5 Dariya News

पर्यावरण के रक्षक कृषक, गांव गुडी संघर के किसान अंग्रेज सिंहं ने बिना पराली जलाए गेंहू की बिजाई की

कहा हैप्पी सीडर से बिजाई करने से होते हैं कई फायदे, केवीके कर रहा है किसानों का मार्ग दर्शन

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श्री मुक्तसर साहिब 27-Nov-2018

जिला श्री मुक्तसर साहिब के गांव गुडी संघर के किसान अंग्रेज सिंह ने इस वर्ष 40 एकड़ खेत में धान की पराली को बिना जलाए गेहूं की बिजाई की है। अब गेहूं के उग जाने के बाद यह किसान इस नई तकनीक के परिणामों से उत्साहित है।अंग्रेज सिंह ने बताया कि उसने एसएमएस लगी कंबाइन द्वारा धान की कटाई करके पराली को बिना आग लगाए हैप्पी सीडर के साथ पूरे खेत में गेहूं की बिजाई की है। उसने हैप्पी सीडर सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए अनुदान की मदद से गत वर्ष खरीदा था। पिछले वर्ष भी उसने इस तकनीक का तजुर्बा किया था और उसे गेहूं का पूरा उत्पादन मिला था। जिससे उसने उत्साहित होकर इस बार पूरे खेत में ही हैप्पी सीडर से गेहूं की बिजाई की है।अंग्रेज सिंह के पुत्र गुरमीत सिंह ने बताया कि हैप्पी सीडर से गेहूं की बिजाई पर उनका सवा 3 लीटर डीजल प्रति एकड़ खर्च हुआ जबकि अगर सामान्य तौर पर पराली को जलाकर खेत में जुताई कर के गेहूं की बिजाई की जाती तो 20 लीटर डीजल खर्च होना था। उनके अनुसार गत वर्ष उसने जो हैप्पी सीडर से बिजाई की थी उस गेहूं के खेत में नदीन नाशकों का छिड़काव भी नहीं किया जिससे उसको प्रति एकड़ साडे 400 रूपए की बचत हुई। गुरमीत सिंह के अनुसार पराली के मिट्टी में मिल जाने से जमीन के पोषक तत्व नष्ट नहीं होते हैं व इससे हमारे मित्र जीव भी बचे रहते हैं। उसने कहा कि पराली की जमीन पर लेयर लग जाती है जिस कारण नदीन नहीं उग पाते ।गुरमीत सिंह ने बताया कि वह लगातार कृषि विज्ञान केंद्र गोनियाना के संपर्क में रहता है वह कृषि विज्ञानियों की सलाह के अनुसार ही खेती करता है। उसके अनुसार किसान के लिए आमदन वृद्घि का एक तरीका यह भी है कि हम अपने खर्चे कम करें वह हैप्पी सीडर इस कार्य में किसान का मददगार साबित होता है।

हैप्पी सीडर से बोई गेंहू को पहले पानी के साथ दें युरिया

कृषि विज्ञान केंद्र गोनियाना के डिप्टी डायरेक्टर डॉ एनएस धालीवाल व श्री बलकरण सिंह संधू सहायक प्रोफेसर फसल विज्ञान ने कहा कि जहां पराली को बिना जलाए हैप्पी सीडर से गेहूं की बिजाई की गई थी व बिजाई को 25 दिन हो गए हैं तो ऐसे खेत में पहला पानी लगा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे खेत में पानी लगाने से पहले यूरिया खाद की पहली किस्त 45 किलो प्रति एकड़ की दर से खेत में देनी चाहिए।  उन्होंने यह भी कहा कि पहला पानी हल्का लगाना चाहिए।