5 Dariya News

थावरचंद गहलोत ने कानपुर में आधुनिक एलिम्‍को प्रोस्‍थेटिक और ऑर्थोटिक सेंटर के नवीन स्‍वरूप का उद्घाटन किया

1794 वरिष्‍ठ नागरिकों और 770 दिव्‍यांगजनों को सहायक यंत्रऔरउपकरण वितरित किए गए

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कानपुर 22-Aug-2019

केंद्रीय सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने आज उत्‍तर प्रदेश के कानपुर जिले में एलिम्‍को मुख्‍यालय में ऑर्थोटिक एवं प्रोस्‍थेटिक केंद्र के पुनर्निर्मित भवन तथा रियायसी परिसर इमारत का उद्घाटन किया। एलिम्‍को, कानपुर के अहाते में मेक इन इंडिया की अवधारणा आकार लेगी। एलिम्‍को की आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत दो परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।उद्घाटन भाषण में श्री गहलोत ने कहा कि 2014 से पहले दिव्‍यांगजनों की तरफ आवश्‍यक ध्‍यान नहीं दिया जा रहा था। आज दिव्‍यांग छात्रों को विदेशों में शिक्षा के लिए छात्रवृत्तियां मिल रही हैं। उन्‍होंने कहा कि सरकार की योजना से छह वर्ष से कम आयु के 2022 बधिर बच्‍चों को लाभ मिला है पर उन्‍होंने सुनना शुरू कर दिया है। उन्‍होंने कहा कि जल्‍दी ही एलिम्‍को गले के कैंसर के मरीजों के लिए ‘वॉयस बॉक्‍स’ विकसित करने के लिए टीओटी करेगा और परियोजना पूरी होने पर गले का यह प्रॉस्‍थेटिक आम जनता को करीब 3000 रुपये में उपलब्‍ध होगा। उन्‍होंने एलिम्‍को के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद की बीमा योजना की सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये करने और उनकी मेडिकल छुट्टियां 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन करने की घोषणा कर उन्‍हें दीवाली से पहले ही दीवाली का उपहार दे दिया।निशक्‍तजनसशक्तिकरण विभागकी सचिव श्रीमती शकुंतला डी.गैमलिन ने कहा कि एलिम्‍को के आधुनिकीकरण इस क्षेत्र के निशक्‍तजनों को आधुनिक पुनर्वास सुविधाएं मिल सकेंगी।इस अवसर पर अकबरपुर के सांसद श्री देवेन्‍द्र सिंह भोले, कानपुर नगर के सांसद श्री सत्‍यदेव पचौरी, विधायक श्री महेश त्रिवेदी, विधायक और उत्‍तर प्रदेश की राज्‍यमंत्री श्रीमती नीलिमा कटियार, उत्‍तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री श्रीमती कमल रानी वरुण, विधायक श्री अभि‍जीत सिंह संगा, श्री भगवती प्रसाद और एलिम्‍को के सीएमडी श्री डी.आर.सरीन मौजूद थे।

समारोह के दौरान श्री गहलोत ने दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण और उन्‍हें सम्‍मान देने वाले प्रतीक चिन्‍ह से मेल खाते निशक्‍तजन सशक्तिकरण विभाग के प्रतीक चिन्‍ह से प्रेरित होकर धातु के सांकेतिक ढांचे वाले स्‍वावलम्‍बन वृक्ष का अनावरण किया।

वर्ष 2013 में एलिम्‍को ने 40 वर्ष से अधिक के अपने पिछले अनुभवों (वर्ष 1972 में अपने स्तित्‍व में आने के बाद से) के आधार पर अपनी सुविधाओं को अपग्रेड करने, उनके पुनर्निर्माण उसके आधुनिकीकरण की आवश्‍यकता महसूस की। क्‍योंकि एलिम्‍को के ढांचागत संसाधन जैसे प्‍लांट/ मशीनरी, सिविल निर्माण, इलेक्ट्रिकल कार्य, निर्माण प्रौद्योगिकी उत्‍पाद आदि की समयावधि पूरी हो गई थी अथवा वे पुराने हो चुके थे।वर्ष 2014 में नई सरकार के कार्यभार संभालने के बाद से एलिम्‍को के आधुनिकीकरण के कार्य में तेजी आई और परियोजना केआधुनिकीकरण के लिए अनुमानित लागत से जुलाई 2015 में भारत सरकार द्वारा 338 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। प्लांट और मशीनरी के लिए योजना तुरंत शुरू की गई और 14 अक्टूबर, 2014 को इसकी आधारशिला रखी गई। 338.04 करोड़ रूपये के  कुल नियोजित बजट में से, अब तक लगभग 115 करोड़ (33%) रुपयेउपयोग कर लिए गए हैं। मंत्रालय द्वारा सहायता राशि के अनुदान के कुल बजट में से 200 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे और शेष 138 करोड़ रुपये की राशि एलिम्‍को अपने आंतरिक संग्रहण से पूरा करेगी।निशक्‍तजन सशक्तिकरण विभाग के पूर्ण समर्थन से एलिम्‍को ने वित्‍त वर्ष 2018-19 में 341.87 करोड़ रूपये की कुल बिक्री की जबकि 2017-18 में 228.50 करोड़ रुपये की कुल बिक्री की और 50.79 करोड़ के मुकाबले 75.29 करोड़रूपये का अधिशेष अर्जित किया। 75.29 करोड़ रुपये की व्यय राशि से अधिक आय को निगम के अपने उद्देश्यों के उपयोग और आगे बढ़ाने के लिए बचत और अतिरिक्‍त खाते में डाल दिया गया है।उत्पाद के साथ-साथ आधुनिक प्रौद्योगिकी के उन्नयन के लिए निशक्‍तजनों के लिए अधिक समावेशी समाज बनाने की आवश्यकता थी ताकि वे गरिमा के साथ सशक्त जीवन जीने के लिए समान अवसरों का आनंद ले सकें। देश के विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के निशक्‍तजनों को एलिम्‍को, कानपुर में स्थापित नई एपीओसी सुविधा का लाभ मिलेगा।

