5 Dariya News

पंजाब पुलिस ने मुख्य साजि़शकर्ता की गिरफ़्तारी से सुलझाई अमृतसर के नज़दीक निरंकारी भवन पर हुए ग्रेनेड हमले की गुत्थी

डीजीपी ने हमले के तार आईएसआई के साथ जुडऩे की बात कही और नौजवानों को पाकिस्तान के जाल में न फंसने कि की अपील

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चंडीगढ़ 24-Nov-2018

पंजाब पुलिस ने दूसरे और मुख्य साजि़शकर्ता की गिरफ़्तारी करके निरंकारी सत्संग भवन में हुए ग्रेनेड हमले की गुत्थी एक हफ्ते से भी कम समय में सुलझा ली है। गौरतलब है कि अमृतसर के अदलीवाल गाँव में निर्दोष श्रद्धालुओं पर हुए इस हमले में 3 लोगों की मौत हो गई थी और 16 लोग ज़ख्मी हो गए थे।आज यहाँ मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान डीजीपी पंजाब सुरेश अरोड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि उक्त मामले में गिफ्तार किये मुख्य आरोपी अवतार सिंह के खि़लाफ़ पुलिस के पास पुख़्ता सबूत हैं और जल्द ही उक्त व्यक्ति को अदालत में पेश किया जायेगा और उसका पुलिस रिमांड लिया जायेगा जिससे और जाँच के दौरान जानकारी प्राप्त हो सके।अवतार सिंह के पाकिस्तान की शह पर पलती और आईएसआई की हिमायत वाले केएलएफ के हरमीत सिंह हैपी उर्फ पी.एच.डी के साथ भी सम्बन्ध होने का पता चला है। श्री अरोड़ा ने बताया कि हैपी पाकिस्तान की आईएसआई के इशारों पर चलने वाले और पंजाब आधारित आतंकवादी गुट का सबसे सक्रिय मैंबर था जोकि सरहदी राज्य पंजाब में गरीब और भोले -भाले नौजवानों को बरगलाकर आतंकवादी गतिविधियां करने के लिए प्रेरित करता था।डीजीपी ने राज्य के नौजवानों को पाकिस्तान की शह पर पलते आतंकवादी गुटों के जाल में न फंसने की अपील की जोकि पंजाब के नौजवानों की जि़ंदगी और भविष्य बर्बाद करना चाहते हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में मीडिया को सहृदय और जि़म्मेदारी वाली भूमिका निभाने के लिए अपील की और कहा कि पुलिस द्वारा भी सोशल मीडिया की मदद से राज्य के नौजवानों को ऐसी देश विरोधी ताकतों के झाँसे में न आने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।एक सवाल का जवाब देते हुए अरोड़ा ने बताया कि इस साल राज्य में आतंकवादी हमलों के साथ सम्बन्धित दो मामले सामने आए हैं जिनमें से एक मामला मकसूदां थाने पर हुए हमले का और दूसरा अदीलवाल में ग्रेनेड हमले का है। डीजीपी ने कहा कि ये दोनों ही मामले बड़े संवेदनशील हैं और पंजाब के लोगों को भरोसा दिलाया कि किसी भी पंजाबी को किसी भी किस्म का कोई नुक्सान नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने कश्मीर के आतंकवादियों द्वारा पंजाब में की जा रही घिनौनी गतिविधियों पर चिंता ज़ाहिर की और पुलिस द्वारा ऐसी कार्यवाहियों को रोकने पर ज़ोर दिया।

आप्रेशन बारे जानकारी देते हुए श्री अरोड़ा जिनके साथ प्रैस कान्फ्रेंस के दौरान डीजीपी इंटेलिजेंस श्री दिनकर गुप्ता और डीजीपी, कानून और व्यवस्था श्री हरदीप सिंह ढिल्लों भी मौजूद थे, ने बताया कि बिकरमजीत सिंह उर्फ बिक्रम की पूछताछ के उपरांत पुलिस ने ख्याला गाँव वासी 32 वर्ष अवतार सिंह को आज सुबह उसके चाचा तरलोक सिंह के ट्यूबवेल से गिरफ़्तार किया है। अवतार सिंह पुत्र गुरदयाल सिंह निवासी चक्क मिश्री खान ग्रैजुएट है और 2012 से निहंग सिंह के भेस में रहता है। उन्होंने बताया कि वह अपने गाँव में एक हकीम का काम करता था और उसका कोई भी पुराना पुलिस रिकार्ड नहीं है।दोनों पिस्तौल जो साजि़शकर्ताओं के पास हमले वाले दिन मौजूद थे जिनकी बरामदगी अवतार सिंह खालसा से हुई है। जो हथियार बरामद हुए हैं उनमें दो पिस्तौल (.32 बोर), जिनमें से एक अमरीका का बना है, चार मैगज़ीन और 25 जीवित कारतूस बरामद हुए हैं। श्री अरोड़ा ने बताया कि पुलिस को यह बरामदगी पटियाला में शबनमदीप सिंह की गिरफ्तारी के बाद हुई है।प्राथमिक जांच से यह तथ्य सामने आए हैं कि अवतार सिंह पिछले कुछ महीनों से वाट्सऐप के ज़रिये दुबई में रहते पाकिस्तानी नागरिक जावेद के लगातार संपर्क में था। अपने आप को पाकिस्तान का नागरिक कहने वाला और पंजाबी बोलने वाले इस शख्स ने पीठ की समस्या के सम्बन्ध में अवतार के साथ संपर्क किया था। उसके बाद उसने अवतार से सिख मसलों बारे जानना शुरू कर दिया और सिख कौम के दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए प्रेरित करने लगा।कुछ महीने पहले उसने अवतार को पाकिस्तान के हैपी के साथ मिलवाया जिसने अवतार को पंजाब में आतंकवादी गतिविधियां करने के लिए प्रेरित किया, जिसके अंतर्गत 2016 -17 में आरएसएस के लोगों और डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं की निशाना बनाकर हत्या करने के लिए कहा।प्राथमिक जांच के दौरान अवतार सिंह ने यह तथ्य कबूला है कि उसके मामा का लडक़ा परमजीत सिंह निवासी बडाला, पुलिस थाना ब्यास, इटली रहता है और परमजीत सिंह का बड़ा भाई सरबजीत सिंह जोकि पंजाब पुलिस में सिपाही था और वह केएलएफ (बुद्धसिंह वाला) धड़े में शामिल हो गया था परन्तु सरबजीत सिंह 1992 में रईया (ब्यास) के नज़दीक हुए पुलिस मुकाबले में मारा गया था।

