5 Dariya News

मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल ने अपनी पुस्तक राज्यपाल आचार्य देवव्रत को भेंट की

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शिमला 16-Jul-2019

मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल ने आज यहां राजभवन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अपनी पुस्तक ‘लैंड रजिस्ट्रेशन, ग्लोबल प्रेक्टिसिज एण्ड लैसन्ज़ फॉर इंडिया’ भेंट की।श्री अग्रवाल के प्रयासों की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस पुस्तक में वैश्विक स्तर प्रचलित पंजीकरण प्रणाली का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया है, जिसमें भारतीय भू-पंजीकरण प्रणाली, इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों और चुनौतियों का विशेष उल्लेख किया गया है। पुस्तक के माध्यम से डीड और टाईटल पंजीकरण प्रणाली के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं की वैज्ञानिक आधार पर चर्चा की गई है, जिससे पाठकों को विश्व में प्रचलित भू-पंजीकरण प्रणालियों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी।उन्होंने कहा कि यह पुस्तक वास्तव में नीति निधारकों, वकीलों, राजस्व से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों, विभिन्न प्रदेशों के राजस्व विभागों तथा इस क्षेत्र से जुड़े शोधकर्ताओं व विशेषज्ञों के लिए अत्यंत उपयोगी होगी। इसके साथ ही आम आदमी को भी इस पुस्तक का बहुत लाभ मिलेगा।आचार्य देवव्रत ने कहा कि विशेषकर नीतिकारों, भू-प्रशासकों और शोधकर्ताओं को यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए क्योंकि इसमें भू-प्रशासन से संबंधित मामलों का विस्तृत विश्लेषण तथा भू-पंजीकरण प्रणाली में सुधार के लिए गहन शोध पर आधारित सुझाव दिए गए है।श्री अग्रवाल ने इस पुस्तक के माध्यम से डीड रजिस्ट्रेशन प्रणाली व टाईटल रजिस्ट्रेशन प्रणाली पर अत्यंत सहज, सरल और तत्थों पर आधारित चर्चा की है। 

उन्होंने विभिन्न देशों में भू-रजिस्ट्रेशन व्यवसायियों द्वारा अपनाए जाने वाले मुख्य सिद्धांतों एवं अवधारणाओं पर भी स्पष्ट रूप से प्रकाश डाला है। इस पुस्तक की विशेषता स्पष्ट लेखन, गहन अनुसंधान और भू-पंजीकरण प्रणाली की अंतरराष्ट्रीय तस्वीर है।उन्होंने दुनिया के छः विकसित देशों- अमेरिका, फ्रांस, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और जर्मनी में प्रचलित भू-पंजीकरण प्रणालियों का गहन शोध करने के उपरांत इस पुस्तक के माध्यम से उसकी विस्तृत तस्वीर प्रस्तृत की है। उन्होंने भारत में इस समय प्रचलित भू-पंजीकरण प्रणाली का भी उल्लेख करते हुए देश के चार बड़े राज्यों- महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब और पश्चिम बंगाल में रिकॉर्ड ऑफ राइट्स के संबंध में प्रचलित कानूनों का बारीकी से विश्लेषण किया है। उन्होंने इस बात पर बल दिया है कि देश के विभिन्न भागों में रिकॉर्ड ऑफ राइट्स और भू-पंजीकरण प्रणालियों से सम्बन्धित कानूनों में एकरूपता व समानता नहीं है।बी.के अग्रवाल ने इस बात को प्राथमिकता से सामने रखा है कि ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबलें शहरी क्षेत्रों में भू-प्रशासन में आधारभूत सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने वर्तमान डीड्स पंजीकरण प्रणाली में सुधार के सुझाव दिए है जो ‘ईज ऑफ रजिस्ट्रेशन’ और ‘ईज ऑफ डूईंग बिजनेस’ की सुविधा प्रदान करने में सहायक सिद्ध होंगे।उल्लेखनीय है कि बी.के अग्रवाल को भू-प्रशासन का वर्षों का अनुभव है और अपनी सेवाकाल के दौरान उन्होंने भूमि से जुड़े महत्त्वपूर्ण प्रशानिक कार्यों विशेषकर राजस्व से जुड़े मामलों को सफलतापूर्वक निपटाया है।