5 Dariya News

करतारपुर गलियारे के संगती दर्शनों की ख़ुशी में डेरा बाबा नानक उत्सव रूहानी रंग के साथ शुरू

शताब्दी समागम गुरू साहिब के फलसफे और शिक्षाओं को घर -घर पहुंचाने का लक्ष्य-सुखजिन्दर सिंह रंधावा

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डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर) 08-Nov-2019

पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर खुलने जा रहे श्री करतारपुर साहिब गलियारे के संगती दर्शनों की ख़ुशी में करवाए जा रहे डेरा बाबा नानक उत्सव का मुख्य मंतव्य सभी समाज और खासकर नौजवान पीढ़ी को गुरू नानक देव जी की शिक्षाओं के साथ जोड़ कर गुरू साहिब द्वारा दिखाए मार्ग पर चल कर सुंदर समाज का सृजन करना है। इन विचारों का प्रगटावा सहकारिता और जेल मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने आज यहाँ उत्सव के आग़ाज़ के बाद संबोधन करते हुए किया। उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारा खुलने से नानक नाम लेवा संगत द्वारा बिछड़े गुरूधामों के खुले दर्शन दीदार करने की वर्षों से की जा रही अरदास पूरी होने जा रही है।इससे पहले स. रंधावा ने शमा रौशन करके धार्मिक, कला और साहित्य के सुमेल वाले चार दिवसीय डेरा बाबा नानक उत्सव का औपचारिक आग़ाज़ किया। यह उत्सव सहकारिता विभाग के समूह सहकारी संस्थानों द्वारा मिलकर करवाया जा रहा है जो 8 से 11 नवंबर तक डेरा बाबा नानक में होना है। बीते दिन और रात को आई तेज़ बारिश और आँधी के कारण मुख्य पंडाल समेत सभी पंडालों और टैंट सिटी के आस-पास खड़े पानी के कारण हुए नुकसान के बावजूद आज संगत की श्रद्धा और उत्साह और प्रबंधकों के बढिय़ा और किये गए वैकल्पिक प्रबंधों स्वरूप डेरा बाबा उत्सव का आग़ाज़ श्रद्धा और उत्साह के साथ हुआ जिसने शानो- शौकत से भरे पंडाल को रुहानियत के रंग में रंग दिया।

स. रंधावा ने बोलते हुए कहा कि इस उत्सव के अंतर्गत धार्मिक समागम करवाने के साथ- साथ गुरू नानक देव जी के रूहानी रंग में रंगें साहित्यक और सांस्कृतिक प्रदर्शन करवाए जा रहे हैं जिससे गुरू पातशाह की शिक्षाओं को घर-घर पहुँचाने का घेरा और बड़ा किया जा सके। उन्होंने कहा कि समागम में दुनिया भर से विद्वान कवि, लेखक, नाटककार शामिल हो रहे हैं जो विभिन्न शैक्षिक समागमों के रूप में गुरू साहिब की शिक्षाओं के विभिन्न पक्षों पर रौशनी डालेंगे। उन्होंने कहा कि आज ज़रूरत है कि गुरूओं के फलसफे पर चलते हुए समुची मानवता की भलाई के लिए काम किया जाये और शताब्दियां मनाने का यही असली मनोरथ है।सबसे पहले खालसा कॉलेज अमृतसर के 50 रागी कलाकार विद्यार्थियों ने श्री गुरु नानक देव जी द्वारा कुदरत की प्रशंसा में उच्चारण की गई आरती का गायन किया। उसके बाद पुलिस डी.ए.वी. स्कूल, अमृतसर के विद्यार्थियों द्वारा ‘गुरू नानक महिमा’ एक्शन गीत की पेशकारी की गई। शिरोमणि अवॉर्ड विजेता नाटककार डॉ. केवल धालीवाल के निर्देशनों अधीन लघु नाटक ‘जगत गुरू बाबा नानक’ खेला गया, जिसमें पहली पातशाही के जीवन और फलसफे पर रौशनी डाली गई।इसके बाद बाबाओं के लोक नाच मलवई से संबंधित गिद्दा पेश किया गया जिसकी ख़ासियत बाबा नानक से सम्बन्धित लोक बोलियां डाली गई। इस मौके पर सहकारिता मंत्री द्वारा गुरू नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित पाँच किताबें लोकार्पण की गई। इन किताबों में प्रिथीपाल सिंह कपूर की ‘करतारपुर करता वसै संतन के पास’, डॉ. अमरजीत सिंह द्वारा संपादित की ‘गुरू नानक: परंपरा और दर्शन’, डॉ. नरेश द्वारा संपादित ‘गुरू नानक वाणी और पंजाबी चिंतन’, केवल धालीवाल द्वारा संपादित ‘जिम्थे बाबा पैर धरे’ और ‘काव्य शास्त्र गुरू नानक विशेष अंक चार जिल्दें’ शामिल थे।इस मौके पर पंजाब कला परिषद के चेयरपर्सन डॉ. सुरजीत पातर, सरबत दा भला ट्रस्ट के चेयरपर्सन एस.पी. सिंह ओबराए, मार्कफैड के एम.डी. वरुण रूज़म, मिल्कफैड के एम.डी. कमलदीप सिंह संघा, शूगरफैड के एम.डी. पुनीत गोयल और पंजाब राज्य सहकारी बैंक के एम.डी. डॉ. एस. के. बातिश, उत्सव के कोऑर्डीनेटर अर्जित सिंह गरेवाल, भगवंत सिंह सच्चर, उपस्थित थे।