5 Dariya News

सतत विकास के लिए संसाधनों का आदर्श उपयोग जरूरी : गिरिराज सिंह

5 Dariya News

नई दिल्ली 14-Dec-2018

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरिराज सिंह ने कहा है कि सतत विकास के लिए भारत को संसाधनों के आदर्श उपयोग के संबंध में घरेलू विकसित प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता है।वह आज नई दिल्ली में एमएसएमई मंत्रालय के सामाजिक उद्यम सम्मेलन-2018 में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय के सौर चरखा मिशन अपने आप में एक मिसाल है, जो पिछले 6 महीनों से कई गांवों में चल रहा है। इस मिशन के तहत आजीविका के अवसर पैदा करके महिलाओं को शक्तिसम्पन्न बनाया जा रहा है। महिलाएं अब प्रतिमाह दस हजार रुपये से अधिक की आय कर रही हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि वे सभी उद्यम जो समाज के विकास में लगे हैं, वे सभी सामाजिक उद्यम हैं। उन्होंने कहा कि खादी सामाजिक उद्योग की बेहतरीन मिसाल है। खादी ग्राम उद्योग का पर्यावरण पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता और यह उद्योग प्रदूषण मुक्त है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे खादी उद्योग में शामिल होकर सतत विकास मॉडल का हिस्सा बनें।

गिरिराज सिंह ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के बारे में प्रधानमंत्री के विज़न को पूरा किया जा सकता है, जब हम ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल करना शुरू कर दें। ग्रामीण क्षेत्रों के संसाधनों में गाय का गोबर, गोमूत्र, मनुष्यों के कटे हुए बाल और कृषि कचरा इत्यादि शामिल हैं। इन सब को बायो-कम्पोस्ट में बदला जा सकता है।इस अवसर एमएसएमई मंत्रालय के अपर सचिव एवं विकास आयुक्त श्री राम मोहन मिश्रा ने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय ने सामाजिक उद्योग क्षेत्र को समर्थन देने के लिए योजना शुरू की है। कौशल विकास एवं उद्यमियता मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री ज्योत्सना सिटलिंग ने युवाओं में कौशल विकास को प्रोत्साहन देने के लिए मंत्रालय द्वारा उपलब्ध योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी दी।इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों से सामाजिक कार्यकर्ताओं, गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों, उद्यमियों, अनुसंधान संगठनों, वित्त और व्यापार विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।