस्टिवल के दौरान यह फिल्में लगातार दिखाई गईं जिनको संगत की तरफ से भरपूर प्रोत्साहन दिया गया। इन पांच फिल्में में से एह लांघा’ फि़ल्म बनाने वाले डायरैक्टर हरजीत सिंह ने पहला स्थान हासिल किया, जिनको 01 लाख 51 हज़ार रुपए, फि़ल्म गुरपर्व’ के निर्देशक डा. साहिब सिंह ने दूसरा स्थान हासिल किया, जिनको 01 लाख 31 हज़ार रुपए, फि़ल्म काफिऱ’ के निर्देशक वरिन्दरपाल सिंह ने तीसरा स्थान हासिल किया, जिनको 01 लाख 21 हज़ार रुपए, चौथा स्थान हासिल करने वाली फि़ल्म इक ओंकार’ के निर्देशक सुखजीत शर्मा को 51 हज़ार रुपए और पाँचवा स्थान हासिल करने वाली फि़ल्म चानन’ के निर्देशक सतनाम सिंह को 31 हज़ार रुपए के साथ सन्मानित किया गया।इस अवसर पर रजिस्ट्रार सहकारी सभाऐं, विकास गर्ग, मार्कफैड के एम.डी. वरुण रूज़म, शुगरफेड के एम.डी. पुनीत गोयल, पंजाब राज सहकारी बैंक के एम.डी.डा.एस.के बातिश, डेरा बाबा नानक उत्सव के कोआर्डीनेटर अमरजीत ग्रेवाल, मनमोहन सिंह, डा.बूटा सिंह बराड़, डा. जोगा सिंह, डा. मुहम्मद इकदीश, डा. नछत्तर सिंह, डा. चरनजीत कौर, डा. रजिन्दरपाल बराड़, डा. स्वर्न सिंह, डा. विवेक सचदेवा, डा. सवराज सिंह, डा. रजिन्दर कौर समेत देश के विभिन्न क्षेत्रों में से पहुँचे विद्वान उपस्थित थे।