5 Dariya News

नरेंद्र मोदी ने कृषि में संरचनात्मक सुधारों के लिए उच्चस्तरीय समिति घोषित की

5 Dariya News

नई दिल्ली 15-Jun-2019

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कृषि में संरचनात्मक सुधारों की सिफारिश के लिए एक उच्चस्तरीय समिति की घोषणा की, जिसमें मुख्यमंत्रियों को शामिल किया जाएगा। साथ ही उन्होंने राज्यों से 2024 तक भारत को 50 खरब डॉलर (5,000 अरब डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान देने का आग्रह किया।नीति आयोग की शासी परिषद की 5वीं बैठक में अपनी समापन टिप्पणी में उन्होंने 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' अंब्रेला के तहत विभिन्न राज्यों के निवासियों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने का आह्वान किया।प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक परिस्थितियां वर्तमान में भारत को एक अनूठा अवसर प्रदान करती हैं, क्योंकि देश खुद को 'ईज ऑफ डुइंग बिजनेस' जैसे वैश्विक बेंचमार्क पर स्थापित कर रहा है।उन्होंने कहा, "हमें 2024 तक भारत को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का प्रयास जल्द से जल्द शुरू करना चाहिए। इस उद्देश्य के लिए, राज्यों को अपनी अर्थव्यवस्था को 2 से 2.5 गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसके परिणामस्वरूप आम आदमी की क्रय शक्ति बढ़ जाएगी।"मोदी ने मुख्यमंत्रियों से अपने राज्य की निर्यात क्षमता का अध्ययन करने और निर्यात संवर्धन पर काम करने का आह्वान किया।

कृषि में संरचनात्मक सुधारों पर समिति के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें कुछ मुख्यमंत्रियों को भी शामिल किया जाएगा और इस विषय पर 'समग्र दृष्टिकोण' लिया जाएगा।केंद्र में बनाए गए दो नए मंत्रालयों और एक नए विभाग के निर्माण का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय में द्वीप विकास विभाग, लगभग 1,300 द्वीपों के विकास पर काम करेगा जो भारत का हिस्सा हैं।उन्होंने तटवर्ती राज्यों से आग्रह किया कि वे समुद्र तट से सटे द्वीपों के संबंध में एक पहल करें।प्रधानमंत्री ने कहा कि खनन क्षेत्र रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर सकता है, लेकिन उन्होंने याद दिलाया कि कई राज्यों में खदानों के परिचालन में अड़चनें अभी भी बनी हुई हैं।उन्होंने कहा, "नीति आयोग इन मुद्दों पर काम कर रहा है।"उन्होंने राज्यों को समय-समय पर 'आकांक्षी जिलों' की प्रगति की समीक्षा करने का भी आह्वान किया और कहा कि आकांक्षी जिलों में शासन के एक नए मॉडल को स्थापित करने की आवश्यकता है।प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ साझेदारी करने और भारत के विकास के लिए मिलकर काम करने की इच्छुक है।उन्होंने कहा कि भारत को अपनी पानी की समस्याओं को हल करने के लिए प्राथमिकता देने और सही कदम उठाने की आवश्यकता है।प्रधानमंत्री ने गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण के लिए एक परिणाम आधारित दृष्टिकोण का आह्वान किया।