5 Dariya News

झापेड़ी में रहने वालों को स्वस्थ रखना चुनौती : अश्विनी चौबे

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पटना 01-Jun-2019

बिहार के बक्सर लोकसभा क्षेत्र से दूसरी बार चुनकर लोकसभा पहुंचे भाजपा नेता अश्विनी कुमार चौबे को दूसरी बार केंद्र में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री का दायित्व सौंपा गया है। चौबे का कहना है कि उनकी प्राथमिकता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों- गरीबों की सेवा करना तथा गांव के झापेड़ी में रहने वालों को स्वस्थ रखना है।उनका कहना है कि सरकार चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने की नीति पर काम कर रही है। चिकित्सकों की संख्या बढ़ने पर ही गांवों तक चिकित्सक पहुंच सकेंगे। चौबे का कहना है, "हमारी प्राथमिकता भारतवर्ष के 130 करोड़ लोगों में गरीब वर्ग, उसमें भी विशेषकर महिलाओं, बच्चों और बूढ़ों के स्वास्थ्य संवर्धन पर केंद्रित है। इसके अंतर्गत हम विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना 'आयुष्मान भारत योजना' को कार्यान्वित करने पर विशेष ध्यान देंगे।" पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे चौबे ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में बिहार के बक्सर की जनता की चर्चा करते हुए कहा कि इस चुनाव में उन्होंने लोगों से लंबी लकीर खींचने की अपील की थी। उन्होंने खुद को 'फकीर' बताते हुए कहा, "मैं बक्सर की जनता का आभारी हूं। उन्होंने इस फकीर के लिए लंबी लकीर खींच दी है।" बिहार के भागलपुर में जन्मे और बिहार में स्वास्थ्य कल्याण मंत्री का पद संभाल चुके चौबे ने कहा, "मैं सदैव बक्सर और बिहार के हितों का ध्यान रखूंगा। इस चुनाव में भाजपा तथा इसके सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं ने असाधारण मेहनत कर राजग को इतनी बड़ी विजय दिलाई है।" अपनी बेबाक बयानों के लिए जाने जाने वाले चौबे ने कहा, "स्वच्छ भारत और सर्वश्रेष्ठ भारत की कल्पना लेकर हमलोग आगे चल रहे हैं, जिसमें गरीबों को स्वस्थ रखना बड़ी चुनौती है।" चौबे ने अपने विभाग की प्राथमिकताएं बताते हुए कहा, "आयुष्मान भारत योजना को जरूरतमंदों तक पहुंचाएंगे। वर्ष 2022 तक 30 साल उम्र तक के सभी नागरिकों को निरोग बनाएंगे। वर्ष 2022 तक सभी सीएचसी और पीएचसी को हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में बदला जाएगा।" उन्होंने कहा, "हमारी प्राथमिकताओं में वर्ष 2022 तक 30 साल तक के उम्र के हर नागरिक को निरोग बनाना है। इसके तहत 'वेलनेस सेंटर' पर लोगों का रक्तचाप, डायबिटीज, मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर सहित अनेक रोगों का मुफ्त इलाज, जांच और दवा की व्यवस्था होगी।"

चौबे ने कहा कि वर्ष 2022 तक सभी सीएचसी और पीएचसी को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में बदलना भी इस सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अभी तक 20 हजार सीएचसी और पीएचसी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में बदले जा चुके हैं।उन्होंने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार के वर्ष 2014 में आने के बाद बच्चों के टीकाकरण को 61 प्रतिशत से बढ़ाकर 85 तक प्रतिशत तक किया गया है। इस साल के अंत तक इसको बढ़ाकर 90 प्रतिशत और अगले वर्ष 100 प्रतिशत करना लक्ष्य है।दिल्ली के एम्स में मरीजों की संख्या में वृद्धि के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आज चिकित्सकों द्वारा छोटी बीमारियों के लिए दिल्ली-एम्स रेफर कर दिया जाता है, जिसके कारण वहां भारी भीड़ हो जाती है। उन रोगों का इलाज अन्य एम्स में भी हो सकता है।बिहार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बिहार हो या कोई राज्य हो, राज्य सरकार को जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए कार्य करना चाहिए। केंद्र सरकार राज्य सरकार को हरसंभव मदद देने को तैयार है। उन्होंने गांव-गांव में 'स्वास्थ्य कुंभ' लगाने पर भी जोर दिया। गांवों में चिकित्सकों की कमी को स्वीकारते हुए चौबे ने कहा कि इसमें स्वीकारने में कोई पछतावा नहीं है कि गांव में आज चिकित्सक नहीं पहुंच पाए हैं। उन्होंने कहा, "देश में चिकित्सकों की कमी है। चिकित्सक बाजार से नहीं खरीदे जा सकते। सरकार नए मेडिकल कॉलेज खेालने पर ध्यान दे रही है, जिससे चिकित्सकों की संख्या बढ़ेगी। कित्सक होंगे तो उनकी नियुक्ति भी होगी।" प्रधानमंत्री के 100 दिनों के कार्ययोजना के संबंध में पूछ जाने पर उन्होंने कहा कि एक लक्ष्य बनाकर काम करने का प्रयास किया जा रहा है। रूपरेखा तैयार की जा रही है, जिसके अनुसार गरीबों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जाएंगी।