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परमिंदर सिंह ढींडसा द्वारा रिक्तयों की पूनर्सुर्जित एवं नयी रिक्तयां पैदा करने के लिए दिशा निर्देश जारी

प्रशासकीय विभागों को 31 मार्च, 2013 तक प्रस्ताव भेजने के निर्देश

5 दरिया न्यूज

चंडीगढ 03-Sep-2012

पंजाब सरकार द्वारा विभिन्न समस्त विभागों को समाप्त हो चुकी रिक्तयों की पूर्नसुर्जित करवाने, नई रिक्तयां पैदा करने और इसक ी भर्ती करनी और आरजी रिक्तयों को पक्की रिक्तयों में तबदील करने, रिक्तयों की समाप्ति एवं बदलियां, मौजूदा रिक्तयों पर भर्ती करने और सरकारी विभागों के पूनर्गठन एवं उनकी नया रूप प्रदान करने संबंधी दिशा निर्देश जारी किए गये हैं। यह निर्देश वित्त विभाग द्वारा गत् समय दौरान इस संबंधी जारी की विभिन्न निर्देशों को रद्द करते हुए जारी की गई है। इस संबंधी विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए वित्त मंत्री  परमिंदर सिंह ढींडसा ने बताया कि विभागों को पहले जारी किए निर्देशों अनुसार संबंधित विभाग के पूनर्गठन संबंधी 31 मार्च, 2010 तक प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये गये थे। उन्होंने बताया कि विभागों में नई रिक्तयां पैदा करने संबंधी अपनाये जाने वाले तरीकों संबंधी दुविधा थी। इसके साथ ही कई विभागों में बड़ी संख्या में आरजी रिक्तयां थी, जिनको प्रत्येक वर्ष वित्त विभाग की स्वीकृति के साथ जारी रखा जाता था। इसलिए रिक्तयों की पूर्नसुर्जिती, नई रिक्तयां पैदा करने और मौजूदा रिक्तयों विरूद्ध भर्ती संबंधी यह नये निर्देश जारी करना आवश्यक हो गया था। 

वित्त मंत्री ने कहा कि कई विभागों में आरजी रिक्तयां बड़ी संख्या में चल रही हैं, जैसे शिक्षा, स्वास्थय और पुलिस विभाग में हैं। उन्होंने बताया कि वित्त विभाग ने इन रिक्तयों को वर्ष 2012-13 के लिए स्वीकृति देते समय यह स्पष्ट किया था कि या तो इन आरजी रिक्तयों को पक्की रिक्तयां बनाई जायें या फिर इनको समाप्त कर दिया जाये।  ढींडसा ने स्पष्ट किया कि वित्त विभाग वर्ष 2013-14 में आरजी रिक्तयों चलता रखने हेतू कोई प्रस्ताव नही विचारेगा। इसलिए यह अनिवार्य है कि समस्त प्रशासकीय विभाग अपने प्रस्ताव मंत्रीमंडल की आवश्यक स्वीकृति के लिए 31 मार्च, 2013 तक भेज दें।इस समूची कार्रवाई संबंधी स्पष्ट करते हुए  ढींडसा ने बताया कि प्रशासकीय विभागों को निर्देश दिए गये हैं कि वह अपने प्रस्ताव पर्सोनल विभाग को भेजें, जो आगे अपनी टिप्पणी देकर इन प्रस्तावों को मुख्य सचिव पंजाब के नेतृत्व वाली ऑफिसर्ज कमेटी को भेजेंगे। इसके बाद प्रशासकीय विभाग प्रस्तावों पर वित्त विभाग की टिप्पणीयां लेकर मंत्रीमंडल की स्वीकृति के लिए भेजेंगे।