5 Dariya News

शिक्षा में थिएटर व परफार्मिंग आट्र्स की बडी भूमिका

जाने माने फिल्म थिएटर आर्टिस्ट विक्रम गोखले आए चितकारा कालेज आफ एजुकेशन में

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बनूड़ 02-Sep-2019

शिक्षक बनने की यात्रा के पहले दिन चितकारा कालेज आफ एजुकेशन (सीसीई)  ने भविष्य के शिक्षकों के लिए शानदार समारोह का आयोजन किया।  चितकारा कालेज आफ एजुकेशन ने इस मौके पर जाने माने थिएटर आर्टिस्ट विक्रम गोखले व मास्टर स्टोरी टेलर व पाठयक्रम डिजाइनर सिमी श्रीवास्तव को आमंत्रित किया था जिन्होंने परफार्मिंग आट्र्स के बारे विस्तार से जानकारी दी।  इन भविष्य के शिक्षकों को बताया गया कि परफार्मिंग आट्र्स का इस्तेमाल किस तरह से क्लासरूम में एक पाठ्यक्रम के रूप में किया जा सकता है।इन वक्ताओं ने दो सत्रों मे विषयों “ब्रिगिंग थिएटर इनटू क्लासरूम” व “ए स्नीक पीक इनटू द वल्र्ड आफ स्टोरीटेलिंग” विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। विक्रम गोखले ने बताया कि थिएटर व परफार्मिग आट्र्स दोनों ही ऐसे शक्तिशाली माध्यम हैं जो कि न सिर्फ दिमाग के क्रिएटिव साइड को ही सक्रिय करते हैं बल्कि छात्रों के स्टडी के पैटर्न में एक संतुलन भी बनाते है। इसलिए ऐसे विषय जिनमें प्रेक्टिकल लर्निंग शामिल होती हैं वे बच्चों के लिए वे दिलचस्प बन जाते है। विक्रम गोखले व सिमी श्रीवास्तव ने चितकारा यूनिवर्सिटी की इस तरह की क्रांतिकारी पहल करने के बारे में तारीफ की। उन्होंने कहा कि चितकारा यूनिवर्सिटी का बीएड कार्यक्रम इंडस्ट्री की मांग के अनुरूप है और आज की युवा पीढी की लर्निंग स्टाइल के अनुकूल है।अल्फा टीचर्स के नए बैच के ओरिएंटेशन प्रोग्राम को संबोधित करते हुए चितकारा यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर डाक्टर मधु चितकारा ने कहा कि यह बहुत ही जरूरी है कि हम नवीनतम एजुकेशन ट्रेंडस के बारे में पूरी तरह से जागरूक हों ताकि हम युवा और डिजीटल जागरूक पीढ़ी को अच्छी शिक्षा दे सकें।  आज के समय मे छात्रों के पास कम एकाग्रता है ऐसे समय में शिक्षकों के सामने यह चुनौती हो जाती है कि वे बच्चों को ज्यादा से ज्यादा अपने पढाई के साथ बांध सकें। शिक्षा में परफार्मिंग आट्र्स को शामिल करने से निश्चित रूप से बच्चों के दिमाग, शरीर व उनकी भावनाओं को एक ही विषय में लगाने में मदद मिलेगी।  विक्रम गोखले व सिमी श्रीवास्तव ने अपने एक्सपर्ट टाक के जरिए इस बात को बहुत ही अच्छी तरह से प्रदर्शित किया।