5 Dariya News

स्कूली बच्चे अब किसानों को धान की पराली न जलाने के लिए जागरूक करेंगे

ग्रामीण क्षेत्र में पड़ते समूह स्कूलों के विद्यार्थी 18 अक्तूबर को प्रात:काल 9 से 10 बजे तक निकालेंगे जागरूक मार्च-काहन सिंह पन्नू

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चंडीगढ़ 15-Oct-2019

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के दिशा निर्देशों पर पंजाब सरकार द्वारा धान की पराली जलाने के खि़लाफ़ शुरु की गई मुहिम में अब पंजाब के स्कूली बच्चे भी अपना योगदान डालेंगेे। ग्रामीण क्षेत्र में पड़ते राज्य के समूह प्राइमरी, मिडल, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के विद्यार्थी 18 अक्तूबर को अपने-अपने क्षेत्रों के गाँवों में प्रात:काल 9 से 10 बजे तक जागरूकता रैलियों के द्वारा किसानों को पराली जलाने के बुरे प्रभावों से अवगत करवाएंगे।इस संबंधी जानकारी देते हुए कृषि विभाग के सचिव श्री काहन सिंह पन्नू ने बताया कि मुख्यमंत्री पंजाब द्वारा बीते दिन पंजाब के प्रगतिशील किसानों के साथ मीटिंग की गई थी जिसमें उन्होंने पराली न जलाने वाले किसानों के सुझाव सुने। इसके बाद यह फ़ैसला लिया गया कि पराली न जलाने की मुहिम को पूर्णत: सफल बनाने के लिए जागरूकता सबसे अहम हथियार है जिसके लिए स्कूली बच्चे सबसे कारगर साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा राज्य के स्कूल शिक्षा के सचिव, समूह डिप्टी कमीश्नरों को पत्र लिखकर 18 अक्तूबर को निकाली जाने वाली रैलियों के लिए पराली जलाने के बुरे प्रभावों संबंधी जानकारी मुहैया करवाई गई है वहीं यह भी बताया गया कि किस तरह पराली न जला कर भूजल को बचाने, उत्पादन बढ़ाने और सबसे अहम हमारे वातावरण को कैसे बचाया जा सकता है। सरकार द्वारा डिप्टी कमीश्नरों और स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा पराली न जलाने के स्लोगन भी स्कूलों को मुहैया करवाए गए हैं। 

इसके साथ ही पराली जलाने से होने वाले धरती के खाद्य तत्वों के नुकसान और वातावरण में फैलती गंदली गैसों संबंधी भी जानकारी मुहैया करवाई गई है।श्री पन्नू ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा धान की पराली को आग लगाने से रोकने के लिए बहुत बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में किसानों को सब्सिडी पर मशीनें मुहैया करवाने के साथ-साथ उनको पराली जलाने से वातावरण पर पड़ रहे बुरे प्रभावों संबंधी भी अवगत करवाया जा रहा है। पंजाब में बहुत किसान ऐसे हैं जो पराली को आग लगाए बिना ही खेतों को जोत कर गेहूँ की फ़सल की बिजाई या सब्जियाँ आदि की काश्त करके बढिय़ा उत्पादन प्राप्त करते हैं। धान की पराली को आग लगाने से धरती की सेहत के साथ खिलवाड़ होता है और इस आग के धुएं से वातावरण प्रदूषित होता है।उन्होंने कहा कि नवबंर महीने में श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व बड़े स्तर पर मनाया जा रहा है। गुरू साहिब द्वारा पवन, पानी और धरती को साफ़ रखने के दिए संदेश को अमली रूम में लागू करने के लिए स्कूली विद्यार्थी अहम रोल निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के स्कूलों में 60 लाख के करीब बच्चे पढ़ रहे हैं और प्रदूषित होते जा रहे वातावरण का सबसे बड़ा नुकसान इन बच्चों और विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों के सभी स्कूलों के बच्चे अब ख़ुद जागरूक मुहिम की कमान संभालते हुए वातावरण को प्रदूषित होने से रोकने के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे। उन्होंने कहा कि किसान परिवारों के बच्चों को कहा जायेगा कि वह अपने माँ बाप के साथ संवाद रचा कर उनको पराली न जलाने के लिए मनाएं और साथ ही बच्चों को प्रेरित किया जाये कि वह दीवाली के समय पटाख़े न चला कर वातावरण साफ़ रखने के लिए प्रण लें।