5 Dariya News

कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा नशों के तस्करों की बिना मुकद्दमा चलाए एक वर्ष की नजऱबंदी को योग्य बनाने के लिए सलाहकारी बोर्ड का ऐलान

नशा मुक्ति की कोशिशों के केंद्रीयकरण के लिए अलग ड्रग डिविजऩ का ऐलान

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चंडीगढ़ 28-Dec-2018

 सके।राज्य में से नशों के ख़ात्मे के लिए स्थापित की गई विशेष टास्क फोर्स (एस.टी.एफ) के कामकाज का जायज़ा लेने संबंधी मीटिंग के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अगले स्तर पर नशों के विरुद्ध जंग के लिए मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की तरफ से की जा रही इन नयी पहलकदमियों का ऐलान किया।मुख्यमंत्री ने मीटिंग के दौरान ऐलान किया कि जिन क्षेत्रों में से नशे पकड़े जाएंगे उन क्षेत्रों के पुलिस थानों में तैनात कर्मचारी इसके लिए सीधे तौर पर जवाबदेह होंगे। मुख्यमंत्री ने नशों के विरुद्ध लड़ाई के लिए अपनी सरकार की कोशिशों को और ठोस बनाने और बड़े स्तर पर नशा मुक्ति और पुनर्वास की सहूलतों के लिए नये दिशा-निर्देश जारी किये।प्रस्तावित सलाहकारी बोर्ड को नारकोटिकस, ड्रग एंड साईकोटरोपिक सब्स्टांसिज़ (एल.डी.पी.एस) एक्ट में प्रीवैंनशन ऑफ इलीसैट ट्रैफिक़ (पी.आई.टी) के तहत गठित किया जायेगा। इसका उद्देश्य बिना मुकदमा चलाए एक वर्ष के लिए नशा तस्करों की नजऱबंदी की आज्ञा देने के साथ-साथ इस एक्ट के तहत विज्ञापित भगौड़ों की जायदादों को ज़ब्त करना है। मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह निर्मल सिंह कलसी को इस सम्बन्ध में रूप रेखा तैयार करने के लिए कहा है।पंजाब में सरहद पार से नशों की हो रही तस्करी को प्रभावी ढंग के साथ रोकने के लिए सभी केंद्रीय और पड़ोसी राज्यों की कानून लागू करने वाली एजेंसियों के साथ तालमेल के लिए मीटिंग करने के लिए भी अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह को कहा गया है।

राज्य में नशा मुक्ति की कोशिशों को प्रौत्साहन देने के लिए अलग-अलग कामों केंद्रीयकरण और संगठित करने पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग में नये ड्रग सैंटरों को खोलने, निजी नशा मुक्ति केन्द्रों को लायसेंस जारी करने और सरकारी अस्पतालों में अपेक्षित ड्रग के वितरण पर यह डिविजऩ निगरानी रखेगी। इस डिवीजऩ के प्रमुख सचिव होंगे।मुख्यमंत्री ने नौजवानों को नशों से दूर करने के लिए ढांचे को मज़बूत करने के लिए निजी नशा मुक्ति केन्द्रों के लिए लायसेंस देने के तरीकों का साधारनीकरण करने के लिए भी अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य सतीश चंद्रा को कहा है।मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की तरफ से शुरू की गई नशों के विरुद्ध मुहिम की प्रगति के लिए नियमित तौर पर उनको सूचना देने के लिए एस.टी.एफ के प्रमुख मुहम्मद मुस्तफा को निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने अपने मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार और अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह को इस सम्बन्ध में प्रगति का हर 15 दिनों के बाद जायज़ा लेने के लिए मीटिंग करने के लिए कहा है। नशों की लानत को रोकने की चल रही कोशिशों संबंधी लोगों में जागरूकता पैदा करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमीशनरों, पुलिस कमीशनरों, अलग -अलग रेंजों के इंस्पेक्टर जनरलों, एस.टी.एफ और जि़लों पुलिस मुखिया को लगातार खासतौर पर देहाती और सरहदी इलाकों के दौरे करने के लिए कहा है। उन्होंने डैपो और बड्डी प्रोग्राम की प्रगति का जायज़ा लेने के साथ-साथ आम लोगों से भी इस सम्बन्ध में सूचना प्राप्त करने पर ज़ोर दिया है।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने नशों से नौजवानों को दूर रखने के लिए प्रेरित करने के लिए बड़े स्तर पर सार्वजनिक भागीदारी को यकीनी बनाने के लिए गार्डीयन ऑफ गवर्नेंस को भी इस कार्य में शामिल करने का सुझाव दिया है। उन्होंने निचले स्तर पर लोगों को इस मुहिम में शामिल करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि डैपो और बड्डी जैसे विलक्षण प्रोग्राम नशों की समस्या से भावी पीढिय़ों को बचाने के लिए राज्य सरकार की कोशिशों को और मज़बूत बनाने का कार्य करेंगे।

