5 Dariya News

श्री गुरू नानक देव जी के शान्ति, सद्भावना और मानवीय ख़ुशहाली के प्रसार के फलसफे पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्ऱेंस की समाप्ती

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने समाप्ति सैशन की की अध्यक्षता-गुरू साहिब के फलसफे को अमल में लाने की ज़रूरत पर दिया ज़ोर

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चंडीगढ़ 08-Nov-2019

पंजाब सरकार द्वारा श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को मनाने के लिए साल भर चलने वाले समागमों की श्रृंखला के तौर पर सैंटर फॉर रिर्सच इन रुरल एंड इंडस्ट्रियल डिवैल्पमैंट (सी.आर.आर.आई.डी.), चंडीगढ़ द्वारा 7-8 नवंबर, 2019 को करिड्ड, चंडीगढ़ में श्री गुरू नानक देव जी के शान्ति, सद्भावना और मानवीय ख़ुशहाली के प्रसार के फलसफे पर आधारित 2 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्ऱेंस का आयोजन किया गया। इस कॉन्फ्ऱेंस का आयोजन पंजाब सरकार और इंडियन काउंसल ऑफ सोशल साइंस रिर्सच (आई.सी.एस.एस.आर.), नई दिल्ली के सहयोग से किया गया।इस कॉन्फ्ऱेंस में उच्च अधिकारियों विनी महाजन, जसपाल सिंह, गुरप्रीत सपरा और अन्य सरकारी अधिकारियों, प्रसिद्ध बुद्धिजीवियों, नीति निर्माताओं और यू.एस.ए. और कैनेडा के 30 से ज़्यादा विदेशी प्रतिनिधिओं समेत कई नामवर शख्सियतों ने हाजिऱी लगाई।भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कॉन्फ्ऱेंस के समाप्ति सैशन की अध्यक्षता की। गुरू नानक साहिब जी के फलसफे को फिर -विचारने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि मानवीय इतिहास के किसी भी अन्य दौर की अपेक्षा आज सोच और कार्य की एकता की सबसे ज्यादा ज़रूरत है। आज जब संसार टुकड़ों में टूटता जा रहा है और मानव जि़ंदगी जीने के अर्थों और उद्देश्यों से कोसों दूर होती जा रही है तब गुरू साहिब के फलसफे को अमल में लाने की ज़रूरत है। आज का संसार हिंसा और दुखों से घिरा हुआ है। हम दुनिया के सभी हिस्सों से लाखों लोगों की चीखें और दुख सुन रहे हैं, अन्याय की दुहाई और उन लोगों की दुहाई को सुन रहे हैं जो अन्यायशील सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था द्वारा त्याग दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि एक समय जब विश्व प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध प्रयोग, हथियारों की बढ़ रही किस्मों, अमीरों द्वारा गरीबों का लगातार शोषण और वातावरण के बढ़ रहे संतुलन के निष्कर्ष के तौर पर गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है, तब श्री गुरु नानक देव जी द्वारा बताए सत्य, लिंग समानता, वातावरण की सुरक्षा और विश्वव्यापी जि़म्मेदारी पर आधारित समाज के सृजन करने की तरफ कार्य करना सार्थक होगा।उन्होंने च्च् ਜਗਤੁ ਜਲੰਦਾ ਰਖਲੈ ਆਪਣੀ ਕਰਿਪਾਧਾਰ॥ਿ ਜਤੁ ਦੁਆਰੈ ਉਬਰੈ ਤਤੈ ਲੈਹੁ ਉਬਾਰ॥ਿ च्च् का उच्चारण करते हुए मुश्किलें भरे संसार में शाश्वत शान्ति के लिए अरदास की।भारत के पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने संबोधन करते हुए आज के विश्वव्यापी संसार में नानक के फलसफे को लागू करने की सार्थकता पर ज़ोर दिया।इससे पहले श्री टी.के. नय्यर, सी.आर.आर.आई.डी की गवर्निंग बॉडी के मैंबर ने स्वागती भाषण दिया जिसके बाद डॉ. बिंदु दुग्गल, एसोसिएट प्रोफ़ैसर, सी.आर.आर.आई.डी द्वारा कॉन्फ्ऱेंस में हुए सैशनों संबंधी विस्तृत रिपोर्ट दी गई।सी.आर.आर.आई.डी के कार्यकारी वाइस चेयरमैन, डॉ. रशपाल मल्होत्रा ने दो दिवसीय सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए पंजाब सरकार और इंडियन कौंसिल ऑफ सोशल साइंस रिर्सच, नई दिल्ली द्वारा मिले सहयोग के लिए धन्यवाद किया।