5 Dariya News

इफ्फी मंच पर मीटू अभियान नदारद

5 Dariya News

पणजी 23-Nov-2018

देश में मीटू अभियान फिल्म संबंधी सबसे बड़े कार्यक्रमों, संवाददाता सम्मेलनों और फिल्मोत्सवों में सबसे बड़ा मुद्दा रहा है। लेकिन चल रहे 49वें 'भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव' (इफ्फी) में यह मुद्दा जैसे गायब रहा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक शीर्ष मंत्री ने इसके बचाव में कहा कि इफ्फी को उस तरीके से तैयार नहीं किया गया है। दो महिलाओं द्वारा यौन हिंसा और उत्पीड़न के आरोपित फिल्म निर्माता सुभाष घई इफ्फी की प्रमुख समिति में कायम हैं, और बेशक कार्यक्रम के शुभारंभ में प्रमुख सीट पर बैठे। सुभाष ने हालांकि दोनों ही आरोपों को नकार दिया। वे सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर के साथ एक मल्टीमीडिया प्रदर्शिनी 'द महात्मा ऑन सेल्युलॉइड' के उद्घाटन में भी मौजूद रहे। यह सब पिछले महीने हुए 'जियो मामी मुंबई फिल्म उत्सव' से ज्यादा बुरा है जहां कार्यस्थलों पर महिला सुरक्षा की अहमियत पर यह मुद्दा न सिर्फ छाया रहा बल्कि मीटू लहर से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े लोगों की परियोजनाओं का बहिष्कार भी हुआ था। उम्मीद थी कि इफ्फी मीटू पर कोई कदम उठाएगा या कम से कम कोई उल्लेख या चर्चा करेगा।इसके बारे में पूछने पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने आईएएनएस को बताया, "मुझे नहीं लगता कि यह मंच उसके लिए है. मेरा मतलब है कि इफ्फी को उसके लिए तैयार नहीं किया गया है। 

लेकिन बेशक जैसे आपने महिला एवं बाल विकास मंत्री को देखा, उन्होंने इस मुद्दे पर कठोर रुख अपनाया, हमने भी बेशक प्रसार भारती में भी कठोर कार्रवाई की, आल इंडिया रेडियो (एआईआर) में भी मामले से जुड़े कलाकारों के खिलाफ हमने कार्रवाई की है।"खरे केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर से आग्रह का हवाला दे रहे थे जिसमें उन्होंने एआईआर में यौन शोषण के मामलों में राठौर से व्यक्तिगत रूप से कदम उठाने और जांच करने का आग्रह किया था। यह सब उन रिपोर्टों की प्रतिक्रिया में हुआ था जिनके अनुसार एआईआर स्टेशनों पर कैजुअल अनाउंसर महिलाओं का यौन शोषण किया जा रहा है। अभिनेता आलोक नाथ पर यौन हिंसा का आरोप लगाने वाली लेखिका-फिल्म निर्माता विंता नंदा का मानना है कि मनोरंजन जगत में मौजूद प्रत्येक मंच का उपयोग कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा और वैश्विक रूप से व्याप्त मीटू अभियान के मुद्दों पर चर्चा के लिए होना चाहिए। 'पेज 3', 'फैशन', 'कैलेंडर गर्ल्स', 'सत्ता' और 'हीरोइन' में कास्टिंग काउच और यौन उत्पीड़न जैसे मुद्दे को उठाने वाले फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने आईएएनएस से कहा, "मीटू पर सभी ने कड़ा रुख अपनाया है. लेकिन हमें वास्तविक पीड़ितों पर ध्यान देने की जरूरत है। झूठे आरोप लगाकर इसे महत्वहीन न बनाएं।"