5 Dariya News

कृषि के साथ सहायक धंधा अपना किसानों के लिए प्रेरणा बनी प्रगतिशील किसान दंपत्ति रविंदर व अमरीक

किन्नू की खेती के साथ-साथ एग्रो सोया मिल्क प्लांट लगा आर्थिकता में किया इजाफा, डिप्टी कमिश्नर ने की किसान दंपत्ति की सराहना

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होशियारपुर 10-Nov-2018

जिले के गांव गंभोवाल के अग्रणी किसान दंपत्ति बीबी रविंदर कौर व अमरीक सिंह ने कृषि के साथ-साथ सहायक धंधा अपना कर न  सिर्फ अपनी आय में वृद्धि की है बल्कि वे अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत बने है। अपने क्षेत्र में मिसाल कायम करते हुए इस दंपत्ति ने किन्नू की खेती के साथ-साथ सोयाबीन की प्रोसेसिंग पर काम किया और आज वे अपने गांव में एग्रो सोया मिल्क प्लांट लगाकर आर्गेनिक सोयाबीन से दूध व पनीर बनाने का काम कर रहे हैं। डिप्टी कमिश्नर ईशा कालिया ने किसान दंपत्ति के प्रयास की प्रशंसा करते हुए कहा कि कृषि के साथ-साथ सहायक धंधे अपना कर किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकता है और बीबी रविंदर कौर व अमरीक सिंह इसकी मिसाल है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे उन्नत कृषि की ओर आगे आएं और फसली चक्र से निकलते हुए वैकल्पिक कृषि को अपनाएं। उन्होंने कहा कि आज जिले के कई किसान कृषि के साथ-साथ सहायक धंधे अपना कर आर्थिक तौर पर काफी मजबूत हो रहे हैं। अग्रणी किसान दंपत्ति बीबी रविंदर कौर व श्री अमरीक सिंह ने कहा कि वे जैविक तरीके से किन्नू की फसल लगाते हैं। एक बार उनके पिता घर में सोयाबीन का पनीर लेकर आए तो उनके मन में भी ख्याल आया कि क्यों न वे खेती के साथ इस सहायक धंधे को अपना कर अपने क्षेत्र में भी इस काम को शुरु  करें। इसके बाद वे कृषि विकास केंद्र बाहोवाल गए जहां से उन्हें सही दिशा मिली। 

वर्ष 2015-16  में सोयाबीन की प्रोसेसिंग के लिए वे सैंट्रल इंस्टीट्यूट आफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग भोपाल में व्यवसायिक  प्रशिक्षण के लिए गए और वहां से ट्रेनिंग लेकर अपना प्लांट लगाया। प्लांट लगने के बाद उनके द्वारा तैयार किया गया दूध व पनीर की क्षेत्र में काफी मांग बढ़ी जिससे आज वे आर्थिक तौर पर काफी मजबूत हुए हैं। अमरीक सिंह ने कहा कि कृषि के साथ-साथ सहायक धंधे अपनाना आज समय की जरु रत हैं। उन्होंने कहा कि वे कई किसानों को धान की खेती से मक्क ी, क्वार व सब्जियां लगाने के लिए प्रेरित कर चुके हैं और कईयों ने इसे अपना कर फायदा भी कमाया है।  उन्होंने कहा कि उपरोक्त कृषि कर किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकता है। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी रवनीत कौर एम.एस.सी(एग्रीकल्चर) कर रही है और वह भी छुट्टी के दिन उनके साथ पूरा हाथ बंटाती है। इस कार्य में पूरा परिवार एक साथ काम करता है जिससे उनकी आर्थिकता में काफी वृद्धि हुई है। मुख्य कृषि अधिकारी डा. विनय कुमार ने कहा कि सोयाबीन की दाल प्रोटिन का खजाना है। इसमें 40 प्रतिशत प्रोटिन, 21 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट्स, 20 प्रतिशत तेल व अन्य कई तत्व होते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में छोटे बच्चों की कुपोषण की समस्या को हल करने के लिए सोयाबीन पदार्थ की दिन ब दिन मांग बढ़ती जा रही है। सोयाबीन फसली विभिन्नता में महत्वपूर्ण भूमिक निभा रही है। उन्होंने कहा कि जहां पंजाब राज्य किसान कमिशन की ओर से सोयाबीन की फसल को अपनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं वहीं कृषि विभाग व कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना की ओर से भी किसानों को उन्नत किस्मों के बीज लगाने की सिफारिश की गई है।