5 Dariya News

कैदियों और बंदियों को व्यवसायोन्मुखी प्रशिक्षण से साथ जोड़ने पर बल

बुनियादी सुविधाएं और ढांचागत विकास जरूरतें पूरी करने के निर्देष जारी

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लुधियाना 10-Jul-2019

केंद्रीय जेल सहित लुधियाना की तीनों जेलों में मौजूदा बुनियादी सुविधाओं और ढांचागत विकास जरूरतों का जायजा लेने जेल विभाग के प्रमुख सचिव श्री कृपा शंकर सरोज ने आज लुधियाना का दौरा किया। इस मौके डिप्टी कमिश्नर प्रदीप कुमार अग्रवाल सहित विभिन्न विभागों के जिला मुखियों के साथ बैठक कर उन्होंने निर्देष दिए कि जेलों में बंद कैदियों और बंदियों को व्यवसायोन्मुखी बनाने और उन्हें रचनात्मक गतिविधियों के साथ जोड़ने के प्रयत्न किये जाएँ जिससे उन्हें इन सुधार घरों (जेलों) में सही अर्थों में सुधार हो सके और वे यहाँ से अच्छे मनुष्य बन कर निकलं। केंद्रीय जेल में बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री सरोज ने डिप्टी कमिश्नर द्वारा सरकारी बहु तकनीकी कालेज ऋषि नगर के प्रिंसिपल स. एम. पी. सिंह को हिदायत की है कि वे कैदियों और बंदियों को व्यवसायोन्मुखी प्रशिक्षण देने के लिए नीति तैयार करें। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक सप्ताह में सर्वे करवाया जाए। सर्वे दौरान कैदियों और बंदियों की रुचि को ध्यान में रख कर जेल में व्यवसायोन्मुखी प्रशिक्षण देने की रूप रेखा तैयार की जाए। भारत सरकार के स्किल इंडिया प्रोगराम को लागू करने बारे भी कहा गया।इसी तरह जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी इन्दरप्रीत कौर को निर्देष दिए कि वह उन गैर सरकारी संगठनों की तलाष करे जो जेलों के सुधार को ध्यान में रख कर अपने प्रोजैक्ट डिजाइन करें और जेल विभाग के साथ मिल कर इस दिशा में काम करन के इच्छुक हां। इसके लिए पंजाब सरकार की तरफ से बनती सहायता मुहैया करवाई जायेगी। जिला शिक्षा अधिकारी (सेकंडरी) स्वर्णजीत कौर को हिदायत की कि वह उन अध्यापकों या मोटीवेटरों की खोज करें जो अपने खाली समय दौरान वालंटियर के तौर पर कैदियों और बंदियों को विभिन्न विषयों की शिक्षा मुहैया कराने की इच्छा रखते हों। 

श्री सरोज ने सीवरेज विभाग और नगर निगम लुधियाना को निर्देष दिए कि तीनों जेलों की सीवरेज की समस्या को तुरंत हल किया जाये। लोक निर्माण विभाग को कहा गया कि वह जेलों में होने वाले मुरम्मत कार्यों का एस्टीमेट बना कर जेल विभाग को भेजंे। बागबानी विभाग को हिदायत की गई कि वह रियायती दरों पर सब्जियाँ के बीज जेल में मुहैया करवाएं जिससे कैदी सब्जी आदि उगा कर कृषि व्यवसाय को अपनाने के काबिल हो सकें। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार को कहा गया कि जेल में सेहत सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए।अधिकारियों के साथ बातचीत करते श्री सरोज ने कहा कि बंदियों और कैदियों को सजा देने का मकसद यह नहीं होता कि उन्हें बुरे कामों के लिए नियमित समय के लिए अंदर रखा जाना है बल्कि यह एक मौका होता है कि वह जेल अंदर अपने आप को सुधार कर एक अच्छे मनुष्य बन सकें। इस समय दौरान यदि उन्हें रचनात्मक गतिविधियों के साथ जोड़ने की कोशिश की जाये तो वे इस दौरान  अच्छे मनुष्य बनने के साथ-साथ कित्तामुक्खी भी बन सकते हैं। इस दिशा में सार्थक प्रयत्न करने की जरूरत है।जेल सुपरिटेंडैंट स. समशेर सिंह बोपाराय ने जेलों की आवष्यक्ताओं का विवरण पेश करते जेल सुपरिटेंडैंटों को जरुरी वित्तीय अधिकार, सुरक्षा बलों संख्या, अन्य सब जेलों की व्यवस्था करें, खाली असामियाँ भरने आदि की प्रार्थना की। जिस पर श्री सरोज ने इस सम्बन्धित जेल मंत्री के द्वारा पंजाब सरकार के साथ बात करने का भरोसा दिया। इस मौके अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर पुलिस श्री सुरिन्दर लांबा और श्री दीपक पारिख, जिला कानूनी सेवाएं अथारटी के सचिव श्री अशीष अबरोल, पी. सी. एस. अधिकारी श्री तरसेम चंद, एस. डी. एम. लुधियाना (पूर्वी) स. अमरजीत सिंह बैंस, एस. पी. (एच) खन्ना स. बलविन्दर सिंह भीखी और अन्य कई अधिकारी उपस्थित रहे।