5 Dariya News

अवैध शराब के कारोबार में लिप्त चीनी मिलों, भट्ठियों पर पुलिस की नजर

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नई दिल्ली 18-Jun-2019

उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (विशेष कार्य बल) की जांच के घेरे में कुछ चीनी मिलें और शराब की भट्ठियां आ चुकी हैं, क्योंकि प्रदेश में पिछले एक साल में जहरीली अवैध शराब पीकर एक सौ से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अवैध शराब बनाने के कारोबार में लिप्त शराब तस्करों और गिरोहों को सस्ती शराब पहुंचाने वाले मौत के इन सौदागरों के गठजोड़ का भांडाफोड़ करने में दिनरात जुटे एसटीएफ ने पिछले एक महीने में प्रदेश में छापेमारी कर 10,000 लीटर से ज्यादा रेक्टिफायड स्प्रिट (औद्योगिक शराब) बरामद की है।अवैध शराब बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली औद्योगिक शराब आसवित इथेनॉल है और आमतौर पर इसका इस्तेमाल पेंट, इत्र, पिंट्रिंग की स्याही और लेप बनाने में किया जाता है। यह सस्ती होती है इसलिए अवैध शराब कारोबारी आसवित इथेनॉल बनाने वाली मिलें इसकी तस्करी करते हैं। एसटीएफ ने जून में लखनऊ और कानपुर में सक्रिय एक बड़े आपराधिक गिरोह के पास से 5,750 लीटर रेक्टीफायड स्प्रिट बरामद किया।एसटीएफ ने गिरोह का सरगना सूरज लाल यादव के साथ गिरोह के छह अन्य सदस्यों को दबोचा है। पूछताछ के दौरान पता चला कि यादव का हरियाणा की शराब भट्ठियों से सांठगांठ है। हरियाणा से भारी मात्रा में औद्योगिक शराब की तस्करी कर उसे उत्तर प्रदेश स्थित अवैध शराब बनाने वालों को मुहैया कराया जाता है।जहरीली अवैध शराब पीने के कारण लगातार हो रही मौत से चिंतित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध शराब बनाने वाले गिरोह पर राज्यव्यापी कार्रवाई शुरू की। दो महीने पहले बाराबंकी में हुई दुखद घटना में अवैध शराब पीने से 21 लोगों की मौत के बाद उन्होंने यह कार्रवाई शुरू की।प्रदेश में अपराध का भांडाफोड़ करने वाली प्रमुख एजेंसी के रूप में शुमार एसटीएफ ने दिल्ली और हरियाणा से उत्तर प्रदेश में आने वाले सैकड़ों टैंकरों और निजी वाहनों को रोककर जांच शुरू की।एसटीएफ के महानिरीक्षक (आईजी) अमिताभ यश ने बताया, रेक्टिफायड स्प्रिट की तस्करी में लिप्त गिरोह ने अपना जाल प्रदेश में फैला रखा है। 

तस्करी को लेकर पैदा होने वाले विवाद में हत्याएं भी हुई हैं। लेकिन छापेमारी में जुटे हमारे दस्ते इन गिरोहों का भांडाफोड़ करने को लेकर दृढ़संकल्पित हैं। पिछले डेढ़ साल में हमने अनगिनत मामले दर्ज किए हैं।अमिताभ यश ने कहा, हम विरले मामलों की ही जांच करते हैं, क्योंकि इसमें लंबी कानूनी प्रक्रिया होती है। हमारा मुख्य उद्देश्य जघन्य अपराधों पर शिकंजा कसना है, खासतौर से आपराधिक गिरोहों द्वारा किए जाने वाले संगठित अपराध पर। बहरहाल, हमारा लक्ष्य अवैध शराब के कारोबार में लिप्त गिरोहों पर शिकंजा कसना है।अमिताभ यश अंडरवर्ल्ड ऑपरेशन सिंडिकेट क्राइम से निपटने के अपने कौशल के लिए जाने जाते हैं।उनसे जब पूछ गया कि क्या रेक्टिफायड स्प्रिट की तस्करी में आबकारी विभाग के कुछ अधिकारी और कुछ शराब भट्ठियों के शामिल होने की संभावना है तो आईजी ने कहा कि इस संबंध में सरकार को एक रिपोर्ट भेजी गई है।एक तरफ उत्पाद शुल्क ज्यादा होने से शराब महंगी हो जाती है, तो दूसरी तरफ अवैध शराब 20 रुपये प्रति बोतल से भी कम दाम पर मिल रही है। कुछ जगहों पद यह 10 रुपये प्रति लीटर मिलती है।फरवरी, 2019 में सहारनपुर में अवैध शराब के कारण 50 लोगों की मौत हो जाने की दुखद घटना के संबंध में एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि शराब में रेक्टिफायड स्प्रिट की मात्रा इतनी अधिक थी कि वह जहरीली हो गई थी।रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि रेक्टिफायड शराब की तस्करी करने वाले अपराधियों के गिरोहों की स्थानीय अधिकारियों के साथ सांठगांठ थी।पुलिस का एक सूत्र ने बताया, गिरोहों की शराब की भट्ठियों और रासायनिक कारखानों के साथ मिलीभगत है, जहां से शराब की तस्करी कर उसे काफी सस्ती कीमत पर बेचा जाता है। बाद में इसे ड्रम में भरकर अवैध शराब बनाने वालों के ठिकानों पर पहुंचा दिया जाता है।उत्तर प्रदेश में अवैध शराब की भारी बिक्री के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस महानिदेशक ओ. पी. सिंह को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा कि अवैध शराब की तस्करी और इससे संबंधित मौत के मामलों में पुलिस आरोपियों को अभियुक्त करार दिए जाने में कामयाब हो।