5 Dariya News

फील्ड स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने/ दुर्घटना रोकने के लिए सीवर तथा सेप्टिक टैंकों की सफाई के लिए मानक प्रक्रियाओं (एसओपी) को मंजूरी

800+ शहरों में 33,000 शौचालय लाइव हुए, नागरिक गुगल मैप पर देख सकते हैं

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नई दिल्ली 19-Nov-2018

सरकार ने फील्ड स्टाफ की सुरक्षा और बड़ी दुर्घटनाएं रोकने के उद्देश्य से सीवर तथा सेप्टिक टैंकों की सफाई के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को जारी किया है।विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर यह घोषणा करते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री राम दास अठावले ने अमृत मिशन के अंतर्गत टेक्नॉलाजी चुनौती के विजेताओं का सम्मान किया और आशा व्यक्त की कि इस तरह के नवाचारी समाधानों से मानव जीवन को खतरे में डाले बिना मानव कचरे का सुरक्षित प्रबंधन किया जा सकेगा। शहरी स्वच्छता पर कार्यशाला का उद्देश्य शहरी स्वच्छता की चुनौतियों का समाधान करके स्वच्छ भारत के लिए प्रतिभागी राज्यों और शहरों को सक्रिय रूप से ठोस, किफायती तथा सतत स्वच्छता समाधान को लागू करने में सक्षम बनाना है। कार्यशाला में दिल्ली के उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल, आवास तथा शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा तथा अमृत शहरों के 500 से अधिक पालिका आयुक्तों और वरिष्ठ अधिकारियों के शिष्टमंडल ने भाग लिया। इस अवसर पर श्री अनिल बैजल ने कहा कि गुगल मैप पर सार्वजनिक शौचालयों को खोजने का फीचर संभावनाओं से भरा है। नागरिकों को स्वच्छ, चालू और उपयोगी शौचालय ढूंढने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

 उन्होंने स्वीकार किया कि अनेक सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति सुधारने की गुंजाइश है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि 800 से अधिक शहरों में 33,000 से अधिक शौचालय लाइव हो गए हैं और गुगल मैप पर नागरिक इनकी समीक्षा कर सकते हैं। उन्होंने मंत्रालय द्वारा लांच किए गए शौचालय मानिटरिंग टूल डैशबोर्ड की सराहना करते हुए कहा कि यह शहरी निकायों के लिए निगरानी उपाय के रूप में उपयोगी होगा और इससे सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति की सच्ची तस्वीर प्राप्त होगी।आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में सचिव श्री दुर्गा शंकर ने स्‍वच्‍छ भारत मिशन (शहरी) की अब तक की उपलब्धिों की चर्चा की। उन्‍होंने बताया कि 19 राज्‍य और संघ शासित प्रदेश अपने शहरी क्षेत्रों में खुले में शौच मुक्‍त (ओडीएफ) हो चुके हैं, और 94 प्रतिशत से अधिक कस्‍बे और शहर पहले से ही खुले में शौच मुक्‍त हैं। इस उपलब्धि को घरों में करीब 60.53 लाख शौचालय का निर्माण करके (मिशन लक्ष्‍य 66 लाख के विपरीत; यानी 91.7 निर्मित और लक्ष्‍य के विपरीत निर्माणाधीन), और मिशन के अंतर्गत सामुदायिक/सार्वजनिक शौचालयों की 4.7 लाख सीट (मिशन लक्ष्‍य 5.07 लाख सीटों के विपरीत; यानी 92.7 निर्मित और लक्ष्‍य के विपरीत निर्माणाधीन) बनाकर हासिल किया गया है।इस अवसर पर मंत्रालय ने ‘ट्रांसफोर्मिंग अर्बन लैंडस्‍केप्‍स ऑफ इंडिया : सक्‍सेस स्‍टोरीज़ ऑन सेनीटेशन’ शीर्षक से एक पुस्‍तक जारी की।