5 Dariya News

भरपूर फसलों के लिए आग लगाने का रुझान बंद किया जाए: कृषि विज्ञान केंद्र की कि किसानों को अपील

पराली न फूँकने के लिए किसानों को जागरूक कर रहा है कृषि विज्ञान केंद्र

5 Dariya News

मानसा 02-Nov-2018

अगली फ़सल बीजने से पहले पिछली फ़सल के अवशेष को न फूँकने के लिए किसानों को प्रेरित करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र (के.वी.के) इन दिनों आखिऱी प्रयास कर रहा है।किसानों को पराली फूँकने के नुक्सानों बारे जागरूक करने के लिए के.वी.के., मानसा ने छोटे और हाशीए पर धकेले किसानों पर ध्यान केन्द्रित करने का फ़ैसला किया है। इसके अंतर्गत किसानों को पराली फूँकने के नुक्सानों बारे जागरूक करने के लिए कैंप लगाने पर अगली फ़सल की सीधी बिजवाई बारे प्रदर्शनी के द्वारा जागरूक किया जा रहा है।के.वी.के. -खोखर खुर्द के सहायक डायरैक्टर डा. गुरजिन्दरपाल सिंह सोढी ने कहा कि किसानों को हैपी सिडर के प्रयोग से खेती के कुदरती तरीके अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को पराली न फूँकने की सलाह दी गई है क्योंकि इसका भूमि और फ़सल पर बुरा प्रभाव पड़ता है।स. सोढी ने कहा कि पराली फूँकने की समस्या के ख़ात्मे के लिए मशीनों के प्रयोग बारे किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र ने चार गाँवों के किसानों के प्रयोग के लिए हैपी सिडर भेजे हैं। केंद्र माहिर किसानों को 500 एकड़ ज़मीन में किसानों को सीधी बिजवाई बारे शिक्षित करेगा। उन्होंने कहा कि इस मंतव्य के लिए मानसा जिले के दो गाँवों माखा और बुर्ज ढिल्लवां को अपनाया गया है।

सहायक डायरैक्टर ने बताया कि इन तकनीकों के प्रयोग सम्बन्धी कृषि विज्ञान केंद्र को किसानों से भारी समर्थन मिला है और पास के गाँवों से भी बड़ी संख्या में किसान इन तकनीकों के बारे जानकारी हासिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि के.वी.के. ने पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी (पीएयू), लुधियाना की सीधी निगरानी में यह प्रोजैक्ट शुरू किया है।श्री सोढी ने कहा कि इन गाँवों में प्रदर्शनी शुरू करने से पहले सैमीनार करवा कर गाँव वासियों के साथ सीधा संवाद भी शुरू किया गया है जिससे वह नाड़ और पराली फूँकने के बुरे नतीजों से अवगत हो सकें। उन्होंने कहा कि किसानों को बताया जा रहा है कि पराली फूँकने से उन पर कीटनाशकों के रूप में फ़ाल्तू वित्तीय बोझ पड़ता है क्योंकि आग से मित्र कीड़े और भूमि के उपजाऊ तत्व ख़त्म हो जाते हैं।उन्होंने कहा कि मानसा के गाँवों से बड़ी संख्या में लोग पराली न फूँकने के खि़लाफ़ शपथ लेने के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि इस समस्या के ख़ात्मे के लिए किसानों को हैपी सिडर मशीनों का प्रयोग सांझे तौर पर भी करने के लिए कहा गया है।