प्रारंभ में एलिम्को प्रोस्थेटिक्स एंड ओर्थोटिक्स सेंटर (एपीओसी) का निर्माण लगभग 20 साल पहले 448 वर्ग मीटर के क्षेत्र में किया गया था, इसके बाद  अत्याधुनिक एपीओसी (एलिम्‍को प्रोस्थेसिस और ऑर्थोसिस सेंटर) बनाने के लिए  मौजूदा संस्‍थान को पुनर्निर्मित करने की परिकल्पना की गई।आधुनिकीकृत एपीओसी एक स्‍थान पर विश्व स्तर की अत्याधुनिक प्रोस्थेटिक्स, ऑर्थोटिक्स और ऑडियोलॉजी पुनर्वास सुविधा प्रदान करेगा। पुरुष और महिला दिव्यांगजनों के लिए दो अलग-अलग ओपीडी कमरे और जीएआईटी प्रशिक्षण इकाई, सम्मेलन और प्रशिक्षण कक्ष तैयार किए गए हैं। भविष्य के विकास को ध्यान में रखते हुए आधुनिक वास्तविक जीएआईटी विश्लेषण प्रयोगशाला, फुट केयर यूनिट, सिलिकॉन कॉस्मेटिक नवीनीकरण प्रयोगशाला, एमवाईओ इलेक्ट्रिक प्रयोगशाला, हैंड स्प्लिंटिंग और स्पाइनल ओर्थोटिक्स प्रयोगशाला का प्रावधान किया गया है। नवीकरण और विस्तार पर कुल 4.05 करोड़ रूपये की लागत आई है। नई आधुनिक एपीओसीस्थानीय और क्षेत्रीय दिव्यांगजनों की आवश्यकताओं को पूरा करेगी और उनकी सेवा करने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित होगी।नव निर्मित टाउन शिप एलिम्‍को, कानपुर फैक्‍टरी परिसर से लगे नारामऊ में है। भूमि का क्षेत्रफल 1800 वर्ग मीटर (लगभग) है। टाउनशिप एक बहुमंजिला इमारत है जिसमें 3 प्रकार के फ्लैट और कुल 24 अपार्टमेंट हैं। भवन वर्षा जल संचय प्रणाली और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से सुसज्जित है। प्रत्येक मंजिल के लिए लिफ्ट का प्रावधान है और फ्लैटों में शौचालय निशक्‍तजनों के अनुकूल बनाए गए हैं।

सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की राष्‍ट्रीय ययोश्री योजना के अंतर्गत 770 दिव्‍यांगजनों (एडीआईपी) तथा 1794 वरिष्‍ठ नागरिकों (बीपीएल श्रेणी) को सहायक उपकरण वितरित किये गये। उपकरणों की कुल अनुमानित लागत एडीआईपी के अंतर्गत 67.09 लाख रुपये तथा आरवीवाई के अंतर्गत 1.17 करोड़ रुपये है।उपरोक्त दोनों योजनाओं के तहत 2564 लाभार्थियों को 1.84 करोड़ रुपये मूल्य के कुल 5152 सहायक उपकरण वितरित किये गए। इन लाभार्थियों की पहचान एलिम्को द्वारा 24.07.2019 से 31.07.2019 तक एडीआईपी योजना के तहत कानपुर जिले के 6 स्थलों पर किये गए आयोजित आकलन कैंपों के दौरान की गई थी। इसके अलावा जिला प्रशासन कानपुर के सहयोग से 5.08.2019 से 14.08.2019 तक आरवीवाई के तहत आकलन कैंपों में भी ऐसी पहचान की गई थी।