5 Dariya News

सत्संग कोई रस्म नहीं है : सद्गुरु माता सुदीक्षा जी

5 Dariya News

समालखा 25-Nov-2018

सत्संग कोई रस्म नहीं बल्कि ये एक ज्ञानी सन्तजनों का अद्वितीय मिलन है | जब वे अपने निजी आध्यात्मिक अनुभव से बोलते हैं तो उनके हर शब्द से हमें प्रेरणा प्राप्त होती है | इसलिए हमें उन्हें बड़े ध्यान से सुनना चाहिए |उक्त उद्गार सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने कल शाम यहां ३-दिवसीय ७१वें वार्षिक निरंकारी संत समागम जी.टी.रोड समालखा के पहले दिन के खुले सत्र को संबोधित करते हुए व्यक्त किए | यह सन्त समागम गन्नौर और समालखा के बीच जी.टी.रोड पर स्थित संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल पर आयोजित किया गया है |सद्गुरु माता जी ने कहा कि हम जब भी सत्संग में शामिल होते हैं तो हमें पूरी मर्यादा और अनुशासन का पालन करना चाहिए | इतना ही नहीं, बल्कि सत्संग में हमें अपने मोबाईल फोन का भी वीडियो रिकार्डिंग अथवा फोटोग्राफी के लिए प्रयोग नहीं करना चाहिए | क्योंकि इससे वहां जो बोला जा रहा है उससे हमारा ध्यान हट जाता है | हमें सन्तों की वाणी सुन कर उसे अपने दिन प्रतिदिन के जीवन में अपनाना चाहिए |सद्गुरु माता जी ने बताया कि जब हम प्रत्येक संत में निरंकार प्रभु का रुप देखते हैं और समीप बैठे सन्त के प्रति नतमस्तक होते हैं तो हमें आशीर्वाद मिल जाता है | इसी प्रकार से अगर कोई सत्संग से दूर हो गया हो तो आप अपने भक्तिभाव, समर्पण एवं विश्वास से उसे फिर से सत्संग से जुडने की प्रेरणा दे सकते हैं | सद्गुरु माता जी ने कहा कि एक बुझा हुआ दीपक भी जले हुए दीपक से पुन: प्रज्ज्वलित किया जा सकता है |सद्गुरु माता जी ने निरंकारी भक्तों को संदेश दिया कि वे अपने जीवन में निरंतर सत्संग, सेवा, सिमरण करते रहें |  

समागम के आरंभिक सत्र में हरियाणा के मुख्य मंत्री माननीय श्री मनोहर लाल जी पधारे | उनके साथ परिवहन मंत्री माननीय श्री कृष्ण लाल पंवार जी एवं अन्य गणमान्य अतिथि भी थें | संत निरंकारी मण्डल के प्रधान श्री गोबिन्द सिंह जी ने माननीय मुख्य मंत्री महोदय का शॉल पहनाकर हार्दिक स्वागत किया|इस अवसर पर अपने भाव व्यक्त करते हुए माननीय मुख्य मंत्री जी ने हरियाणा की पावन भूमि में मिशन का यह आंतर्राष्ट्रीय सन्त समागम आयोजित करने पर सद्गुरु माता जी का आभार प्रकट किया | आपने कहा कि पूरे भारतवर्ष से एवं विश्व के ७० अन्य देशों से आये हुए भक्तों का यह संत समागम हरियाणा का सबसे बड़ा कार्यक्रम है | संत निरंकारी मिशन का सन्देश आज पूरे विश्व की जरुरत है |मिशन की विचारधारा की चर्चा करते हुए श्री मनोहर लाल जी ने बताया कि आज जब हर मनुष्य अपनी स्वार्थ सिद्धी के लिए कोई भी उचित-अनुचित तरीके अपनाता है, वहां सद्गुरु माता सुदीक्षा जी की रहनुमाई में संत निरंकारी मिशन शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का संदेश देकर मानवता की भावना से युक्त होकर महान सेवा कर रहा है | उन्होंने कहा कि केवल संत ही हमें निरोल सच्चाई के मार्ग पर अग्रसर कर सकते हैं और प्रत्येक मानव को मानवीय मूल्यों से युक्त सुंदर समाज के निर्माण की प्रेरणा दे सकते हैं |माननीय मुख्य मंत्री जी ने अंत मे कहा कि सरकार की ओर से हमने समागम के आयोजकों को हर सम्भव सहायता करने का प्रयास किया है | इसमें और भी सुधार लाने के सुझाव प्राप्त होंगे तो उन्हें पूरा करने में हमें खुशी होगी |

सेवादल रैली

आज के मुख्य सत्संग कार्यक्रम के पहले सेवादल रैली एक मुख्य आकर्षण था जिसमें पूरे देश से आये हुए सेवादल के हजारों बहन भाईयों ने अपनी वर्दी पहन कर इस रैली में भाग लिया | दूर देशों से आये सेवादल ने भी उनकी अपनी वर्दी पहन कर रैली में भाग लिया | कुछ शारीरिक व्यायाम के बाद उन्होंने मिशन के संदेश पर आधारित कुछ शारीरिक करतब प्रस्तुत किए और सेवा को ईश्वर और सद्गुरु के प्रति भक्तिभाव प्रकट करने के प्रभावी साधन के रुप में दर्शाया |सेवादल रैली को अपने आशीर्वाद प्रदान करते हुए सद्गुरु माता सुदीक्षा जी ने कहा कि सेवादल मिशन की आन, बान और शान है | आपने कहा कि निरंकारी राजमाता जी, बाबा हरदेव सिंह जी और हजारों भक्तों ने मिशन की सेवा करने के लिए सेवादल की वर्दी पहनी | सेवादल सदस्यों ने पहनी हुई वर्दी का पूरा सम्मान करना है | सेवादल द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों की सराहना करते हुए मर्यादा एवं अनुशासन का पालन करने वाले सेवादल को सद्गुरु माता जी ने आशीर्वाद प्रदान किया | उन्होंने आशीर्वाद दिया कि श्रद्धा, समर्पण और विश्वास रखने वाले इस मिशन का भविष्य उज्ज्वल है |इसके पूर्व, संत निरंकारी मंडल के महासचिव तथा सेवादल के मेम्बर इंचार्ज श्री वी डी नागपाल जी ने कहा कि सेवादल हमेशा ही केवल सद्गुरु की कृपा से अपनी सेवा निभाता आ रहा है | कई बार उनसे कुछ गलतियाँ होना भी सम्भव हैं | अत: उनकी गलतियों को क्षमा करते हुए उन्हें आशीर्वाद प्रदान करने के लिए उन्होंने सद्गुरु माता जी के चरणों में प्रार्थना की ताकि समर्पण एवं सहयोग की भावना से वे निरंतर मिशन की सेवा करते रहें |