5 Dariya News

मॉनसून और आने वाले त्योहारों के सीजन के मद्देनजऱ एफ.डी.ए हुआ चौकस

45 दिनों में दूध और दूध उत्पादों के लिए 8000 नमूने

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चंडीगढ़ 22-Aug-2019

मॉनसून और आने वाले त्योहारों के मौसम के मद्देनजऱ भोजन पदार्थों की जांच और नमूने लेने की प्रक्रिया में तेज़ी आई है जिसके निष्कर्ष के तौर पर पिछले 45 दिनों में 8000 सैंपल लिए गए जिससे सूबे के लोगों को बढिय़ा दर्जे का दूध और दूध उत्पाद उपलब्ध कराने को यकीनी बनाया जा सके। यह जानकारी फूड और ड्रग प्रबंधन कमिश्नर (सी.एफ.डी.ए) श्री काहन सिंह पन्नू ने किया।इस सम्बन्धी अधिक जानकारी देते हुए सी.एफ.डी.ए. ने बताया कि राज्य डेयरी विकास विभाग के सक्रिय सहयोग से फूड सेफ्टी कमिश्नरेट की तरफ से दूध और दूध उत्पादों की गुणवत्ता पर तीखी नजऱ रखी जा रही है। 1 जुलाई से 15 अगस्त, 2019 के दौरान फूड सेफ्टी की टीमों ने 1202 नमूने लिए जबकि 2 फूड सेफ्टी वैनों ने दूध और दूध उत्पादों के कुल 1211 सैंपल लिए जिनमें जालंधर, कपूरथला, लुधियाना और बठिंंडा जैसे हरेक शहर में से 100 से अधिक सैंपल लिए गए, जहाँ कि पिछली जांच के दौरान बड़ी मात्रा में मिलावटखोरी पाई गई थी। इसके साथ ही डेयरी विकास विभाग की मिल्क टेस्टिंग वैनों और लैबों की तरफ से क्रमवार 5015 और 552 सैंपल लिए गए जिससे लिए गए सैंपलों की कुल संख्या 7980 तक जा पहुँची।

पन्नू ने कहा कि यह संतोषजनक बात है कि अब तक जांचे गए सैंपलों में से ऐसे सैंपल बड़े कम हैं जो फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड एक्ट 2016 और रूल्ज 2011 के मुताबिक सही नहीं उतरते। उन्होंने बताया कि एफ.एस.एस.आई. की तरफ से विमता लैब, हैदराबाद के द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण के अनुसार दूध की गुणवत्ता और सुरक्षा काफ़ी हद तक सही पाई गई है क्योंकि ज़्यादातर सैंपल कम फैट के कारण फेल हुए हैं परन्तु वैसे पीने योग्य हैं।फूड सेफ्टी मुहिम में डेयरी विकास विभाग की भूमिका को उजागर करते हुए श्री पन्नू ने बताया कि विभाग की तरफ से बड़े शहरों में दूध की जांच के लिए 8 वैनें लगाई गई हैं। इन वैनों में अडलट्रेशन चैक किट के द्वारा दूध की गुणवत्ता, फैट, प्रोटीन, लैक्टोज आदि की मौके पर ही जांच की जाती है। डेयरी दफ़्तर भी प्रात:काल 9 से 11 बजे तक दूध के सैंपल लेते हैं। दूध की यह जांच बिल्कुल मुफ़्त की जाती है। इसके साथ ही डेयरी विकास विभाग की तरफ से मिलावटी दूध और दूध उत्पादों के प्रति जागरूकता प्रदान करने के मद्देनजऱ लोगों के लिए जागरूकता कैंप लगाए जा रहे हैं। जुलाई से अगस्त 2019 तक ऐसे 280 जागरूकता कैंप लगाए गए। विभाग की तरफ से किये जा रहे इन प्रयासों का पूरा लाभ लेने के लिए स्थानीय लोगों /समितियों /रैज़ीडैंशियल कल्याण ऐसोसीएशनों को हेल्पलाइन नंबर 0172 -5027285, 2217020 पर संपर्क करने के लिए कहा गया है और अपने क्षेत्र में की जाती दूध की मिलावटखोरी की जानकारी देने के लिए अपील की है।