एस.टी.एफ के प्रमुख मुहम्मद मुस्तफा ने मीटिंग के दौरान बताया कि एस.टी.एफ, जि़ला पुलिस और प्रांतीय विशेष ऑप्रेशन सेल (एस.एस.ओ.सी) इस सम्बन्ध में सख्ती इस्तेमाल करने में सफल हुए हैं। इसके नतीजे की वजह से 24 दिसंबर, 2018 तक 13756 व्यक्ति ग्रिफतार किये गए हैं। इसके अलावा 381.2 किलोग्राम हेरोइन, 370.1 किलोग्राम अफ़ीम और 38739.4 किलोग्राम चूरा -पोस्त बरामद किये जाने के अलावा 60805 टीके और 76.77 लाख गोलियाँ /कैप्सूल पकड़े गए हैं।स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उठाये गए हिफाजती कदमों संबंधी सतीश चंद्रा ने मीटिंग के दौरान जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्यभर में 166 ओ.ओ.ए.टी क्लीनिक चल रहे हैं। इनमें 59993 मरीज़ रजिस्टर्ड किये जा चुके हैं जिनमें से 56380 क्लिनिकों में बार-बार आए हैं। इस सम्बन्ध में 93.97 प्रतिशत बंधेज दर रजिस्टर्ड की गई है। उन्होंने बताया कि नशा मुक्ति केन्द्रों में आने वाले मरीज़ों को आज तक बुपरीनोरफीन की 1.17 करोड़ गोलियाँ दी गई हैं। मार्च, 2019 के आखिऱ तक ओ.ए.टी.एस केन्द्रों की संख्या बढ़ाकर 200 कर दी जायेगी।डैपो के सी.ई.ओ राहुल तिवाड़ी ने बताया कि इस प्रोग्राम के तहत तकरीबन 40 लाख विद्यार्थियों को लाया जायेगा। एस.टी.एफ की तरफ से पहले ही 329 मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया गया है और जल्द ही तकरीबन 3 लाख स्कूल अध्यापकों और कालेज लैक्चररों को इस सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि नशों के बुरे प्रभाव के बारे जागरूकता पैदा करने के लिए पहले ही 4.9 लाख डैपो रजिस्टर्ड किये जा चुके हैं। इनमें 75000 सरकारी वालंटियर और 4.15 लाख सिटिजन वालंटियर शामिल हैं।मीटिंग में उपस्थित अन्यों में डी.जी.पी सुरेश अरोड़ा, डी.जी.पी कानून व्यवस्था हरदीप सिंह ढिल्लों, विशेष प्रमुख सचिव /मुख्यमंत्री हरप्रीत सिद्धू, सचिव गृह कुमार राहुल, आई.जी प्रमोद बान, आर.के.जैसवाल, बी. चंद्र शेखर, बलकार सिंह सिद्धू और डी.आई.जी एस.के.रामपाल शामिल थे।