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केंद्रीय मंत्री विजय गोयल का सरकारी आंकड़ों की सटीकता एवं गुणवत्ता तय करने पर बल

केन्द्रीय सांख्यिकी मंत्रालय स्थापित करेगा राष्ट्रीय डाटा वेयरहाउस

5 Dariya News (मनोज रतन)

धर्मशाला 15-Nov-2018

केन्द्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्य मंत्री विजय गोयल ने वीरवार को धर्मशाला में भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा आयोजित केन्द्रीय और राज्यों के सांख्यिकीय संगठनों (सीओसीएसएसओ) के 26वें दो दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस दौरान हिमाचल सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री किशन कपूर विशेष रूप से उपस्थित रहे। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने हिमाचल सरकार के अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग के सहयोग से इस सम्मलेन का आयोजन किया है। सम्मेलन का इस बार का मुख्य विषय ‘सरकारी आंकड़ों में गुणवत्ता आश्वासन’ है। इसमें देशभर के सांख्यिकीविद और अर्थशास्त्री भाग ले रहे हैं।इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने अपने संबोधन में देश में सांख्यिकीय प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए केद्र और राज्य सरकारों के मध्य बेहतर तालमेल के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने सांख्यिकीय एंजेंसियों द्वारा प्रकाशित विभिन्न सरकारी आंकड़ों की सटीकता एवं गुणवत्ता सुनिश्चित बनाने पर भी बल दिया।उन्होंने मौजूदा डाटा संकलन प्रणाली में कमियों को दूर करने के लिए मंत्रालय द्वारा उठाये गये महत्वपूर्ण कदमों का उल्लेख करते हुये कहा कि मंत्रालय एक राष्ट्रीय डाटा वेयरहाउस स्थापित करने के लिए प्रयास कर रहा है जो देश में सरकारी आंकड़ों के कोष की तरह होगा। इसके लिए देशभर में तीन अलग-अलग प्रकार के सर्वे किए जांएगे, तथ इसे 2019 में पूरे देश में लागू किया जाएगा। इसके लिए उच्चस्तरीय स्टैंडिग कमेटी के गठन को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि आंकड़ों को दुरूस्त करना सुशासन का ही एक प्रकार है। राष्ट्रीय डाटा वेयरहाउस से देश के योजनाकारों को हर वर्ग के लोगों के लिए सही योजनाएं बनाने में सहायता मिलेगी।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा इस बात पर जोर देते हैं कि सरकारी आंकड़े सही होने चाहिए तथा उनमें गुणवत्ता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी को लेकर आज यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है जिसमें इन विषयों को लेकर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़े ऐसे मापदंड हैं जिनसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार किस प्रकार काम कर रही है।उन्होंने कहा कि जिन राज्य सरकारों ने सांख्यिकी प्रणाली को मजबूत किया है आज वही सरकारें सुशासन प्रदान करने में अग्रणी हैं।उन्होंने कहा यह सम्मेलन केन्द्रीय व राज्य सरकारों के सांख्यिविदों को एक दूसरे के विचार सांझा करने समान सांख्यिकी गतिविधियों के बारे में विचार-विमर्श करने व केन्द्रीय व राज्यों के सांख्यिकी संगठनों के बीच बेहतर तालमेल बिठाने हेतू महत्वपूर्ण मंच उपलब्ध करवाता है।  इसके अतिरिक्त इस सम्मेलन में सरकारी व निजी संस्थाओं के योजनाकारों को समय पर विश्वसनीय आंकड़े उपलब्ध करवाने हेतू भी चर्चा की जाती है।

हिमाचल सरकार लाई व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन : किशन कपूर 

इस अवसर पर खाद्य आपूर्ति मंत्री किशन कपूर ने कहा कि पिछले दस महीनों में हिमाचल सरकार ने व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन किये हैं। केन्द्र द्वारा संचालित कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के साथ साथ प्रदेश सरकार ने अनेक नई योजनाएं लागू की हैं जिनका लाभ प्रदेश की जनता को मिल रहा है।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गृहिणी सुविधा योजना लागू कर हर परिवार को गैस कनेक्शन की व्यवस्था की है।इसके अलावा समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के जीवन में सुधार के लिए गरीबोंके हित की योजनाएं लागू की गई हैं। बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए युवाओं को स्वरोजगार लगाने में मदद की जा रही है। इसके लिए उन्हें सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समय-समय पर विभिन्न विभागों की समीक्षा कर सरकारी आंकड़ों की गुणवत्ता पर जोर दे रही है ताकि अपनी सार्थक नीति और योजनाएं बनाने में इनका प्रयोग किया जा सके।  उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर की योजनाओं के लिए डाटा की बहुत मांग बढ़ गई है तथा योजना निर्माण की प्रक्रिया को और मजबूत बनाने के लिए आंकड़ों के संकलन एवं प्रकाशन में गुणवत्ता तय की गई है।इस अवसर पर राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष पीसी मोहनन, महानिदेशक(आर्थिक सांख्यिकी)केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय ज्योतिर्मय पोदार, हिमाचल प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव(वित्त, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी) अनिल कुमार खाची और अतिरिक्त महानिदेशक (आर्थिक सांख्यिकी) टी.के बासु ने सांख्यिकी प्रणाली की मजबूती को लेकर अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त किए।