5 Dariya News

पंचायत चुनाव दिसंबर 2018 के प्रथम सप्ताह से पहले होंगे : तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा

इस सम्बन्धी दो दिन पहले आर्डीनैंस जारी किया जा चुका है, बाजवा ने कहा कि शिरोमणी अकाली दल अब किसी मुकाबले लायक नहीं रहा

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जगराओं (लुधियाना) 02-Nov-2018

शहरी एवं ग्रामीण विकास मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने कहा कि राज्य में ग्राम पंचायत चुनाव इसी साल नवंबर के आखिरी हफ्ते या दिसंबर के पहले करवाई जाएंगे। उन्होंने कहा कि औरतों को 50 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कानून में कुछ ज़रूरी बदलाव किये जाने थे, जिनको करने के उपरांत दो दिन पहले राज्य सरकार ने इस सम्बन्धी आर्डीनैंस जारी कर दिया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि ग्राम पंचायत चुनाव तय प्रोग्राम अनुसार ही होंगे। जगराओं के नज़दीक जी.एच.जी अकैडमी में करवाए गए समागम के अवसर पर बोलते हुए उन्होंने यह जानकारी दी। उन्होंने साथ ही स्पष्ट किया कि पंचायत चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र माहौल में करवाए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि ब्लॉक समिति और जि़ला परिषद चेयरमैन बनाने की कार्यवाही ग्राम पंचायत चुनाव की समाप्ति के तुरंत बाद पूरी की जायेगी।शिरोमणी अकाली दल पर तंज कसते हुए स. बाजवा ने कहा कि अकाली और आम आदमी पार्टी अब कांग्रेस के मुकाबले योग्य नहीं रही। उन्होंने कहा कि राज्य के बुद्धिमान लोगों के सामने बरगाड़ी मामलों में अकाली दल का असली चेहरा नंगा हो चुका है। उन्होंने कहा कि बहुत से सीनियर अकाली नेता अकाली दल के जहाज में से निकल रहे हैं क्योंकि वह बादलों के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ जुड़े नहीं रहना चाहते। शिरोमणी अकाली दल बारे एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए बाजवा ने कहा कि अकाली दल राज्य के वोटरों के सामने बुरी तरह से बेनकाब हो कर अपनी विश्वसनीयता गंवा चुका है। 

उन्होंने कहा कि इसी लिए अकाली दल साजिशें रच कर ग़ैर मुद्दों को मुद्दा बनाकर अपनी साख़ बचाने की ताक में है और अमृतसर में दिया जा रहा धरना इस की मिसाल है।स. बाजवा ने स्पष्ट किया है कि वह इतिहास को किसी भी स्तर पर किसी के भी द्वारा तोड़ मरोड़ कर पेश करने के सख़्त खि़लाफ़ हैं। इसके साथ ही उन्होंने शिरोमणी अकाली दल के प्रधान स. सुखबीर सिंह बादल और शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान स. गोबिन्द सिंह लोंगोवाल से पूछा कि उन्होंने शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से छापी गई सिख इतिहास की किताबों में तथ्यों को तोडऩे मरोडऩे के लिए जि़म्मेवार व्यक्तियों के खि़लाफ़ क्या कार्यवाही की है।श्री बाजवा ने कहा कि ऐसा लगता है कि सुखबीर बादल और लोंगोवाल तो समकालीन इतिहास से भी बिल्कुल ही अनजान हैं, नहीं तो उन्होंने पहले से ही 12वीं कक्षा की वापिस ली हुई इतिहास की किताब में ऐतिहासिक तथ्यों को तोडऩे मरोडऩे के मामले को लेकर राजनैतिक मुद्दा बनाने की कोशिश न की होती।उन्होंने कहा कि स. सुखबीर सिंह और गोबिन्द सिंह लोंगोवाल भूलने की बीमारी से पीडि़त हैं, इसी लिए उनको याद कराया जाता है कि ‘सिख इतिहास’ किताब जो शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से प्रकाशित की गई थी में सिखों के 9वें गुरू गुरू तेग़ बहादर को ‘चोर’, 6वें गुरू को ‘अगवाकार’ और 10वें गुरू साहिब को ‘डरपोक’ कहा गया था। सितम्बर 2007 में प्रकाश सिंह बादल के मुख्यमंत्री होते हुए यह मामला सामने आया था। इस किताब का वितरण भारी विरोध प्रदर्शनों के चलते बंद करना पड़ा था।