अवतार सिंह ने बताया कि दो महीने पहले उसने इटली रहते परमजीत को गाँव में कुछ विरोधियों के साथ निपटने के लिए हथियारों का प्रबंध करने के लिए कहा और उसने यह जल्द ही भेज देने का भरोसा दिया। फिर परमजीत बाबा ने उसको पाकिस्तान रहते हैपी के साथ संपर्क करवा दिया और उसने दुबई रहते जावेद के साथ संपर्क करवाया। हैपी ने भी उसको जल्दी हथियार भेजने का भरोसा दिया।अक्तूबर के आखिर या नवंबर की शुरुआत में अवतार को एक विदेशी नंबर से एक वट्टसऐप संदेश मिला जिसमें उस जगह का विवरण था जहाँ हथियारों को छुपाकर रखा गया था। फिर 3 नवंबर 2018 को लगभग 11 बजे, अवतार ने अपने नज़दीकी दोस्त बिकरमजीत सिंह निवासी धारीवाल के साथ संपर्क किया और अगले दिन सुबह उसको तैयार होने के लिए कहा।अवतार सिंह के अनुसार वह और बिक्रमजीत 4 नवंबर, 2018 को मजीठा के नज़दीकी स्थान पर गए और सफलतापूर्वक दो .32 बोर पिस्तौलें, चार मैगज़ीन, 25 कारतूस और एक हैंड ग्रेनेड वाले पोलीथीन थैले को प्राप्त करने के बाद अवतार ने अपने डाक्टरी स्टोर में हथियारों /विस्फोटक को छुपा दिया। फिर 13 नवंबर को अवतार और बिक्रम ने राजासांसी में निरंकारी सत्संग भवन की रेकी की और दोनों ने निरंकारी भवन को निशाना बनाने का फ़ैसला किया। इस तरह 16 नवंबर, 2018 को अवतार और बिक्रम गाँव धारीवाल में मिले और 18 नवंबर को हमला करने का फ़ैसला किया। बिक्रमजीत की तरफ से किये खुलासे के बाद अवतार ने हमले की घटनाओं की पुष्टि की है।अवतार सिंह ने खुलासा किया है कि करीब दो महीने पहले अवतार ने परमजीत को उनके गाँव के कुछ लोगों के साथ दुश्मनी का निपटारा करने के लिए हथियारों की व्यवस्था करने के लिए कहा था, जिस पर परमजीत ने जल्द ही प्रबंध करने का भरोसा दिलाया था। इस समय के दौरान परमजीत बाबा ने उसे पाकिस्तान के हैपी के संपर्क में रखा, जो अवतार ने उस व्यक्ति की पहचान की थी जो दुबई आधारित पाकिस्तानी जावेद ने दिया था। हैपी ने अवतार को वादा किया कि वह उसके लिए हथियार की व्यवस्था करेगा।सत्संग भवन पर ग्रेनेड हमले के बाद अवतार को पाकिस्तान के नंबर से एक वट्टसऐप संदेश मिला जिसने उसकी सेहत बारे पूछा की और उसे तुरंत वापिस फ़ोन करने के लिए कहा। अवतार ने दावा किया कि उसने रविवार के हमले के तुरंत बाद संदेश को और नंबर को फ़ोन से मिटा दिया था।शुरुआती जांच के दौरान दोषी ने यह भी खुलासा किया है कि 2007 में श्री गुरु कथित तौर पर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख द्वारा गुरू गोबिन्द सिंह जी के पहनावे की नकल करने को लेकर उसके विरुद्ध हुए विरोध में बाकायदा हिस्सा लिया गया। इसके बाद वह श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी का सक्रिय मैंबर बनकर कमेटी द्वारा स्थानीय स्तर पर आयोजित किये गए रोश प्रदर्शनों में लगातार हिस्सा भी लेता रहा।

अवतार सिंह ने आगे यह भी खुलासा किया है कि वह ‘डेरावाद’ और सभी स्वघोषित गुरूओं, जैसे कि डेरा सच्चा सौदा, दिव्य ज्योति जागृति संस्था, प्यारा सिंह भन्यारेवाला के अलावा विवादित सिख प्रचारकों और सरबजीत सिंह धुन्दा, इन्द्रजीत सिंह घग्गा और हिंदु राईट विंग और इसके नेता /वर्करों आदि के खि़लाफ़ है।