5 Dariya News

रोपड़ पुलिस ने मुठभेड़ के बाद दिल्ली और यू.पी. का ख़तरनाक गैंगस्टर दबोचा

माहिर निशानची झुन्ना पंडित कत्ल के 10 मामलों में था वांछित, 1 लाख रुपए का रखा गया था इनाम

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रोपड़ 11-Oct-2019

रोपड़ पुलिस ने शुक्रवार को भारी जदो-जहद और दोनों तरफ़ चली गोलीबारी के बाद दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अति वांछित गैंगस्टर को गिरफ़्तार किया है। झुन्ना पंडित पिछले एक वर्ष के दौरान रोपड़ पुलिस की तरफ से पकड़ा गया 11वां गैंगस्टर है।रोपड़ के एस.एस.पी. स्पन्न शर्मा के अनुसार श्री प्रकाश मिश्रा उर्फ झुन्ना पंडित के सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था और मिर्जापुर, यू.पी. के तिहरे कत्ल कांड और यू.पी. गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत 6 मामलों समेत कत्ल के 10 मामलों में वांछित था। वह दिल्ली और यू.पी. में कत्ल, जबरन वसूली और अपहरण के 20 से ज़्यादा मामलों में शामिल गिरोह को चला रहा है।दिल्ली, यू.पी. और राजस्थान आधारित कई ग़ैर सामाजिक तत्व इस गैंगस्टर के हिमायती हैं। रोपड़ पुलिस की सी.आई.ए. टीम ने आज प्रात:काल उसको पकडऩे के लिए हुई मुठभेड़ के बाद गैंगस्टर से 32 बोर के 2पिस्तौल और 8 जिंदा कारतूस समेत कई निजी चीजें बरामद की हैं।पंडित और उसके साथी बनारस में दलीप पटेल को सरेआम कत्ल करने के बाद फऱार थे। दलीप का भाई राजेश पटेल यू.पी. के किसान मोर्चा का प्रदेश प्रधान है।झुन्ना पंडित गिरोह के 8 मैंबर दिल्ली और यू.पी. की जेलों में बंद हैं और इस गिरोह द्वारा किये गए ज़्यादातर जुर्म सुपारी-हत्याओं और अंतर-गिरोह दुश्मनी से सम्बन्धित हैं।एस.एस.पी. के मुताबिक पंडित को एक माहिर निशानची के तौर पर जाना जाता है जो किसी भी तरह के हथियार को चला सकता है और अपने दोनों हाथों से किसी भी हथियार के साथ गोली चला सकता है। वह यू.पी. से भागने के बाद दिल्ली, जयपुर और माउंट आबू में गुप्त टिकानों पर छिपा हुआ था और चिंतपुरनी (हिमाचल प्रदेश) से दिल्ली वापस आ रहा था।ख़तरनाक अपराधी पंडित ने पहला जुर्म 15 साल की आयु में और पहला कत्ल 16 साल की आयु में किया था। उसको दोनों बार 3 साल के लिए जुवेनाईल जेल में रखा गया था। प्राथमिक जांच से पता लगा है कि जेल में होते हुए भी उसने जबरन वसूली, अपहरन की वारदातों समेत 3 कत्ल किये थे। गौरतलब है कि जब भी वह फऱार होता था, हवाई यात्रा के ज़रिये सफऱ करता था।एस.एस.पी. के अनुसार हाल ही में की गई जांच से पता लगा है कि ज़्यादातर गैंगस्टरों और प्रतिबंधित पदार्थों की तस्करी करने वालों का काम करने का ढंग एक जैसा ही है। वह सफऱ के लिए स्थानीय रास्तों का प्रयोग करते हैं और आम तौर पर उनके टिकाने धार्मिक स्थानों के नज़दीक होते हैं। पुलिस को इन गैंग्स्टरों के काम करने के ढंग का पता लगने के कारण ही पिछले कुछ महीनों में पंजाब -हिमाचल सरहद के नज़दीक इन ग़ैर सामाजिक तत्वों की समाज विरोधी गतिविधियों में काफ़ी कमी आई है।